/mayapuri/media/post_banners/bbfd57e9af67aa852a59b572b067928f4745e639a84c7de1b67f243a9ea3844b.jpg)
बॉलीवुड
के
वो
मशहूर
हस्ती
है
,
जिन्हें
इंडस्ट्री
के
चोटी
के
स्टार्स
से
लेकर
नए
एस्पायरिंग
कलाकार
तक
सब
जानते
और
मानते
हैं
,
बहुमुखी
प्रतिभा
के
धनी
मुकेश
एक
इंडियन
फिल्म
मेकर
हैं
,
कास्टिंग
डायरेक्टर
हैं।
एक्टिंग
वर्कशॉप
निर्देशक
हैं
और
खुद
बेहतरीन
एक्टर
भी
हैं
,
उन्होंने
ढेर
सारी
टॉप
की
फिल्मों
में
कई
एक्टर्स
को
कास्ट
कराया
है
जैसे
,
विकास
बहल
की
‘
चिल्लर
पार्टी
’
अनुराग
कश्यप
कृत
‘
गैंग्स
ऑफ
वासेपुर
’
अभिषेक
कपूर
की
‘
काय
पो
छे
’ ,
निखिल
आडवाणी
कृत
‘
डी
डे
’
तथा
कई
और
फिल्में
जैसे
शाहिद
,
चेन्नई
एक्सप्रेस
,
जय
हो
,
हंसी
तो
फंसी
,
मस्तराम
वगैरह।
उन्होंने
टीवी
सीरीज
के
लिए
भी
कास्टिंग
की
,
गत
वर्ष
सुशांत
सिंह
राजपूत
को
लेकर
बहुचर्चित
फिल्म
’
का
निर्देशन
डेब्यू
भी
उन्होंने
किया
था।
सुलेना
मजुमदार
अरोरा
प्रस्तुत
है
,
मुकेश
छाबड़ा
से
एक
एक्ससीलुसिव
साक्षात्कार
न्यू नॉर्मल में काम करना कैसा लग रहा है?
जैसी
स्थिति
है
,
उसे
तो
एक्सेप्ट
करना
ही
पड़ता
है
,
और
हम
सब
एक्सेप्ट
कर
भी
रहे
हैं
,
एक
नया
बदलाव
है
,
नई
चुनौती
है
,
काफी
मजा
भी
आ
रहा
है
,
सब
कुछ
ऑनलाइन
हो
रहा
है
,
जैसा
वक्त
चल
रहा
है
वैसा
ही
हमें
चलना
पड़
रहा
है
इसे
ही
तो
न्यू
नॉर्मल
कहा
जाता
है
,
ओवरऑल
मजा
ही
आ
रहा
है
।
जैसा कि पहले होता था कि,आमने-सामने यानी फिजिकल कास्टिंग आप किया करते थे, लेकिन अब वर्चुअल कास्टिंग कर रहे हैं तो इसमें आपको क्या और कितना बदलाव लग रहा है?
ऑनलाइन
कास्टिंग
करना
तो
थोड़ा
अलग
है
ही
और
मेरे
ख्याल
से
यह
कई
मायने
में
फिजिकल
कास्टिंग
से
काफी
चुनौतीपूर्ण
भी
है।
फिजिकल
कास्टिंग
के
अपने
प्रोस
हैं
और
अपने
कॉन्स
है
,
जबकि
ऑनलाइन
कास्टिंग
के
अपने
प्रोस
है
और
अपने
कॉन्स
हैं
,
उदाहरण
के
लिए
जब
हम
आमने
-
सामने
कास्टिंग
करते
थे
तो
एक
वक्त
में
ज्यादा
लोगों
को
परख
नहीं
सकते
थे।
यही
समझ
लीजिए
कि
हम
लगभग
दस
एस्पायरिंग
एक्टर्स
को
जांच
कर
सकते
थे
,
जबकि
ऑनलाइन
में
हम
एक
वक्त
में
100
लोगों
को
परख
सकते
हैं।
परन्तु
आमने
-
सामने
होने
से
जहां
हम
अपने
सवाल
उनसे
उसी
वक्त
करके
जवाब
ले
सकते
थे
लेकिन
वर्चुअल
में
हमें
उनसे
तुरंत
आमने
-
सामने
सवाल
जवाब
ऑडिशन
नहीं
ले
सकते।
लेकिन
इसके
साथ
ही
यह
भी
है
कि
वर्चुअल
कास्टिंग
होने
से
लोग
दूर
देश
से
और
भारत
के
कोने
-
कोने
से
अपने
घर
बैठे
मुझसे
सम्पर्क
कर
सकतें
हैं
,
सिर्फ
कास्टिंग
के
लिए
मेरे
सामने
आकर
प्रस्तुत
होने
की
उन्हें
जरूरत
नहीं
होती
है।
आपने बहुचर्चित वेब सीरीज ‘डेल्ही क्राइम’ की बेहतरीन कास्टिंग की, और उस सीरीज ने हाल ही में इंटरनेशनल एमी अवाॅर्ड जीती है, जिसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई, आपको जब ये खुशखबरी मिली तो कैसा अनुभव हुआ?
मुझे
बहुत
खुशी
हुई
,
ये
तो
जाहिर
सी
बात
है
कि
,
जब
हमारा
काम
इंटरनेशनल
लेवल
पर
,
इंटरनेशनल
प्लेटफॉर्म
पर
एप्रिशिएट
और
रिकाॅग्नाइज
होता
है
तो
वो
फीलिंग
अमेजिंग
होती
है
,
इस
अवाॅर्ड
के
घोषित
होते
ही
हर
तरफ
से
मुझे
बधाईयां
मिलने
लगी।
मेरे
बॉलीवुड
के
डायरेक्टर
,
प्रोड्यूसर
दोस्त
,
मेरे
चाहने
वालों
ने
मुझे
कांगे्रचुलेट
किया
,
नैचुरली
ये
एक
ह्यूज
अवाॅर्ड
है
,
पहली
बार
ऐसा
हुआ
तो
बेहद
उत्साहित
हुआ।
बहुत
सारे
उतार
चढ़ाव
देखें
हैं
मैंने
अपने
करियर
जीवन
में
,
ऐसे
में
जब
मेरी
कठोर
मेहनत
,
लगन
और
कर्म
को
इंटरनेशनल
प्लेटफॉर्म
पर
सराहा
गया
तो
खुशी
तो
होगी
ही।
ऑडिएंस
को
लगता
होगा
कि
किसी
फिल्म
या
सीरीज
के
लिए
एक्टर्स
को
सिलेक्ट
करना
आसान
काम
है
,
लेकिन
ऐसा
बिल्कुल
नहीं
है।
ह
में
पहले
कांसेप्ट
और
कहानी
को
थॉरोली
समझना
और
स्टडी
करना
पड़ता
है
कि
,
इसमें
कौन
से
एक्टर
फलाँ
चरित्र
के
लिए
इमोशनली
इन्वेस्ट
कर
सकेगा
,
यही
मैंने
‘
डेल्ही
क्राइम
’
में
किया
है।
हमारी
पूरी
टीम
की
मेहनत
सफल
रही।
आपने अपने करियर की शुरुआत फिल्मों में पहले बतौर असिस्टेंट कास्टिंग डायरेक्टर की, फिर छोटी फिल्मों के इंडिपेंडेंट कास्टिंग डायरेक्टर से लेकर बड़ी और भव्य फिल्मों के कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में किया, फिर आप डायरेक्टर भी बने, इस अब तक की यात्रा के बारे में आप क्या कहेंगे?
सच
कहूं
तो
पीछे
मुड़
कर
देखने
का
तो
समय
ही
नहीं
मिला
लेकिन
सोचता
हूं
तो
बड़ा
अच्छा
लगता
है
कि
हर
इंसान
जब
कुछ
सपने
लेकर
अपने
कर्म
क्षेत्र
में
आता
है
,
और
बहुत
मेहनत
के
बाद
उसके
सपने
उड़ान
भरने
लगते
है
तो
उसे
वाकई
बहुत
अच्छा
लगता
है।
जब
मैं
मुंबई
में
आया
तो
कई
प्रोजेक्ट्स
पर
काम
करने
लगा
,
फिर
मेरी
कास्टिंग
कुशलता
को
देखकर
सबने
कहा
कि
,
क्यों
नहीं
मैं
कास्टिंग
को
अपना
प्रोफेशन
बना
लूँ
क्योंकि
मैं
बहुत
सही
परख
कर
पाता
हूं।
मुझे
भी
ये
सही
महसूस
हुआ
तो
मैंने
स्वतंत्र
रूप
से
कास्टिंग
करना
शुरू
किया
,
अपनी
खुद
की
कास्टिंग
कम्पनी
,
एजेंसी
शुरू
की
,
उसके
बाद
फिर
कभी
पीछे
मुड़कर
नहीं
देखा।
किसी फिल्म या सीरीज के लिए सही कास्टिंग को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, इस बारे में आप क्या कहते हैं?
जी
हां
कास्टिंग
बहुत
ही
महत्वपूर्ण
डिपार्टमेंट
है
,
किसी
भी
फिल्म
या
सीरीज
के
बनने
में
,
अगर
कास्टिंग
सही
नहीं
होगी
तो
,
फिल्म
का
डायरेक्शन
कितना
भी
अच्छा
हो
या
कहानी
कितनी
भी
अच्छी
हो
,
वो
दर्शकों
के
दिल
में
नहीं
उतर
पाता।
ऑफ
कोर्स
फिल्म
या
सीरीज
के
राइटर
और
डायरेक्टर
सबसे
महत्वपूर्ण
होते
हैं
,
किसी
सब्जेक्ट
को
खड़ा
करने
के
लिए
,
क्योंकि
वे
अच्छी
कहानी
लिखेंगे।
अच्छा
डायरेक्शन
देंगे
तो
उस
पर
अच्छी
कास्टिंग
हो
सकती
है
,
उसके
बाद
सही
कलाकारों
का
स्क्रिप्ट
के
अनुसार
चयन
होना
सबसे
जरूरी
हो
जाता
है
,
तो
मुझे
लगता
है
कि
कास्टिंग
का
डिपार्टमेंट
बहुत
ही
महत्वपूर्ण
और
जिम्मेदारी
से
भरा
हुआ
डिपार्टमेंट
है।
आपने अब तक फिल्म और डिजिटल मीडिया को कितने सारे नए और टैलेंटेड कलाकार दिए हैं, जो आज टॉप पर हैं, तो जब आप कोई नए एक्टर को कास्ट करते हैं तो सबसे पहले उनमें क्या देखतें हैं ऑडिशन के वक्त?
सबसे
पहले
मैं
नए
कलाकारों
में
कितनी
ऑनेस्टी
है
,
कितनी
सिंसेरिटी
है
,
उनमें
अपने
काम
के
प्रति
कितनी
लगन
और
पॉजिटिविटी
है
,
यह
देखता
हूं
,
क्या
वे
लोग
जेनुइनली
कोशिश
कर
रहे
है
अपने
करियर
को
लेकर
?
इस
पर
मेरा
पूरा
ध्यान
रहता
है
,
मेरा
इंस्टिंक्ट
मुझे
बता
देता
है
कि
,
मैं
सही
कास्ट
कर
रहा
हूं
या
नहीं
,
एक
बार
मुझे
किसी
चरित्र
के
लिए
सही
कलाकार
मिल
जाए
तो
फिर
समझिए
मेरा
आधा
काम
हो
चुका
!
अगर आप किसी एक्टर को रिजेक्ट कर देते हैं तो उन्हें बुरा लगता होगा? उनके ग्रजेस को आप कैसे हैंडल करते हैं?
यह
सही
है
कि
,
जिन्हें
मैं
नहीं
चुनता
हूँ
उन्हें
बुरा
लगता
होगा
,
लेकिन
उन्हें
समझना
चाहिए
कि
इसमें
मेरा
कोई
पर्सनल
फीलिंग
नहीं
है
,
हम
जो
करते
हैं
वह
रोल
और
स्क्रिप्ट
को
बेस्ट
सूट
हो
,
उस
हिसाब
से
करते
हैं
।
मैं
सिर्फ
टैलेंट
पर
फोकस
रखता
हूं
और
मुझे
हर
बार
फिल्मों
या
सीरीज
के
लिए
नए
और
अनछुए
चेहरे
प्रस्तुत
करने
में
बहुत
आनंद
आता
है।
अब आप दोबारा डायरेक्टर के रूप में कौन सी फिल्म बनाने वाले हैं?
फिलहाल
मैं
कास्टिंग
डिपार्टमेंट
पर
ही
ध्यान
देना
चाहता
हूँ
,
काफी
समय
हो
गया
मैंने
इस
ओर
फोकस
नहीं
किया
,
फिल्म
‘
दिल
बेचारा
’
के
बाद
अब
जाकर
वापस
अपने
ऑरिजिनल
फील्ड
में
लौटा
हूँ
।
मुझे
बहुत
मजा
आ
रहा
है
,
छः
सात
महीने
अब
मैं
इसीमें
रमे
रहना
चाहता
हूँ
,
उसके
बाद
देखेंगे
,
कोई
बहुत
अच्छी
दिल
को
छूने
वाली
सब्जेक्ट
मिले
तो
मैं
जरूर
डायरेक्शन
में
लौटूँगा।
बतौर कास्टिंग डायरेक्टर आपके आने वाले नए प्रोजेक्ट्स कौन कौन से है?
बहुत
सारे
सीरीज
और
फिल्में
आने
वाली
है
इस
साल
,
जैसे
‘
डेल्ही
क्राइम
सीजन
2’, ‘83’, ‘
ब्रह्मास्त्र
’, ‘
लाल
सिंह
चड्ढा
’, ‘
शाबाश
मिठू
’
तथा
अन्य
24
शोज
,
आने
वाले
महीने
बेहद
व्यस्त
होंगे
तथा
कई
और
फिल्मों
की
बातचीत
चल
रही
है
,
लिस्ट
लंबी
है
!
आप मायापुरी पत्रिका के बारे में क्या कहेंगे?
मायापुरी
वो
पत्रिका
है
,
जिसे
मैं
बचपन
से
ही
देखता
और
पढ़ता
आया
हूँ
,
सच
कहूँ
तो
मैं
मायापुरी
में
ही
पला
बढ़ा
हूँ
और
फिल्म
इंडस्ट्री
से
जुड़ने
का
रास्ता
मुझे
मायापुरी
से
ही
मिला।
मैं
जब
फिल्म
स्टार्स
जैसे
मिथुन
चक्रवर्ती
,
अमिताभ
बच्चन
तथा
कई
और
टॉप
स्टार्स
को
लेटर
लिखना
चाहता
था
तो
,
मायापुरी
में
छपने
वाले
स्टार्स
के
अड्रेससेस
से
पता
ठिकाना
कॉपी
करता
था।
अगर
आपको
फिल्म
इंडस्ट्री
में
जाना
है
तो
पहले
फिल्म
इंडस्ट्री
के
बारे
में
सारी
जानकारियां
प्राप्त
करना
होगा
और
वो
जेनुइन
जानकारियां
आपको
मायापुरी
के
सिवाय
और
कहीं
नहीं
मिल
सकती
है।
इसलिए
सब
फिल्म
एंड
फिल्म
इंडस्ट्री
लवर्स
के
लिए
मायापुरी
एक
एंटरटेनिंग
ही
नहीं
,
साथ
ही
जरूरी
पत्रिका
है।
आप अपने फैंस को क्या कहना चाहतें हैं?
मैं
अपने
सारे
फैंस
,
चाहने
वाले
और
मायापुरी
के
लाखों
पाठकों
को
धन्यवाद
देना
चाहूँगा
,
उनके
मेरे
प्रति
इतना
प्यार
और
सम्मान
के
लिए
।
बस
यह
प्यार
बनाएं
रखिए
और
हमेशा
याद
रखिए
की
अगर
आपको
भी
अभिनय
जगत
में
करियर
बनाना
है
तो
,
अपने
काम
के
प्रति
सिंसियर
रहें।
अपनी
मेहनत
और
लगन
के
प्रति
ईमानदार
और
फोकस्ड
रहें
,
पॉजिटिव
रहें
और
डट
कर
अपनी
प्रतिभा
को
उजागर
करें।