मुझे नहीं पता कि ईगो क्या है, मैं बस अपना काम करने से मतलब रखता हूँ:गौतम गुलाटी

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By Siddharth Arora 'Sahar'
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मुझे नहीं पता कि ईगो क्या है, मैं बस अपना काम करने से मतलब रखता हूँ:गौतम गुलाटी

सबसे पहले अपनी जर्नी बताइए, कैसा रहा अब तक का लम्बा सफ़र? किनती मुश्किलें आईं? कामयाबियों पर कैसा रिएक्शन देते हैं? कोई फॉलबैक हुआ तो आपका कैसा रिएक्शन रहा?

मैं दिल्ली में पला बढ़ा हूँ, दिली यूनिवर्सिटी से ही मैं ग्रेजुएट हुआ हूँ। मैं बचपन से ही एक्टिंग करने का शौक रखता था। फिर मुंबई आने के बाद मैंने ऑडिशन देने शुरु किए, लकली टीवी पर काम मिलना शुरु हो गया। टीवी पर मेरी शुरुआत एक्चुअली ‘कहानी हमारे महाभारत की’ से भी पहले, कसम से नाम के एक सीरियल से हुई थी। फिर एक के बाद एक सीरियल मिलते गये, फिर बिग बॉस सीज़न में एट में कंटेस्टेंट के तौर पर आया फिर तो आप सब जानते ही हैं।

मुझे नहीं पता कि ईगो क्या है, मैं बस अपना काम करने से मतलब रखता हूँ:गौतम गुलाटी

राधे में सलमान खान के साथ काम करना कैसा रहा?

ऑब्वियसली बहुत अच्छा, ही इज़ सो हेल्पफुल एंड प्रोफेशनल। वो इंडिया के टॉप मोस्ट स्टार हैं। उनके साथ काम करना यूँ तो सपना होता है हर एक्टर के लिए, बट ही इज़ सो पोलाईट है, यस, अच्छा रहा उनके साथ काम करना

एकता कपूर के फेमस शो ‘कहानी हमारे महाभारत की’ इतनी बड़ी हाइप के बाद भी फ्लॉप शो साबित हुआ था, शायद इसी वजह से ये पूरा भी नहीं हो पाया था, कैरियर की शुरुआत में आपने इसको किस तरह हैंडल किया?

आप अगर याद करें तो महाभारत में मेरे करैक्टर दुर्योधन की बहुत तारीफ हुई थी। बाद में शो में बहुत से चेंजेस हुए और कुछ कंट्रोवर्सी के बाद वो बंद हो गया पर मेरे लिए उसमें बहुत कुछ पॉजिटिव था जो मैंने निकाल लिया, इन्फक्ट उस शो की वजह से मुझे दो और शो मिले। सो मेरे लिए तो वो बढ़िया रहा।

मुझे नहीं पता कि ईगो क्या है, मैं बस अपना काम करने से मतलब रखता हूँ:गौतम गुलाटी

टीवी सीरियल्स, फिल्म्स और अब वेब सीरीज़ में काम करते वक़्त आपको क्या फ़र्क नज़र आया? और आप इनमें से किसे फर्स्ट प्रेफेरेंस देंगे?

देखिए जिस वेब सीरीज़ की आप बात कर रहे हैं, वो असल में एक फिल्म ही थी, पर वो रिलीज़ वेब सीरीज़ की तरह हुई थी सो मेरे लिए टीवी और फिल्म्स, इन दो ही स्क्रीन्स का एक्सपीरियंस हुआ है। हाँ, मैं आने वाले समय में वेब सीरीज़ में ज़रूर दिखूंगा, मेरे पास कुछ प्रोजेक्ट्स आते भी हैं पर सब कुछ देखना पड़ता है, बैनर क्या है, स्टोरी की है, अपना करैक्टर कितना स्ट्रोंग है या क्या है। सो ऑन।

मुझे नहीं पता कि ईगो क्या है, मैं बस अपना काम करने से मतलब रखता हूँ:गौतम गुलाटी

अच्छा गौतम, वो क्या वजह है कि टीवी इंडस्ट्री में काम करने वाले एक से बढ़कर एक एक्टर्स, फिल्म इंडस्ट्री में उतने कामयाब नहीं हो पाते? एक दो अपवाद छोड़ दें तो न उन्हें लीड रोल मिलते हैं और न ही बड़ी फ़िल्में?

देखिए इसके पीछे क्या रीज़न है, क्या इशू है या क्या ईगो क्लैश होता है, ये मुझे नहीं पता न मुझे जानना है, मैं बस इतना जानता हूँ कि हमें ट्राई करते रहना है, अपने टारगेट्स को अचीव करने के लिए रुकना नहीं है। मैं काम करते वक़्त कभी नहीं देखता कि टाइम क्या हुआ है। मैं पार्टीज़ में नहीं जाता, हालाँकि मेरे ख़ुद के क्लब्स हैं दिल्ली में, पर मैं नहीं जाता, अपने वर्कआउट पर, अपनी फिटनेस पर फोकस करता हूँ, चाहें कुछ हो जाए, आउट ऑफ़ कंट्री भी हूँ तो भी फिटनेस सेशन नहीं छोड़ता। (हँसते हुए) इस मामले में सख्त लौंडा हूँ।

मुझे नहीं पता कि ईगो क्या है, मैं बस अपना काम करने से मतलब रखता हूँ:गौतम गुलाटी

मायापुरी मैगज़ीन के बारे में अपनी कोई यादें शेयर करना चाहेंगे?

जी हाँ, मैंने मायापुरी मैगज़ीन के बारे में बहुत बहुत सुना है, पर मैं हिन्दी कम ही पढ़ता हूँ इसलिए अब तक पढ़ न सका, बट अब मैं ज़रूर पढूंगा

मुझे नहीं पता कि ईगो क्या है, मैं बस अपना काम करने से मतलब रखता हूँ:गौतम गुलाटी

हमें समय देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया गौतम, आई विश फ्यूचर में हम आप हमको एक से बढ़कर एक फिल्म्स और वेब सीरीज़ में देखेंगे।  

सिद्धार्थ अरोड़ा  'सहर'

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