आधा अधूरा ज्ञान रखने वाले लोग ही कान्ट्रवर्सी करते हैं – अजीत भैरवकर

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By Siddharth Arora 'Sahar'
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आधा अधूरा ज्ञान रखने वाले लोग ही कान्ट्रवर्सी करते हैं – अजीत भैरवकर

मंगल पांडे द राइज़िंग जैसी हिस्टॉरिकल फिल्म से अपना करिअर शुरु करने वाले अजीत भैरवकर सबका साईं नामक एक वेब सीरीज़ लाए हैं जिसमें साईं बाबा से जुड़ी कुछ ऐसी बातें भी दर्शाई गई हैं जो इससे पहले कहीं नहीं देखी गईं। उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश पेश हैं – सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’

अजीत जी मायापुरी इंटरव्यू में आपका बहुत बहुत स्वागत है। सबसे पहले अपने बारे में बताएं, आपकी जर्नी कैसी रही?

नमस्कार सिद्धार्थ जी, मैं शिर्डी महाराष्ट्र से हूँ। मैं सच बताऊँ तो बचपन से ही मुझे रंग मंच का, फिल्मों का शौक था। फिर कॉलेज आते-आते मैंने नाटकों में भाग लेना, थिएटर करना भी शुरु कर दिया। फिर कुछ समय बाद केतन मेहता की फिल्म मंगल पांडे में मुझे एसिस्ट करने का मौका मिला। उस फिल्म से मैंने बहुत कुछ सीखा। केतन सर के साथ काम करना वैसे भी बहुत अच्छा अनुभव रहा। फिर मैं काफी समय तक फिल्मों में लेखन करता रहा। मैंने मराठी फिल्म गजार लिखी जिसे 35 के लगभग अवॉर्ड्स मिले। फिर मैंने मोक्ष लिखी। फिर पिछले 3 सालों से मैं सबका साईं की स्क्रिप्ट पर काम कर रहा था। फिर अमिता सहगल, जो संजय लीला भंसाली जी की फिल्मों में कास्टिंग करती हैं, इनका सपोर्ट मिला, यह इस सीरीज़ में असोसिएट प्रोड्यूसर हैं। श्रुति जी ने इस वेब सीरीज़ को पॉसिबल करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई।

आधा अधूरा ज्ञान रखने वाले लोग ही कान्ट्रवर्सी करते हैं – अजीत भैरवकर

अजीत जी कुछ दिनों से देख रहा हूँ कि ‘सबका साईं’ को लेकर कान्ट्रवर्सी क्यों चल रही है? क्या वजह है इसके पीछे?

आधी अधूरी बातें सुनकर रीऐक्ट करते हैं लोग, इन्हें पता ही नहीं होता कि असल बात क्या है और फैक्ट क्या हैं। जबकि आप साईं बाबा की बात जानें तो समझेंगे कि वह सिर्फ यही कहते थे कि सबका मालिक एक है। यहाँ उन्हीं की बात को किनारे करके दो लोग लड़ने लगते हैं। अगर उनकी बात समझ लें तो दुनिया में बैर ही न रहे, कोई समस्या ही न हो। यहाँ दो धर्मों के बीच झगड़ा हो रहा है जबकि हम ये दिखाना चाहते हैं कि साईं बाबा इंसान कैसे थे? वह एक इंसान के रूप में कितने नेक थे। उनकी जो यात्रा है, जैसे उनका बचपन था, फिर वह कैसे शिष्य बने, फिर आइडियल शिष्य बने फिर गुरु बने, फिर सद्गुरु बने, फिर एक समय बाद भगवान बन गए। ये जर्नी हमने दिखाई है।

अच्छा बदमजा बात छोड़ते हैं, येह बताइए कि इस सीरीज़ की कास्टिंग के साथ काम करना कैसा रहा?

बहुत-बहुत अच्छा है। मतलब हमने एक एक कैरिक्टर के लिए चुन-चुनकर आर्टिस्ट लिए हैं। मैं कहना चाहूँगा कि राज अर्जुन जी, जो साईं बाबा बने हैं वह अब तक के बेस्ट साईं हैं। उनकी आइज़, फेस और आवाज़ तो मैच होती ही है। साथ ही उन्होंने उन्होंने कैरिक्टर की आत्मा पकड़ी है। समझ रहे हैं न आप? आइज़ वॉयस वगरह तो फिर भी बहुत से ऐक्टर मैच कर सकते थे लेकिन जिस तरह राज अर्जुन ने कैरिक्टर की फीलिंग पकड़ी है, वो अद्भुत है।

आधा अधूरा ज्ञान रखने वाले लोग ही कान्ट्रवर्सी करते हैं – अजीत भैरवकर

मोहम्मद समाद ने साईं बाबा के बचपन का किरदार निभाया है। उन्होंने भी बहुत अच्छा काम किया है। वो नॉटी भी हैं और साथ ही साथ वो बहुत सिन्सियर भी हैं। बार-बार पूछते भी थे कि कैसे बोलना है, इसका मतलब क्या है? यह ऐसे क्यों है लेकिन जब मैं एक या दो बार बता देता हूँ तो वह खुद अपने हिसाब से बहुत अच्छा काम करते हैं। मैं लिबर्टी देता था कि अब आप करो, जो आपको बेहतर लगे। बहुत अच्छा पर्फॉर्म किया इन्होंने, साथ ही आकाश सिन्हा, जगया क्रिमिनल बने हैं। यह कैरिक्टर नॉन बिलिवर है लेकिन बाद में ट्रैन्स्फर्मैशन होती है। ऐसे ही एक पारसी कैरिक्टर टोडी बाला, बिजनेस हैं, नॉन बिलिवर हैं उनकी भी जर्नी है। हमने हर तरह के किरदार लिए हैं और साईं बाबा को एक इंसान के दौर पर दिखाया है कि वह कैसे हैं। मनोज कॉलकर जी ने नेगेटिव रोल है, उन्होंने भी बहुत बढ़िया काम किया है।

आधा अधूरा ज्ञान रखने वाले लोग ही कान्ट्रवर्सी करते हैं – अजीत भैरवकर

क्या बात है, अच्छा अजीत जी, जब हम एक हिस्टॉरिकल फिगर पर फिल्म या वेब सीरीज़ बनाते हैं तो हमें बहुत रिसर्च करनी पड़ती है। आपने तो हिस्ट्री प्लस रिलीजियस कैरिक्टर लिया है, जिनके बारे में ऑलरेडी इतना कुछ दिखाया गया है, फिर आपने कितनी रिसर्च की है और आप इसमें नयापन कैसे लाए हैं?

देखिए हिस्टॉरिकल कैरिक्टर पर बनाना फिर भी एक बारगी आसान है पर साईं बाबा जैसी लार्जर दैन लाइफ फिगर पर बनानया थोड़ा मुश्किल है। हालांकि मैं खुद शिर्डी से हूँ तो मैं फर्स्ट हैंड नालिज रखता हूँ। फिर मैंने साईं चरित्र पढ़ा। इंटरनेट पर भी कुछ एक्स्ट्रा मिल सके इस लालच में रिसर्च करता रहा, पढ़ता रहा। नयेपन की बात करूँ तो अबतक साईं बाबा एक इंसान कैसे हैं यह नहीं दिखाया गया है। हमने एक एक बात पर डीटेल दी है कि साईं बाबा बचपन में कैसे थे, उनके गुरु कौन थे ये आजतक नहीं बताया है। हमने बताया है कि साईं बाबा खुद कैसे शिष्य थे, फिर कैसे वह गुरु बने, फिर सद्गुरु बने, ये जर्नी हमने दिखाई है। यहाँ तक कि साईं बाबा जो माथे पर पटका बांधते हैं वो क्यों बांधते हैं इसमें बताया गया है। श्रद्धा और सबुरी, सबका मालिक एक है, यह साईं बाबा ने क्यों कहा है, इसपर पूरी तरह से डिटेल है।

आधा अधूरा ज्ञान रखने वाले लोग ही कान्ट्रवर्सी करते हैं – अजीत भैरवकर

जब आपने साईं बाबा को एक इंसान के तौर पर दिखाया है तो इंसान से गलतियाँ भी होती हैं। क्या उनके जीवन का कोई नेगेटिव पहलू भी आपने दिखाया है?

सिद्धार्थ जी हमने वो सारी बातें बताई हैं जो साईं बाबा के जीवन में हुई थीं। उनकी हँसी, उनका गुस्सा, उनकी उदासी आदि सब कुछ बताया है।

अमूमन भारत में फार्मूला बेस्ड सिनेमा बनता है। जो चल रहा है वही बनना चाहिए, तो क्या ऐसे में आपके ऊपर प्रोडक्शन की तरफ से बजट या कंटेन्ट को लेकर कोई प्रेशर थ?

नहीं नहीं बिल्कुल नहीं, मैं सच बताऊँ तो चाहें एमएक्स प्लेयर हो या मेरे प्रोड्यूसर बॉबी बेदी, जिन्होंने बैन्डिट क्वीन, मंगल पांडे आदि एक से बढ़कर एक फिल्में बनाई हैं; ने मुझे कभी नहीं रोका कि यहाँ बजट ज़्यादा क्यों है या वहाँ एक्स्ट्रा कुछ क्यों चाहिए। कंटेन्ट को लेकर तो सवाल ही नहीं उठता। सब बढ़िया तरह से हुआ है।

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अब आप हमारे रीडर्स को बताएं कि यह वेब सीरीज़ किस दिन रिलीज होगी?

26 अगस्त से पहला सीज़न शुरु होगा फिर दूसरा सीज़न भी लाने का प्लान है।

तो क्या पहले सीज़न के अंत में कोई अधूरा-पन तो नहीं है?

नहीं नहीं, बिल्कुल नहीं। हमने इस सीज़न के अंत में बाबा की समाधि नहीं दिखाई है। वैसे भी ये सीरीज़ मल्टीलेयर चल रही है। इसमें फ्लैशबैक फ्लैशफ्रंट की लिबर्टी हमने ली है।

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मायापुरी मैगजीन की कोई याद बताएं

जब भी आती थी तब नई लेके पढ़ते थे। नाना पाटेकर, अमिताभ बच्चन का फोटो देखते हैं। मेरे रोंगटे खड़े हो गए जब मुझे पता चल कि मैं मायापुरी मैगजीन में इंटरव्यू देने वाला हूँ तो यकीन ही नहीं हुआ। मायापुरी से तो बहुत यादें जुड़ी हैं।

हमें समय देने के लिए अजीत जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद, मैं आशा करता हूँ कि यह वेब सब देखें, इस दौर में जहाँ ऐसा कंटेन्ट परोसा जा रहा है जिसे अकेले देखने के लिए भी हिम्मत जुटानी पड़े, वहाँ आप ऐसी वेब सीरीज़ लेकर आए हैं जो फैमिली के साथ बैठकर देखी जा सकती है। बहुत शुक्रिया।

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