शूट के वक़्त लोग मुझे सच में साईं बाबा मान पैर छुआ करते थे - मोहम्मद समाद By Siddharth Arora 'Sahar' 23 Aug 2021 | एडिट 23 Aug 2021 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर मोहम्मद समाद के लिए आप कह सकते हैं कि ये छोटा लड़का बड़ा धमाका करने वाला है। फिल्म गट्टू हो या तुम्बाड़, सीरीज़ सिलेक्शन डे हो या सुशांत स्टारर छिछोरे, हर फिल्म हर सीन हर फ्रेम में अपनी छाप छोड़ने में माहिर मोहम्मद समाद अब सबका साईं नामक एमएक्स प्लेयर की वेबसीरीज़ में आने वाले हैं। वैसे तो समाद बहुत रिज़र्व रहने वाले शख्स हैं पर इसी बहाने उनसे कुछ मज़ेदार बातें करने का मौका मिला, पेश है उसके कुछ अंश – सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’ कैसे हैं समाद, आपकी अदाकारी के तो हम फैन हैं ही, पर जबसे पता चला है कि आप रुड़की के रहने वाले हैं, तबसे आपके होमटाउन के भी फैन हो गए हैं। तो समाद रुड़की से मुंबई पहुँचने का सफर कैसे बना? मैं रुड़की में जिस स्कूल में पढ़ता था वहाँ एक बार गट्टू फिल्म की कास्टिंग टीम आई थी। उन्हें लोकल रुड़की का लड़का ही चाहिए था। तो वहाँ ऐक्टिंग ऑडिशन हुआ और मैं लीड रोल के लिए सलेक्ट हो गया। क्या बात है, फिर आपने गट्टू के बाद तुम्बाड़ की, यहाँ सोहम शाह और डायरेक्टर राही तक पहुँचने तक का सफर कैसा रहा? मैं तब गट्टू कर चुका था। मुझे राही सर से पता चला कि एक ऐसा रोल है जिसमें मैं फिट हो सकता हूँ। फिर मैंने ऑडीशन दिया और सलेक्ट हो गया। इस फिल्म की शूटिंग तीन बार में पूरी हुई, चार चार महीने के शेड्यूल होते थे। तब मेरे स्कूल से मुझे छूट मिली कि मैं शूट पर जा सकता हूँ, मेरी अटेंडेंस वगैरह देख ली जाएंगी। ये आपने सही बात छेड़ी समाद, आपको ऐक्टिंग करते-करते साथ में पढ़ाई करना मुश्किल नहीं लगता था? वैसे पढ़ाई में कैसे हैं आप? 5th तक तो मेरा मन पढ़ाई में लगता था। मैं लगातार फर्स्ट आया हूँ। फिर धीरे-धीरे काम ज़्यादा करने लगा तो पढ़ाई से मन हटने लगा। मेरे मार्क्स भी कम होने लगे। इन्फैक्ट मेरी माँ तो कहती भी थीं कि मैं मुंबई से ही पढ़ लूँ लेकिन पढ़ाई पूरी करूँ। पापा का भी कहना था कि कम से कम टेन्थ और टवेल्थ तो कम्प्लीट कर लूँ, उसके बाद जो चाहें वो करूँ। इसलिए मैंने ऐक्टिंग से एक साल का गैप लिया और अपनी टेन्थ पूरी की। अब मैं 12th के बाद मुंबई से ग्रैजवैशन कर रहा हूँ। अच्छा मैनेज किया आपने समाद, अच्छा ये बताइए कि छिछोरे में सुशांत के साथ काम करना कैसा रहा? बहुत अच्छा! बहुत स्पेशल। मैं उनके घर भी गया हूँ। छिछोरे में 25 दिन का शेड्यूल था तो जैसे ही उनको पता लगता था कि मेरा आज ऑफ है, वो मुझे घर पर बुला लेते थे कि चल पार्टी करते हैं। वो बहुत केयर करते थे। खाना-पीना सब बढ़िया होता था। हम उनके टेलिस्कोप से मून देखते थे, स्टार्स देखते थे। बहुत बहुत मज़ा आता था। मैं मिस करता हूँ उन्हें। सुशांत को हम सब भी मिस करते हैं समाद, खैर अब ये बताइए कि सबका साईं वेब सीरीज़ तक आप कैसे पहुंचे? अजीत जी से कैसे जान पहचान हुई? एक्चुअली जो इस शो की असोसिएट प्रोड्यूसर हैं, अमिता सहगल मैम, उन्होंने मुझे एक एड फिल्म के लिए बुलाया था। जब मैं वो एड शूट कर रहा था तब ही उन्होंने टोका था कि ये कम्प्लीट कर लो मेरे पास तुम्हारे लिये एक और प्रोजेक्ट है। फिर उन्होंने मुझे ऑडिशन में भेजा। तो पहले मेरा कैरिक्टर साईं बाबा का नहीं था। पहले मैं ओम नाम से एक कैरिक्टर है वो करने वाला था फिर अजीत सर ने मुझे दोबारा बुलाया। नेक्स्ट डे मेरे नाप के कपड़े थे उनके पास, फिर साईं बाबा का ऑडिशन बहुत अच्छा हुआ और उन्होंने मुझे फाइनल कर दिया। देट्स ग्रेट, क्या आपको साईं बाबा के बारे में कोई फर्स्ट हैंड नालिज थी? अगर नहीं तो आपने इस रोल के लिए कितनी मेहनत की? कैसे यह कैरिक्टर प्रीपेयर किया? मैं साईं बाबा पर एक शो कर चुका था। हालांकि उसमें मैं साईं बाबा नहीं बना था। लेकिन मुझे थोड़ी बहुत जानकारी थी। फिर अजीत सर ने स्क्रिप्ट के साथ मेरी बहुत हेल्प की। मैंने जो भी पूछा उन्होंने बहुत अच्छे से समझाया। मुझे कुछ हिन्दी लफ़्ज़ों को बोलने में दिक्कत महसूस होती थी लेकिन उन्होंने मेरी बहुत हेल्प की, साथ ही मुझे लिबर्टी भी दी कि मैं अपने तरीके से सीन कर सकूँ। अच्छा आप एक ऐसा लार्जर दैन लाइफ कैरिक्टर प्ले कर रहे थे, क्या सेट पर कुछ फनी या कभी न भूला जाने वाला कोई किस्सा हुआ? अगर आप शेयर करना चाहें तो? हम जहाँ शूट कर रहे थे वहाँ कई बार लोग आकर मेरे पैर छूने लग जाते थे। उन्हें लगता था कि मैं सच में साईं बाबा का रूप हूँ। तो वो थोड़ा ऑक्वर्ड लगने लगता था। एक अंकल थे, वह मेरा इतना ध्यान रखते थे कि क्या बताऊँ, मैंने लंच किया है या नहीं, मुझे कोई दिक्कत तो नहीं है। वो मुझे जानते भी नहीं थे फिर भी उन्होंने कहा कि उन्हें बस मेरी सेवा करनी है। बहुत बहुत स्पेशल इक्स्पीरीअन्स रहा साईंबाबा का किरदार निभाना। एक सीन में मैंने एक मैजिक किया तो उन्हें लगा जैसे मैंने सच में ही वो मैजिक किया था। बहुत अच्छा पर समाद, क्या आप साईं बाबा पर विश्वास रखते हैं, क्या इस वजह से आपके घर में कभी, या जानकारों में कोई दिक्कत पेश तो नहीं आई कि आप इस तरह का रिलीजियस रोल कर रहे हैं? हाँजी मैं साईं बाबा पर भरोसा करता हूँ। मैं भी उनका डेवोटी हूँ। बल्कि मेरे मम्मी पापा की तरफ से भी कभी कोई रोक टोक नहीं हुई। हाँ जब तुम्बाड़ कर रहा था तब ज़रूर दिक्कत आई थी क्योंकि पांडुरंग के कैरिक्टर को चुटिया रखनी थी और मैं वो चुटिया लेकर घर नहीं जाना चाहता था क्योंकि मुझे पता था कि मेरे यार दोस्त बहुत चिढ़ाएंगे। फिर वही हुआ भी, मुझे चुटिया के लिए काफी कुछ कहा गया लेकिन तब मैं छोटा भी था तो ज़्यादा बुरा लगा। अब समझ आने लगा है कि कैरिक्टर और हमारी पर्सनैलिटी बिल्कुल अलग अलग होते हैं। एक आइकानिक कैरिक्टर करने के बाद, क्या वो कैरिक्टर आपके अंदर भी रह जाता है? जी हाँ, बिल्कुल। हालांकि सबका कैरिक्टर प्ले करने का तरीका अलग अलग होता है। मैं यही कोशिश करता हूँ कि जो कैरिक्टर मैं प्ले कर रहा हूँ मैं उसकी गहराई तक जाऊँ और उसे अपना लूँ। इसका असर मैंने पांडुरंग के कैरिक्टर प्ले करने के बाद सबसे ज़्यादा देखा। क्योंकि उसकी शूटिंग भी कई-कई बार होती थी। तो मैं जहाँ जाता था वहाँ से आवाज़ आने लगती थी पांडुरंग आ गया पांडुरंग आ गया। (हँसते हुए) बहुत मज़ा आ रहा है आपसे बात करते समाद, क्या आप मायापुरी मैगजीन के बारे में इस इंटरव्यू से पहले जानते थे? मैं मायापुरी के लिए पहले भी इंटरव्यू कर चुका हूँ। शायद सलेक्शन डे (वेब सीरीज़) के लिए मैंने मायापुरी के साथ इंटरव्यू किया है। मायापुरी मैगजीन तो बहुत स्पेशल है। आपका बहुत बहुत शुक्रिया समाद, मैं आशा करता हूँ कि आपकी वेब सीरीज ‘सबका साईं’ बहुत बड़ी हिट हो। #Mohammad Samad #Mohammad Samad as sai baba #Mohammad Samad from sabka sai #Mohammad Samad interview हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article