रामायण विश्व के लिए है, विश्व के लाभ के लिए है- अरुण गोविल By Shanti Swaroop Tripathi 12 Apr 2020 | एडिट 12 Apr 2020 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर रामायण के राम अरुण गोविल से मायापुरी की खास बातचीत लॉकडाउन की वजह से दूरदर्शन ने रामायण का प्रसारण दोबारा शुरु कर दिया है। आज हर घर में लोग रामायण देख रहे हैं। रामायण का क्रेज आज भी लोगों में इस कदर है कि लोग समय होते ही टीवी के सामने बैठ जाते हैं। रामायण के राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान समेत सभी किरदार आज भी लोगों के लिए उतने ही पूजनीय हैं, जितने उस दौर में होते थे। रामायण के दोबारा शुरु होने से टीआरपी ने भी कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। रामायण के सभी किरदार भी एक बार फिर से लाइमलाइट में आ गए हैं। वहीं, हाल ही में रामायण के राम यानी अरुण गोविल से मायापुरी ने खास बातचीत की। तो आइए आप भी जानिए कि रामायण के राम, रामायण का प्रसारण दोबारा शुरु होने से कितने खुश हैं... 33 साल बाद रामायण का पुन: प्रसारण आज की परिस्थितियों में कितना सार्थक है ? 33 साल बाद रामायण का पुन: प्रसारण आज की परिस्थितियों में तो बहुत ही ज्यादा सार्थक है। क्योंकि इन दिनों लॉकडाउन की वजह से सभी लोग घर में हैं। जिससे सब मिलकर परिवार के साथ उसे देख सकते हैं। क्योंकि रामायण में जो कुछ भी हमें देखने को मिलता है, वो बहुत ज्यादा पारिवारिक भी है। सबसे बड़ी बात कि रामायण हर एक व्यक्ति के लिए है। चाहे वो किसी भी आयु वर्ग का हो, इसलिए सभी उसे एकसाथ बैठकर देख सकते हैं। इतने साल बाद फिर से एक चीज ऐसी आई है, महत्वपूर्ण बात ये है कि आज के समय में इसकी बहुत ज्यादा जरूरत भी है। क्योंकि यही एक चीज है, जो हमें नैतिकता और मूल्यों को सिखाती है। रामायण से हमें शिक्षा मिलती है कि रिश्ते कैसे होने चाहिए। इससे हमें अपनी संस्कृति और संस्कारों का भी ज्ञान मिलता है। सबसे ज्यादा ब़ड़ी बात ये है कि लॉकडाउन की वजह से लोग पूरा समय दे पा रहे हैं, इसे देखने के लिए। आप रामायण को कितना धार्मिक मानते हैं और कितना सामाजिक मानते हैं ? मैं रामायण को धार्मिक तो बिलकुल ही नहीं मानता, देखिए, ये धर्म से तो जरूर जुड़ा है। क्योंकि जब भगवान राम थे तब सनातन धर्म था। इसलिए इसका धर्म से तो कोई ताल्लुक है ही नहीं। देखिए, मैं ये भी नहीं कहूंगा कि ये धार्मिक नहीं है, ये उस धर्म की है, जिस धर्म का हमें पालन करना चाहिए। मैं इसे सामाजिक इसलिए मानता हूं, क्योंकि इसमें जो भी चीजें दिखाई गईं हैं, वो पारिवारिक और सामाजिक हैं। क्योंकि संस्कार किसी एक धर्म के नहीं होते, बल्कि पूरे समाज के होते हैं, देश के होते हैं, विश्व के होते हैं। संस्कृति भी किसी एक धर्म की नहीं होती। इसलिए रामायण धार्मिक नहीं, सामाजिक है और पूरे देश और विश्व के काम आने वाली चीज है। ये रामायण विश्व के लिए है, विश्व के लाभ के लिए है। आज हर धर्म के लोगों को इससे कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिलेगा। मेरा मानना है कि ये किसी एक धर्म से जुड़ी हुई नहीं है। आप अपने राम के किरदार को किस तरह से देखते हैं ? राम एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो मर्यादा में रहते हैं, जो सत्य, धर्म और नीति के मार्ग पर चलते हैं। जो सत्य की शक्ति से जीते हैं। धर्म की शक्ति के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं। आज जब रामायण का पुन: प्रसारण हो रहा है, तो आपके पास बहुत से मैसेज आ रहे हैं। कौन सा ऐसा संदेश है, जिसने आपको उद्वेलित कर दिया हो ? देखिए, संदेश कोई भी हो वो अच्छा ही होता है। इंसान जो फील कर रहा होता है, वो उसके हिसाब से संदेश भेजता है। हमें लिखने वाले की भावना भी देखनी चाहिए। इसलिए मुझे जो भी मैसेजेस आते हैं, वो सभी मेरे लिए बहुत अच्छे होते हैं। रामायण और राम के किरदार का नई पीढ़ी पर क्या असर होने की संभावनाएं आपको नज़र आती हैं ? हर किसी को कुछ भी सीखने के लिए पहले से ही खुद को तैयार करना होता है। अगर हम कोई अच्छी चीज देख रहे हैं, तो उसका कुछ न कुछ प्रभाव तो हमारे अंदर जाएगा ही जाएगा। ऐसा कभी नहीं हो सकता कि अच्छाई और ऊर्जा हमारे सामने हो और वो हमारे अंदर न जाए। हम अच्छी चीज की हमेशा तारीफ करते हैं, भले ही वो शब्दों में न हो। इसलिए मुझे विश्वास है कि नई पीढ़ी भी इसे पसंद करेगी। क्योंकि नई पीढ़ी की ग्रहण करने और सीखने की क्षमता पहले की पीढ़ी से ज्यादा है। रामायण में भाइयों के बीच रिश्ते की भी व्याख्या की गई है, इसके बारे में आपका क्या कहना है ? भाइयों के रिश्ते की बात तो अच्छी है ही इसमें, इसके अलावा इसमें सभी रिश्तों की व्याख्या की गई है। पिता-पुत्र की, माता-पुत्र की, पति-पत्नी की, भाई-भाई की, देवर-भाभी की, मित्रों की, सेवकों की, माली की, स्वामी की, यहां तक की दुश्मन कैसा होना चाहिए उसकी भी व्याख्या की गई है। इसलिए रिश्तों को समझने के लिए रामायण से अच्छा कोई दूसरा ग्रंथ नहीं है। जब आपने राम का किरदार निभाना शुरु किया, तो क्या आपको पहले ये अहसास हुआ था, कि आप लोगों के लिए सच में भगवान की तरह पूजनीय बन जाएंगे ? मैंने ये कभी नहीं सोचा था कि रामायण इतनी पॉप्युलर होगी और मेरा किरदार इतना प्रभावशाली होगा। इसका जरा सा भी अहसास पहले नहीं था मुझे। रामायण की शूटिंग के दौरान ऐसी कौन सी घटना है जो आपको आज भी याद है ? देखिए, मैं कोई भी घटना याद नहीं रखता, जब आप लोग पूछते हैं तो याद आ जाता है। क्योंकि मैं भूतकाल में नहीं जीता और न ही मैं भविष्य में जीता हूं। क्योंकि भविष्य का भी मुझे पता नहीं है। इसलिए मुझे घटनाएं बहुत कम याद रहती हैं। और वैसे भी मेरे जीवन में खराब घटनाएं बहुत कम हैं। क्योंकि मैं बहुत ज्यादा किसी चीज के बारे में सोचता भी नहीं हूं, कि ये बहुत अच्छा है और ये बहुत खराब है। वर्तमान समय में आप क्या कर रहे हैं ? मैंने 15 साल से एक्टिंग नहीं की है। पिछले काफी समय से मैं मोटिविशेनल स्पीचेज के लिए बुलाया जाता रहा हूं। स्कूल, कॉलेजेस और कॉरपोरेट में भी मेरे लिए मोटिवेशनल स्पीच में रामायण से अच्छा कुछ नहीं होता। प्रोफेशन के हिसाब से मैं बहुत कुछ नहीं कर रहा हूं। मेरी जिंदगी में ज्यादा भाग दौड़ नहीं है। आराम से शांति से अपने परिवार के साथ जीवन बिता रहा हूं। कभी कभी अपने वीडियोज रिकॉर्ड करके फेसबुक और यूट्यूब पर डालता हूं। जिसके लिए मुझे लोगों से बहुत अच्छे-अच्छे कमेंट्स मिलते हैं। मेरी लाइफ बहुत अच्छी चल रही है। ये भी पढ़ें- रामायण की सीता की पुरानी फोटो हुई वायरल, पीएम मोदी और आडवाणी संग आई नज़र #RAMAYAN #arun govil interview #रामायण #अरुण गोविल इंटरव्यू #ram arun govil #ramayan ke ram arun govil #Ramanand Sagar Ki Ramayan #रामानंद सागर की रामायण #arun govil exclusive interview #ramanand sagar ki ramayan ke ram #ramayan ke ram #ramayan ram interview #राम अरुण गोविल #रामायण के राम #रामायण के राम का इंटरव्यू हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article