- शरद राय
फिल्म फेयर अवॉर्ड समारोह की एंकरिंग विक्की कौशल को करते देख कईयों को आश्चर्य हुआ था। करण जौहर ने स्टेज पर विक्की को जितना भाव दिया, उसके पीछे भले ही उनकी फिल्म ‘भूत पार्ट वन : द हॉन्टेड शिप’ को प्रमोट करने की मंशा रही हो- लोगों में विक्की के स्टारडम प्रमोशन की बात साफ दिखाई दे रही थी। ‘‘मैं थैंकफुल हूं लोगों का जो मुझे भी ऐसा मौका मिला। सच, यह साल और इस होली के महीने ने मुझे स्टार बनने की फीलिंग दी है।’
स्टार तो आप पिछले साल भी थे- ‘राजी’ और ‘उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने आपको खूब चर्चा दी थी..?
- हां, चर्चा दी थी! चर्चा तो मुझे ‘मसान’ से ही मिल गई थी, जो उससे भी एक साल पहले (2018 में) आयी थी। एहसास - जो मुझे होना चाहिए था, इस साल हुआ है। यह साल मेरे करियर का कलर फुल होली लेकर आया है।’ विक्की बात जारी रखते हैं। ‘ ‘मसान’ मेरे लिए एक नई शुरूआत का पड़ाव था। फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल में चर्चा मिली तो मैंने शुक्रिया कहा गॉड को - क्योंकि हम फिल्म के रिलीज हो पाने की उम्मीद भी नहीं रखते थे। कान्स के बाद यह एक महत्वपूर्ण शुरूआत मेरे लिए बन गई और कहते हैं शुरूआत अच्छी हो जाए तो बात बन ही जाती है। सन 2018 की ‘होली’ मेरी होली थी, बस जरूरत थी और प्रोजेक्ट की। मेरे ऊपर ईश्वर की कृपा रही है, मैं ऐसा मानता हूं। मेरा जन्म ही इसलिए कौशल-परिवार (फाइट मास्टर शाम कौशल विक्की के पिता हैं) में हुआ था - एक फिल्म को समझ पाने वाले परिवार में।’
‘मुझ पर मेघना गुलजार जैसी उम्दा मेकर ने यकीन किया और ‘राजी’ में आलिया भट्ट के साथ मौका दिया। फिर ‘उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने तो मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार दिया। इसके साथ ही मेरी की गई फिल्में ‘संजू’, ‘मनमर्जिया’ में भी मेरे काम को सराहा गया। यानि - पसंद मुझे दर्शकों की मिलती रही है। मेरी पसंद अब जाकर संतुष्टि लेवल के पास तक आयी है।’ वह संतोष भाव अपने चेहरे पर प्रदर्शित करते हैं।
‘होली कैसे सेलिब्रेट करते रहे हैं - जब फिल्म स्टार नहीं बने थे तब ? कौन-कौन दोस्त आपके साथ हुड़दंगई में शामिल रहते थे।’
- ‘पूछो मत प्लीज! किसी का नाम लिया किसी का छूट गया तो दोस्त नाराज हो जाएंगे। बस, समझ लीजिए हम सब खूब मजे करते हैं।’
इनमें हरलीन सेठी जैसी दोस्त भी थीं ?
- ‘किसी एक का नाम नहीं...प्लीज।’
विक्की की आने वाली फिल्में हैं- ‘सरदार उधम सिंह’ , ‘अस्वथामा’, ‘तख्त’ आदि। वह कहते हैं- ‘आधा दर्जन फिल्मों की स्क्रिप्ट घर पर आकर रखी है। जिनको मैं देख नहीं पा रहा हूं। मैं पूरी स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद ही फिल्में हाथ में लूंगा, और कोशिश करता हूं कि जो कहानी मेरे मन को छू जाए, उसी पर गौर करूं यह मेरा लक है कि मेरे पास अच्छे मेकर ही आते हैं। मुझ पर एक और आरोप है कि मैं देशप्रेम से सम्बन्ध रखने वाले कथानक से लगाव रखता हूं जो सही भी है। मेरा खुद का टेस्ट वैसा ही है। लेकिन, बतौर एक्टर मैं हर तरह के रोल भी करना चाहता हूं। ‘भूत’ में काम करना मेरे अंदर के एक्टर की भूख थी और अगली फिल्में ‘उधम सिंह’, ‘तख्त’ को मेरे देश प्रेम की फीलिंग से जोड़कर देखिए।’ विक्की कहते हैं- ‘मेरी सोच त्योहारों को लेकर भी वैसी ही है। मेरा मानना है कि भारत के सारे त्योहार भाईचारा और आपसी प्रेम बढ़ाने वाले ही होते हैं। खासकर होली तो वो त्योहार है ‘जब दुश्मन भी गले मिल जाते हैं...।’ की सोच परोसने वाला।’
अपने चाहने वालों को क्या संदेश देंगे?
- हैप्पी होली! ग्रीन होली !!
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