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‘बचपन से अभिनय का कीड़ा होने की वजह से मैं मायापुरी मैगजीन बहुत पढ़ा करता था- हप्पू सिंह

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By Mayapuri Desk
‘बचपन से अभिनय का कीड़ा होने की वजह से मैं मायापुरी मैगजीन बहुत पढ़ा करता था- हप्पू सिंह
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FIR ‘भाबी जी घर पर हैं’ तक का सफर कैसा रहा?

- सफर बहुत अच्छा रहा. शुरुआत शशांक जी से हुई थी. मैंने एक ऐड किया था क्लोरो मिंट कबड्डी का 2007 में जो काफी फनी था. मैंने एक शो का ऑडिशन दिया था, जो शशांक जी  ने देखा था और उन्होंने मुझसे कहा कि जिसके लिए तुमने ऑडिशन दिया था वो तो बंद हो गया पर मैं तुम्हें अपने शो में काम दे सकता हूं. उनको मैंने अपनी क्लोरोमिंट वाली ऐड भी  दिखाई जो उनको काफी पसंद आई. फिर उन्होंने मुझे अपने शो FIR में मौका दिया. वहाँ 5-6 साल गुजर गए. वहां मुझे अलग-अलग किरदार निभाने का मौका मिला. मैं लखनऊ से थियेटर करके आया था तो FIR में मुझे थिएटर वाला मजा आता था. फिर भाबीजी आ गया इसमें 4 साल हो गए. पर मैंने कभी सोचा नहीं था कि दरोगा पर एक अलग शो बनेगा. तो 11 साल मेरे एक ही प्रोडक्शन, एक ही डायरेक्टर  और एक ही लेखक के साथ काम करते हुए गुजर गए।

‘बचपन से अभिनय का कीड़ा होने की वजह से मैं मायापुरी मैगजीन बहुत पढ़ा करता था- हप्पू सिंह

 भाबीजी में काम करने का मौका कैसे मिला?

- FIR बंद होने वाला था. उसकी रैप अप पार्टी चल रही थी. तब तक मैंने सब टीवी पर दूसरा शो  भी साइन कर लिया था तो शंशाक जी ने मुझसे कहा कि जब तुम इससे फ्री होना तो मुझे बताना मैं अपने नये शो में तुम्हें कोई रोल दूंगा. एक दिन रोहिताश गौड़  जो मनमोहन तिवारी का किरदार निभा रहे हैं उन्होंने मुझसे कहा कि शो में एक पिता और एक पुलिस वाले की जरूरत है तो पिता तो नहीं पर तुम पुलिस वाले का किरदार अच्छे से निभा लोगे तो एक बार आकर डायरेक्टर से मिल लो. रोहिताश जी से मेरी बहुत पुरानी दोस्ती है लापतागंज के समय से. तो मैं मिलने गया तो  शशांक जी ने कहा कि मैं तो तैयार हूं, तुम देख लो  अपने डेट्स. उन्होंने कहा कि शो में 1 एपिसोड के लिए पुलिस वाले की जरूरत है तो तुम एक एपिसोड के लिए आ जाओ. पर किसी को पता नहीं था कि मनोज जी ने जो ये हप्पू सिंह का  किरदार लिखा है वो लोगों को इतना पसंद आयेगा. फिर शशांक जी ने कहा कि जब तुम्हारा वो शो खत्म हो जायें तो बताना, तो मैं इस किरदार का प्रोपर यूज़ करूँगा. और ऐसा ही हुआ, वो शो खत्म हुआ और मैं यहाँ आ गया।

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 भाबी जी में आपके किरदार हप्पू सिंह को लोगों का इतना प्यार मिल रहा है इसके बारे में क्या कहना चाहेंगे?

- दर्शकों का प्यार पा के बहुत अच्छा लगता है. मैं जीजाजी छत पर हैं और भाबीजी घर पर हैं, दोनों साथ में कर रहा था तो एक दिन किसी ने मजाक में कहा कि प्रोड्यूसर तुम्हारे लिए तीसरा शो लेकर आ रहे हैं उसमें तुम्हारा यही किरदार रहेगा तो मुझे लगा कि कोई और शो होगा जिसमें  पुलिस का किरदार होगा तो उन्होंने कहा होगा कि चलो योगेश से करवा लेते हैं पर मुझे ये नहीं लगा था कि ये शो पुलिस वाले के ऊपर ही होगा. मैं जहां भी जाता था तो लोग पूछते थे आपकी प्रेग्नेंट बीवी और बच्चे कहाँ है तो मुझे लगा कि धीरे-धीरे भाबीजी में ही हप्पू सिंह के  परिवार को भी दिखाएंगे पर अलग से एक शो के बारे में नहीं सोचा था मैंने।

 अपने प्रोड्यूसर्स के बारे में क्या कहना चाहेंगे?

- जैसा कि मैंने कहा कि 2009-10 से मैं एक ही प्रोडक्शन में काम कर रहा हूं संजय कोहली और बिनैफर मैम के साथ तो यह होम प्रोडक्शन जैसा हो गया है मेरे लिए. 10-11 साल मेरे यही बीते हैं और ना तो इन लोगों ने मुझे कहीं जाने दिया और ना ही मैंने कहीं बाहर जाने का कभी सोचा. हमेशा दोनों मेरे काम कीतारीफ करते हैं और मेरा एक्सपीरियंस बहुत अच्छा रहा है इन लोगों के साथ।

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 भाबीजी में आपका पसंदीदा किरदार कौन सा है?

- वैसे तो सारे किरदार मेरे पसंदीदा है क्योंकि भाबीजी एक ऐसा शो है जिसमें कोई किरदार किसी से कम नहीं है. सारे एक दूसरे को टक्कर देते हैं. मुझे टीका का किरदार बहुत पसंद है. रोहिताश जी और आसिफ जी का किरदार भी बहुत पसंद है. इस शो में बिज़ी होने की वज़ह से उस सेट पर बहुत कम जाता हूं पर लोग याद करते रहते हैं।

 अगर आप असली जीवन में हप्पू सिंह होते तो?

- अगर मैं हप्पू सिंह जैसा असल जीवन में होता तो गोरी मेम को छेड़ता नहीं और निछावर नहीं मांगता (हँसते हुए). बाकी मैं वैसा ही मस्त मौला हूं।

‘बचपन से अभिनय का कीड़ा होने की वजह से मैं मायापुरी मैगजीन बहुत पढ़ा करता था- हप्पू सिंह

 भाबी जी के बाद जीवन में क्या बदलाव आयें हैं?

- काम की तारीफ तो FIR में भी होती थी पर भाबीजी से पहचान मिली है. पहले बाकी शो में एक कैरेक्टर से जब तक लोग कनेक्ट होते तब तक वो किरदार ही चेंज हो जाता था पर अब इस शो में एक ही लुक है, एक ही लैंग्वेज है और लोग इससे  ज्यादा कनेक्टेड फील करते हैं तो भाबीजी के बाद जीवन में बदलाव तो आये हैं।

 मायापुरी से जुड़ी आपकी यादें?

- मैं बचपन में मायापुरी बहुत पढ़ा करता था. अब इतना टाइम नहीं मिल पाता है. इसमें ज्यादातर फिल्मों से जुड़ी हुई खबरें होती थी और बचपन से ही अभिनय का कीड़ा होने की वजह से मैं यह मैगजीन बहुत पढ़ा करता था और यही सब पढ़कर आज जो भी हूं आप सबके सामने हूँ।

‘बचपन से अभिनय का कीड़ा होने की वजह से मैं मायापुरी मैगजीन बहुत पढ़ा करता था- हप्पू सिंह

 अपने फैन्स को क्या मैसेज देना चाहेंगे?

- फैंस से यही कहना चाहूंगा कि इसी तरह प्यार न्यौछावर करते रहें और हम भी आपसे वादा करते हैं कि आधे घंटे भाबीजी से और आधे घंटे हप्पू सिंह की उल्टन पलटन से आपका मनोरंजन करते रहेंगे।

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