‘संजय जी मेरे भाई और बिनैफर मैम मेरी माँ की तरह है’- शशांक बाली
दिल्ली से मुंबई तक का सफर कैसा रहा? - मैं यहाँ दिल्ली से 1997 में आया था अपना कॉलेज ख़त्म करके. उन दिनों यहाँ मेरे पिता लिखा करते थे. वो उन दिनों “कभी इधर कभी उधर” सीरियल लिख रहे थे जिसमें शेखर सुमन जी थे. फिर एक सीरियल उन्होंने लिखा “चमत्कार” जिस