सिनेमा लवर्स की जानकारी में आना ज़रूरी है कि आज राज कपूर की बहुचर्चित फिल्म मेरा नाम जोकर को 50 साल पूरे हो चुके हैं. 18 दिसंबर 1970 में ये फिल्म पहली बार पर्दे पर आई थी. इस फिल्म में राज कपूर ने तीन अलग-अलग पीढ़ियों में होती मुहब्बत को बहुत अच्छे अंदाज़ में दर्शाया था. जिसने भी ये फिल्म देखी थी उसकी आँखों से अनवरत आंसू निकलने लगे थे.
ऋषि कपूर में दिखती थी राज साहब की झलक
नीतू कपूर ने आज अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर ऋषि कपूर की पहली फिल्म 'मेरा नाम जोकर' से लेकर आख़िरी दिनों तक की तस्वीर रिलीज़ की.
साथ ही लिखा कि आज ऋषि को इंडस्ट्री में आए 50 वर्ष पूरे हो होते'.
ज्ञात हो कि इसी साल की 30 अप्रैल को ऋषि कपूर ने कैंसर से जूझते हुए अपनी अंतिम साँसे ली थीं. उसी पर भावुक होते हुए नीतू सिंह ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट लगाई। ऋषि कपूर 'मेरा नाम जोकर' में राज कपूर के बचपन का रोल करते नज़र आए थे. उनके चॉकलेटी फेस और मासूमियत पर सबने दिल खोलकर तारीफ की थी.
मेरा नाम जोकर, एक ऐसी फिल्म जिसको ख़ुद राज साहब भी दोबारा नहीं बना सकते थे
'मेरा नाम जोकर' राजा कपूर साहब की ड्रीम फिल्म थी. उन्होंने इस फिल्म को बनाने में अपने पास पड़ा जितना पैसा था वो सब लगा दिया था. यहाँ तक की फेमस आर के स्टूडियो भी गिरवी हो गया था पर राजकपूर ने अपने मन की मुराद पूरी करते हुए 'मेरा नाम जोकर' चार घंटे और पंद्रह मिनट की रिलीज़ की थी. सिनेमा हॉल वाले ऐसा नहीं चाहते थे, पर राज कपूर साहब की फिल्म को भला कौन मना कर सकता था?
इसलिए ये फिल्म दो इंटरवल के साथ रिलीज़ होने वाली पहली फिल्म बनी थी. इस फिल्म के दिन में चार की बजाए 3 शो ही चल पाते थे. एक तो फिल्म की लेंथ इतनी, ऊपर से शो कम, फिर इसका अंत ऐसा था कि जो देखकर निकले उसकी आँखें भीगी होती थीं; नतीजतन, फिल्म बहुत बुरी तरह पिटी और राज कपूर साहब का दिवाला निकलने की नौबत आ गयी.
फिर ऋषि कपूर ने माझी बनकर डूबती नांव बचाई
मगर उस वक़्त भी दिवगंत कलाकार और उनके बेटे ऋषि कपूर ने ही उनकी नांव को पार लगाया। राज साहब ने ऋषि कपूर को लीड में और टाइटल रोल में डिम्पल कपाड़िया को लेकर बॉबी बनाई और उसने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया।
आज भी हम ऋषि को बॉबी से लेकर मुल्क तक, हमेशा याद रखेंगे।
'>सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'