रिलीज से पहले कानूनी पचड़े में फंसी ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तां’, नाम को लेकर छिड़ी बहस

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By Sangya Singh
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रिलीज से पहले कानूनी पचड़े में फंसी ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तां’, नाम को लेकर छिड़ी बहस

बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान अपनी बेहतरीन और दमदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं। अक्सर ऐसा देखा गया है कि आमिर खान अवॉर्ड शो और चर्चाओं से दूरियां बनाए रखते हैं, लेकिन कई बार अपने बयानों को लेकर आमिर जनता के निशाने पर भी आ जाते हैं। बता दें कि आमिर की अपकमिंग फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तां’ विवादों के घेरे में फंस गई है।

आमिर खान समेत फिल्म के निर्माता, निर्देशक के खिलाफ जाति विशेष को अपमानित करने और उनकी धार्मिक भावनाओं के ठेस पहुंचाने के मामले में परिवाद दायर किया गया है। बता दें कि फिल्म के टाइटल में मल्लाह से पहले फिरंगी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। मामले को लेकर निषाद समाज के लोगों ने भी जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा था।

अधिवक्ता हंसराज चौधरी ने ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तां’ फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा, निर्देशक विजय कृष्णा, अभिनेता आमिर खान के खिलाफ परिवाद दायर किया है। इससे पहले भी जाति विशेष के लोगों ने फिल्म के ट्रेलर में इस्तेमाल किए गए शब्दों पर आपत्ति जताई थी। अदालत में परिवाद दायर करने वाले अधिवक्ता हंसराज चौधरी को गवाही के लिए १२ नवंबर को तलब किया गया है।

परिवाद में कहा गया है कि फिल्म की कहानी केवल कानपुर के जिले की है। वहीं फिल्म का नाम ठग्स ऑफ हिंदोस्तां रखना फिल्मकारों की दुर्भावना को दर्शाता है। फिल्म में आमिर खान को फिरंगी मल्लाह से संबोधित किया गया है। फिल्म में पूरे निषाद समाज को ठग और फिरंगी की संज्ञा दी गई है। फिल्म कलाकार जानते हैं कि विरोध से फिल्म ज्यादा चलेगी।

परिवाद के अधिवक्ता हिमांशु और ब्रजेश का कहना है कि फिल्म की टीआरपी बढ़ाने और मुनाफा कमाने के लिए फिल्म में ऐसा नाम रखा गया है और जाति विशेष को फिल्म में अपमानित किया गया है। फिल्म में साल 1795 से जुड़ी घटनाएं दिखाई गई हैं। जब एक समूह ब्रिटिश हुकुमत से भारत को स्वतंत्र कराने के लिए लड़ रहा है।

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