Black Lives Matter को सेलेब्स का समर्थन , अभय देओल ने गोरेपन की क्रीम के विज्ञापन करने वाले सितारों पर उठाए सवाल
अमेरिका के मिनिसोटा प्रांत में एक अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की एक श्वेत पुलिसकर्मी द्वारा हत्या किए जाने पर यूएस में लगातार विरोध-प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। इस प्रदर्शनों का बड़े स्तर पर हॉलीवुड सेलेब्स का समर्थन भी मिल रहा है। हॉलीवुड के बाद कई बॉलीवुड स्टार्स ने भी इस घटना की निंदा की है। कई सेलेब्स ने इस मामले पर अपना रिऐक्शन देते हुए Black Lives Matter हैशटैग के जरिए अश्वेतों के आंदोलन का समर्थन किया है।
इन सिलेब्रिटीज में करीना कपूर खान, करण जौहर, प्रियंका चोपड़ा, दिशा पाटनी जैसे तमाम बड़े नाम शामिल हैं। हालांकि, इस बीच कुछ ऐसे एक्टर्स भी सामने आए हैं जो इन स्टार्स की हिपॉक्रिसी पर सवाल उठा रहे हैं। इस लिस्ट में कंगना रनौत के बाद अब अभिनेता अभय देओल का भी नाम जुड़ गया है।
गोरेपन की क्रीम का समर्थन करना बंद करेंगे?
सितारों के इस तरह के पोस्ट पर अभिनेता अभय देओल ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अपने देश पर भी नजर डालनी चाहिए। मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि इस बार अभय ने गोरेपन की क्रीम के विज्ञापन करने वाले सितारों पर सवाल उठाए हैं।
अभिनेता अभय देओल ने पोस्ट शेयर करते हुए बॉलीवुड सितारों से सवाल पूछा है कि क्या वो गोरेपन की क्रीम का समर्थन करना बंद करेंगे? अभय ने लिखा, 'आप क्या सोचते हैं भारतीय सितारे गोरेपन की क्रीम का विज्ञापन करना बंद कर देंगे?'
एक लंबे पोस्ट में ढेर सारे डाटा शेयर करते हुए अभय देओल ने लिखा कि 'कुछ सालों पहले भारत में गोरेपन की क्रीम की उत्पत्ति हुई। पहले फेयरनेस क्रीम्स और अब स्किन ब्राइटनिंग या स्किन वाइटनिंग जैसे क्रीम्स तक। ज्यादातर ब्रांड्स गोरेपन की क्रीम्स जैसे नाम से जुड़ना नहीं चाहते। ऐसे में अब हम ऐसे उत्पादों को एचडी ग्लो, व्हाइट ब्यूटी, व्हाइट ग्लो, फाइन फेयरनेस जैसे नाम से बेचेंगे। इतने सालों में अब कंपनियों का ध्यान पुरुषों की ओर गया है। अब वो उन्हें 'फेयर एंड हैंडसम' बनाना चाहते हैं। पूरी मेहनत से अब गोरेपन की रेंज वहां है।'
पहले अपना देश देख लो
इससे पहले भी अभिनेता अभय देओल ने एक तस्वीर शेयर कर लिखा था , 'अप्रवासियों, गरीबों और अल्पसंख्यकों की जिंदगी भी मायने रखती है।' इसके साथ अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'शायद अब इसका समय भी आ गया है? अब चूंकि कई सिलेब्स और मिडिल क्लास अमेरिका में नस्लभेद के खिलाफ अपनी राय रख रहे हैं, ऐसे में शायद वे देखें कि उनके अपने देश में क्या हो रहा है?'
'अमेरिका ने हिंसा को पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट किया है। ऐसे में उनके कर्म के चलते अमेरिका को यह दिन देखना ही था। मैं यह नहीं कह रहा कि वे इसे डिजर्व करते हैं। मैं कह रहा हूं कि इसे एक बड़े स्तर पर देखने की कोशिश करिए। मैं कह रहा हूं कि अपने देश में चल रही गंभीर समस्याओं के बारे में बात करके उन्हें सपोर्ट करिए। उनकी लीड फॉलो करें, उनके ऐक्शन्स नहीं क्योंकि आपको अपने ऐक्शन्स खुद क्रिएट करने हैं। अपने आंदोलन खुद बनाइए जो आपके देश के लिए प्रासंगिक हैं। Black Lives Matter का मूवमेंट यही है। ये हम और वो की लड़ाई नहीं है। ये किसी एक खास देश की लड़ाई नहीं है। ये पूरी पृथ्वी की लड़ाई है जो इस समय भारी जोखिम में है।'