बॉलीवुड की बेहद खूबसूरत और बेहतरीन अभिनेत्री स्मिता पाटिल आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी याद आज भी उनके फैंस के दिलों में जिंदा है. भले ही स्मिता पाटिल को इस दुनिया से गए हुए 37 साल हो गए हैं, लेकिन लोग आज भी उनके दीवाने हैं और उनकी फिल्में देखना पसंद करते हैं. अगर आज वो इस दुनिया में होती तो आज वो अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही होंती. स्मिता पाटिल ने बेहद कम उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन कम समय में ही उन्होंने बहुत सी फिल्मों में अपनी शानदार ऐक्टिंग से लोगों का दिल जीत लिया. यहां तक कई ऐसी फिल्में हैं जो उनकी मौत के बाद रिलीज हुईं. तो आइए आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प पहलू...
श्याम बेनेगल की फिल्म से किया था डेब्यू
- स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को पुणे के एक मराठा परिवार में हुआ था. उनके पिता शिवाजीराव पाटिल मंत्री और सांसद रह चुके थे. कांग्रेस की ओर से उन्हें राज्यसभा भी भेजा गया था.
- पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से ग्रैजुएशन करने के बाद स्मिता पाटिल थिएटर करने लगी थीं. 1975 में आई श्याम बेनेगल की फिल्म 'चरणदास चोर' से उन्होंने बॉलीवुड डेब्यू किया था.
शबाना आज़मी से होती थी तुलना
- इस फिल्म की सफलता के बाद उनके पास कमर्शियल फिल्मों की लाइन लग गई. 70-80 के दशक में स्मिता ने 'मंथन', 'आक्रोश', 'बाजार', 'अर्थ' और 'मंडी' जैसी यादगार फिल्मों में काम किया. फिल्म निर्माता महेश भट्ट के जीवन पर आधारित फिल्म 'अर्थ' से स्मिता को खास पहचान मिली.
- स्मिता पाटिल दिनों-दिन शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचती जा रही थीं. उस दौरान उनकी तुलना दिग्गज अदाकारा शबाना आजमी से की जाने लगी थी. दोनों ने श्याम बेनेगल की फिल्म 'मंडी' में भी साथ काम किया था.
मौत के बाद 10 से ज्यादा फिल्में हुईं रिलीज
- स्मिता पाटिल की मौत के बाद उनकी 10 से ज्यादा फिल्में रिलीज हुई थीं. इनमें 'हम फरिश्ते नहीं', 'वारिस', 'आवाम', 'शेर शिवाजी', 'नजराना', 'राही', 'अवाम', 'डांस-डांस', 'आकर्षण', 'सूत्रधार', 'इंसानियत के दुश्मन', 'अहसान', 'ठिकाना' और 'मिर्च मसाला' जैसी फिल्में शामिल हैं.
- स्मिता को बिना मेकअप में ही एक्टिंग करने की आदत थी. हालांकि, कैमरे पर आने के बाद उनका मेकअप किया जाने लगा था. एक बार गोविंद निहलानी की 'अर्धसत्य' फिल्म में स्मिता को बतौर हीरोइन लिया गया था. फिल्म का बजट कम होने की वजह से उनको एक मेकअप किट दे दी गई थी, जिससे वो इस्तेमाल खुद ही कर लेती थीं.
राज बब्बर से की थी शादी
- स्मिता पाटिल की मुलाकात फिल्म जगत में एक्टर राज बब्बर से हुई. जब राज बब्बर के साथ स्मिता की नजदीकियां बढ़ने लगी थीं तब मीडिया ने उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी थीं. साल 1982 में राज बब्बर ने स्मिता पाटिल के साथ पहली फिल्म ‘भीगी पलकें’ की थी. इस फिल्म के दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं थीं.
- स्मिता पाटिल से शादी करने से पहले ही राज बब्बर ने सज्जाद जाहिर की बेटी नादिरा शादी की थी. राज बब्बर ने स्मिता से शादी करने के लिए राज ने अपना घर और पहली पत्नी को छोड़ दिया था. दोनों कुछ दिन रिलेशनशिप में भी रहे थे और बाद में शादी कर ली. दोनों का इकलौता बेटा प्रतीक बब्बर भी फिल्मी दुनिया में सक्रिय है.
आखिरी समय में हो गईं थी अकेली
- स्मिता के लाइफ में एक समय ऐसा जब वह बिल्कुल अकेली हो गई थीं. उस समय राज बब्बर से भी दूरियां बढ़ने लगी थीं. एक समय उनकी लाइफ में ऐसा भी आया जब स्मिता ने यह फैसला कर लिया था कि वो राज से अपना रिश्ता तोड़ देंगी.
- स्मिता अपने आखिरी दिनों में बहुत अकेला महसूस करने लगी थीं. राजबब्बर और उनके रिश्ते में काफी दूरियां आ गईं थीं. राज बब्बर उनके आखिरी दिनों में उनसे मिलने के लिए रोज हॉस्पिटल जाते लेकिन दूरियों की वजह से वह अपने दिल की बात उनसे नहीं कह पाईं.
मेकअप आर्टिस्ट को बताई आखिरी इच्छा
- स्मिता अपने मेकअप आर्टिस्ट से काफी घुली-मिली थीं, वह अपना ज्यादातर समय अपने मेकअप आर्टिस्ट और सहयोगियों के साथ बिताती थीं, बातों बातों में हमेशा अपनी आखिरी इच्छा की बात करती थीं.
- उनके मेकअप आर्टिस्ट दीपक सावंत के मुताबिक, 'स्मिता कहा करती थीं कि दीपक जब मैं मर जाउंगी तो मुझे सुहागन की तरह तैयार करना.' निधन के बाद उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक़, स्मिता के शव का सुहागन की तरह मेकअप किया गया.
बेटे के जन्म के 15 दिन बाद हुई मौत
- स्मिता पाटिल मां बनने के 15 दिन बाद ही (13 दिसंबर 1986) को चल बसीं. उनकी मौत का कारण प्रसव के की वजह से हुए इन्फेक्शन को बताया गया. बता दें कि 28 नवंबर को ही प्रतीक का जन्म हुआ था.