3 दशकों तक इंडस्ट्री में चला अभिनेत्री सुरैया का जादू, आवाज़ के दीवाने थे लोग
अपने ज़माने की मशहूर गायिका और अभिनेत्री सुरैया का आज जन्मदिन है। आज भले ही वो हमारे बीच नहीं लेकिन अपने अभिनय और गायिकी से उन्होने ऐसी छाप छोड़ी है कि इस खास दिन उन्हें याद करना ज़रुरी हो जाता है।
आज हम सुरैया के जीवन से जुड़े कुछ खास किस्सों से आपको रुबरु करवाएंगे। जो शायद ही आपने पहले कभी सुने होंगे।
सुरीली सुरैया से जुड़े अनसुने किस्से
Source - Cinestaan
3 दशकों तक इंडस्ट्री पर राज
अभिनेत्री सुरैया का जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ था उनका असली नाम था सुरैया जमाल शेख। जिन्होने तीन दशकों(1936 - 1963) तक इंडस्ट्री पर राज किया। इस दौरान अभिनेत्री ने 67 फिल्मों में अभिनय के साथ -साथ 338 गाने भी गाए। 1940 से 1950 तक इनका करियर सबसे शानदार दौर में रहा।
नौशाद ने दिया पहला ब्रेक
सुरैया का बचपन से ही संगीत में खासा रुझान था। और एक्ट्रेस नहीं बल्कि प्लेबैक सिंगर बनना चाहती थीं। खास बात ये थी कि उन्होने संगीत की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी बावजूद इसके संगीत पर उनकी पकड़ कमाल की थी। आकाशवाणी में एक कार्यक्रम के दौरान सुरैया परफॉर्म कर रही थीं तो नौशाद उनकी गायकी से काफी प्रभावित हुए। नौशाद ने उन्हें बुलाया और उन्ही के संगीत निर्देशन में सुरैया को पहली बार किसी फिल्म में गाने का मौका मिला। ये फिल्म थी शारदा।
एक्टिंग के साथ साथ गाना..मिली अद्भुत सफलता
सुरैया का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट था कि वो एक्ट्रेस के साथ साथ गाने भी गाती थीं। और इसी के चलते वो धीरे धीरे कामयाबी के शिखर तक पहुंचीं। अपने दौर की एक्ट्रेस को उन्होने पछाड़ा। वो नरगिस और कामिनी कौशल से भी आगे निकल गईं।
देवानंद से किया बेइंतहा प्यार
Source - Amar Ujala
सुरैया की बात हो और देवानंद का ज़िक्र ना आए। ऐसा तो हो ही नहीं सकता। अभिनेत्री सुरैया और देवानंद ने साथ में कई फिल्में की। और दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे। वो शादी करना चाहते थे। लेकिन हर बार की तरह धर्म आड़े आ गया। हिंदू धर्म के देवानंद और मुस्लिम धर्म की सुरैया का बंधन अभिनेत्री के परिवारवालों को कतई मंजूर नहीं था। कहा जाता है कि इस रिश्ते में विलेन बनीं सुरैया की नानी। जो देवानंद से उनकी शादी के खिलाफ थी।
देवानंद का पहला और इकलौता सच्चा प्यार थीं सुरैया
साल 2003 में एक इंटरव्यू में अभिनेता देवानंद ने खुद ये बात स्वीकार की थी कि सुरैया उनका पहला और इकलौता सच्चा प्यार थीं। उन्होने बताया था कि मैं उनसे शादी करना चाहता था और वो भी। लेकिन उनके परिवार को मेरे हिंदू होने पर ऐतराज़ था।
आजीवन कुंवारी रहीं सुरैया
तीन सालों(1948-51) तक देवानंद और सुरैया का रिश्ता रहा लेकिन अंत में सुरैया ने ये रिश्ता खत्म कर दिया जिसके बाद 1954 में देव साहब ने कल्पना कार्तिक से शादी कर ली। लेकिन सुरैया ने आजीवन कुंवारी रहने का फैसला किया। और ये सच है कि सुरैया ने अपने अंतिम वक्त तक शादी नहीं की। 31 जनवरी, 2004 को उन्होने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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