'विक्की डोनर' के आठ साल पूरे होने पर आयुष्मान खुराना बोले - ‘मैंने आंसुओं से चुकाई कामयाबी की कीमत’
बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना आज जिन बुलंदियों पर हैं, उसमें बड़ा योगदान उनकी पहली फिल्म 'विक्की डोनर' का ही है। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बाहर से आकर अपनी जगह तलाशने वाले कम कलाकार ही कामयाब हुए हैं। दिलीप कुमार, प्राण, अमिताभ बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती, शाहरुख खान, रणवीर सिंह जैसे सितारों का हिंदी सिनेमा से कोई कनेक्शन नहीं रहा। अब आयुष्मान खुराना की गिनती भी इन्ही सितारों में होने लगी है। सोमवार को आयुष्मान खुराना के बड़े पर्दे पर उतरने के आठ साल पूरे हो गए हैं। उनकी पहली फिल्म 'विक्की डोनर' 20 अप्रैल 2012 को रिलीज हुई थी ,हालांकि दिलचस्प तथ्य ये भी है कि इस फिल्म को करने से पहले ही उन्होंने अपने स्पर्म डोनेट किए थे।
'विक्की डोनर' में स्पर्म डोनेशन, 'शुभ मंगल सावधान' में इरेक्टल डिस्फंक्शन, 'आर्टिकल 15' में कास्ट पॉलिटिक्स, 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में गे हीरो और ‘दम लगा के हईशा’ में बॉडी शेमिंग जैसे विषयों पर काम या तो कोई सिरफिरा हीरो कर सकता है या फिर आयुष्मान खुराना। मतलब कि इन विषयों को सुनने के बाद दूसरा कोई हीरो तो निर्देशक को जाने के लिए कह सकता है, लेकिन आयुष्मान नहीं।
रोडीज के टास्क में किया था स्पर्म डोनेट
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हाल ही में आयुष्मान खुराना ने एक इंटरव्यू में बताया , 'सात साल पहले जब हम 'विक्की डोनर' की शूटिंग कर रहे थे तो शूजित ये देखकर बिल्कुल ही हैरान हो गए थे कि मैं ना सिर्फ इसके पूरे प्रोसेस को जानता था बल्कि इससे मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं हुआ।' उन्होंने बताया , 'स्पर्म डोनेशन (Sperm Donation) 2004 में मेरे लिए चौंकाने वाला था, जब मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता था।'
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आयुष्मान खुराना ने अपने स्पर्म डोनेशन को लेकर कहा, '2004 में जब मैंने 'रोडीज' किया, तो उसमें हमें एक टास्क के लिए इलाहाबाद बैंक में अपना स्पर्म डोनेट करना था, हालांकि ये हमारे टास्क का एक हिस्सा था। लेकिन सात साल बाद जब मैंने शूजित दा के साथ इस फिल्म को किया तो वो ये देखकर बिल्कुल हैरान थे कि मुझे इसकी प्रोसेस के बारे में सब पहले से ही पता है।'
कामयाबी की कीमत मैंने अपने आंसुओं से चुकाई है
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'विकी डोनर' की आठवीं सालगिरह के मौके पर आयुष्मान कहते हैं, “बीते आठ साल मेरे लिए बेहद संतोषजनक, सादगीपूर्ण और रोमांचक रहे हैं और मैं इसमें कुछ भी बदलना नहीं चाहूंगा। भगवान ने मुझे अपने सपनों का पीछा करने की काबिलियत दी जिसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं। यह इतना आसान नहीं था। इस कामयाबी की कीमत मैंने अपने आंसुओं से चुकाई है। एक समय तो मेरा कॉन्फिडेंस बिल्कुल खत्म ही हो गया था।”
हम भी ऊंचे सपने देख सकते हैं
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आयुष्मान खुराना अपनी पहली फिल्म 'विक्की डोनर' को याद करते हुए सबसे पहले तो निर्देशक शूजीत सरकार को शुक्रिया कहते हैं। आयुष्मान ने कहा, 'एक नायक के रूप में मुझे लीक से हटकर सब्जेक्ट वाली इस फिल्म में चुनने के लिए मैं शूजीत दा का हमेशा ही आभारी रहूंगा।' आयुष्मान ने आगे कहा, 'शूजीत दा ने हम जैसे बाहरी लोगों को मौका देकर शायद यह संकेत दिया कि हम भी ऊंचे सपने देख सकते हैं। हम भी हिंदी फिल्मों में हीरो बनने के अपने पैशन को लेकर आगे बढ़ सकते हैं।'
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स्टारडम की अपनी इस यात्रा में आयुष्मान कई लोगों के शुक्रगुजार हैं। वह कहते हैं 'मैं इस इंडस्ट्री का शुक्रगुजार हूं जिसने बाहर से आने वाले मेरे जैसे कलाकार का खुले दिल से स्वागत किया। मैं उन सभी फिल्ममेकर्स का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे अपनी कहानियों का हिस्सा बनाया क्योंकि उनकी वजह से ही आज मैं इस मुकाम तक पहुंचा हूं। मैं सभी दर्शकों का भी तहे दिल से शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरे काम को काफी पसंद किया।”
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