बिलियन डॉलर की कम्पनी गूगल क्या चोरी के आईडिया से बनी थी? By Siddharth Arora 'Sahar' 29 Sep 2021 | एडिट 29 Sep 2021 22:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर आज से 30 साल पहले जब हमें किसी शब्द के बारे में जानना होता था तो हम डिक्शनरी ढूंढते थे, जब हमें नामचीन शख्स के बारे में जानना होता था तो हम उसपर लिखी गयी किताबें पढ़ते थे या हमें किसी जगह के बारे में जानना होता था तो हम उस शहर या देश का मानचित्र यानी मैप देखते थे, ग्लोब घुमाते थे. लेकिन आज से 23 साल पहले गूगल नामक एक ऐसी वेबसाईट एक ऐसा सर्च इंजन डेवेलप हुआ जिसने सारी जानकारी एक क्लिक की दूरी तक समेट दी. किसी सेलेब्रिटी की कुंडली निकालनी हो या किसी शब्द के पर्यायवाची जानने हों, किसी जगह का इतिहास समझना हो या कहीं जाने का रास्ता देख्नना हो, गूगल के पास हर सवाल का जवाब मौजूद होता है. लेकिन जर्मन में बनी वेब सीरीज़ ‘द बिलियन डॉलर्स कोड’ का ट्रेलर इस ओर इशारा करता है कि गूगल मैप और लोकेशन की तकनीक सही मायने में अमेरिकन कम्पनी गूगल की नहीं थी, ये दो जर्मन हैकर्स की देन थी. उस कम्पनी का नाम टेरा विज़न था जिसे गूगल ने बाकयदा कॉपी कर ‘गूगल अर्थ’ के नाम से पब्लिश कर दिया आइए पहले ट्रेलर देखते हैं – तो आपने देखा दोस्तों की कैसे 1990 में दो जर्मन कोडर्स ने कई महीनों की मेहनत के बाद पृथ्वी की एक एक लोकेशन को डिजिटल मैप के द्वारा जोड़ दिया था. ऐसी ही हम एक कहानी द सोशल नेटवर्क भी देख चुके हैं जिसमें फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग पर भी चोरी का इल्जाम लगा था. उम्मीद है नेटफ्लिक्स की ये वेब सीरीज़ भी कंट्रोवर्सी ज़रूर लेकर आयेगी. 7 अक्टूबर से यह सीरीज़ नेटफ्लिक्स पर आ रही है हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article