Birth Anniversary: कभी शाहरुख को नापंसद करते थे Yash Raj Chopra... फिल्मों में रोमांस की अलग परिभाषा देकर यादगार वाले डायरेक्टर यश चोपड़ा की आज बर्थ एनिवर्सरी है. यश चोपड़ा ने अपनी फ़िल्मों के जरिए बड़े पर्दे पर सपनों की एक ऐसी दुनिया रच दी... By Chhavi Sharma 27 Sep 2024 in गपशप New Update Follow Us शेयर फिल्मों में रोमांस की अलग परिभाषा देकर यादगार वाले डायरेक्टर यश चोपड़ा की आज बर्थ एनिवर्सरी है. यश चोपड़ा ने अपनी फ़िल्मों के जरिए बड़े पर्दे पर सपनों की एक ऐसी दुनिया रच दी, जिसने सबको अपने साथ जोड़ लिया. उनकी कहानियों में इतने गहरे इमोशन होते थे कि दर्शक उसके जादू में बंध से जाते थे. हमेशा से ही उनकी फ़िल्में लोगों को छू लेती रही हैं. यश चोपड़ा ने बॉलीवुड में रोमांस को ढेरों रंगों में दिखाया. जिस तरह उन्होंने प्यार को जुनून, पागलपन और कुर्बानी के तौर पर पेश किया वो शायद ही कोई और दिखा पाया हो. तो आइए आज यश चोपड़ा के जन्मदिन पर हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें.... Yash Chopra Songs इंजीनियर बनना चाहते थे यश चोपड़ा - यश चोपड़ा का जन्म लाहौर में 27 सितंबर 1932 को हुआ था. उनकी पढ़ाई लाहौर में हुई. 1945 में इनका परिवार पंजाब के लुधियाना में बस गया. यश चोपड़ा इंजीनियर बनने की ख्वाहिश लेकर मुंबई आए थे. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. - यश चोपड़ा के बड़े भाई बीआर चोपड़ा भी बॉलीवुड के जाने माने प्रोड्यूसर-डायरेक्टर थे. यश जी ने करियर के शुरुआत में भाई के साथ बतौर को-डायरेक्टर काम किया. उन्होंने फिल्म 'नया दौर', 'एक ही रास्ता' और 'साधना' जैसी फिल्मों में काम किया. कई सितारों को दिलाया स्टारडम - बतौर डायरेक्टर यश जी ने पहली फिल्म साल 1959 में 'धूल का फूल' बनाई. 1961 में धर्मपुत्र और 1965 में मल्टीस्टारर फिल्म 'वक्त' बनाई. उन्होंने 22 फिल्में डायरेक्ट कीं जबकि 51 फिल्में प्रोड्यूस कीं. - 1973 में उन्होंने प्रोडक्शन कंपनी यशराज फिल्मस की स्थापना की. संघर्ष के दिनों में कई कलाकारों ने उनसे मेहनताना लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन यश चोपड़ा ने उन्हें पूरे पैसे दिए. यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों से कई सितारों को स्टारडम का दर्जा दिलाया. रोमांटिक फिल्मों के जादूगर थे यश चोपड़ा - 1975 में फिल्म ‘दीवार’ से उन्होंने महानायक अमिताभ बच्चन की 'एंग्री यंग मैन' की छवि को विस्तार दिया. यश चोपड़ा को रोमांटिक फिल्मों का जादूगर कहा जाता है. यश चोपड़ा के बड़े बेटे आदित्य चोपड़ा भी निर्देशक हैं. यश चोपड़ा के छोटे बेटे उदय चोपड़ा बॉलीवुड एक्टर हैं. उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया है. - अमिताभ बच्चन की लीड रोल वाली पांच फिल्में दीवार (1975), कभी-कभी (1976), त्रिशूल (1978), काला पत्थर (1979), सिलसिला (1981) यश चोपड़ा की बेहतरीन फिल्में हैं. बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के साथ बतौर निर्देशक यश चोपड़ा ने डर, दिल तो पागल है, वीर जारा और जब तक है जान जैसी सफल फिल्में बनाईं. शाहरुख खान को बनाया सुपरस्टार - 'डर' में शाहरुख ने राहुल मेहरा का रोल निभाया था. कम ही लोगों को पता है कि यश चोपड़ा की पहली पसंद शाहरुख खान नहीं थे. उस वक्त इस रोल का ऑफर अजय देवगन को दिया गया था लेकिन डेट्स की कमी के चलते अजय देवगन ने फिल्म को मना कर दिया था. - फिर आमिर खान से इसके लिए बात की गई तो उन्होंने भी इसमें रुचि नहीं दिखाई. क्योंकि आमिर नेगेटिव रोल नहीं करना चाहते थे. कहा जाता है कि इसके बाद आमिर और यश जी के संबंध काफी खराब हो गए थे. शाहरुख की वजह से खराब हुए आमिर-यश चोपड़ा के संबंध - अजय देवगन और आमिर के मना करने के बाद आखिर में ये रोल शाहरुख के पास आया. फिल्म में हीरो का रोल सनी देओल ने निभाया था लेकिन विलेन का किरदार ज्यादा पॉपुलर हो गया और शाहरुख इस फिल्म से रातोंरात सुपरस्टार बन गए. - इस फिल्म के बाद शाहरुख और सनी देओल ने कभी साथ काम नहीं किया. एक इंटरव्यू में सनी देओल ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि 'फिल्म में विलेन को हीरो से ज्यादा दमदार तरीके से पेश किया गया. जब मुझे पता चला कि फिल्म का अंत कुछ ऐसा सोना है तो मैं हैरान रह गया.' फिल्म 'डर' से मिली शाहरुख को पॉपुलैरिटी - इस रोल को करने के बाद शाहरुख को भी डर था कि कहीं उनका करियर खत्म ना हो जाए लेकिन हुआ बिल्कुल इसका उल्टा. बॉलीवुड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी विलेन को हीरो के मुकाबले ज्यादा पॉपुलरिटी मिली थी. - हिन्दी सिनेमा में उनके शानदार योगदान के लिए 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सिनेमा सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया. फिल्मों की शूटिंग के लिए यश चोपड़ा का स्विट्जरलैंड प्रिय डेस्टिनेशन था. स्विट्जरलैंड में उनके नाम पर बनी सड़क - 25 अक्टूबर 2010 में स्विट्जरलैंड में उन्हें एंबेसेडर ऑफ इंटरलेकन अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. स्विट्जरलैंड में उनके नाम पर एक सड़क भी है और वहां पर एक ट्रेन भी चलाई गई है. - अपनी मृत्यु से लगभग एक माह पूर्व अपने जन्मदिन के दिन शाहरुख खान को दिए एक इंटरव्यू में यश चोपड़ा ने कहा कि जब तक है जान उनके द्वारा निर्देशित अंतिम फिल्म होगी. इसके बाद वे रिटायर हो जाएंगे और परिवार को ज्यादा समय देंगे. 2005 में उन्हें पद्म भूषण से नवाजा गया. 'जब तक है जान' थी आखिरी फिल्म - अपनी हीरोइनों को यश चोपड़ा अपनी फिल्मों में बेहद खूबसूरती के साथ पेश करते थे. उनकी फिल्मों में हीरोइनें अक्सर सफेद साड़ी में नजर आती थी और चांदनी उसका नाम होता था. यही कारण है कि तमाम हीरोइनें अपने करियर में एक बार यश चोपड़ा के साथ फिल्म करने की ख्वाहिश रखती थीं. - यश चोपड़ा शराब और सिगरेट से दूर थे, लेकिन खाने के बड़े शौकीन थे. यश चोपड़ा अक्सर कहते थे कि उनकी ख्वाहिश है कि वे अपने अंतिम समय तक फिल्म बनाते रहे और ऐसा ही हुआ. अपने अंतिम दिनों में उन्होंने 'जब तक है जान' निर्देशित की और 80 वर्ष की उम्र में 21 अक्टूबर को उनका निधन हो गया. 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