समय उड़ता है, 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' केवल एक आइकोनिक फिल्म ही नहीं है, बल्कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की सबसे प्रसिद्ध फिल्म भी है. शाहरुख खान और काजोल को ‘राज और सिमरन’ के रूप में चित्रित करते हुए, फिल्म में ऐसा दिखाया गया कि भारत की हर लड़की को अपने ‘राज’ की तलाश है. और जबकि इसमें कुछ अलग तरह से दिखाया गया था, फिल्म काफी प्रभावशाली और मनोरंजक था. तो यहाँ कुछ सेलेब्स इस आइकोनिक फिल्म में से अपनी पसंदीदा डायलॉग को ज्योति वेंकटेश से शेयर कर रहे हैं.
शरद मल्होत्रा
वाह, डीडीएलजे की पूरी टीम को बधाई. विश्वास नहीं कर सकता कि इस फिल्म ने 25 साल पूरा कर लिया. यह एक आइकोनिक फिल्म है. और किसी एक डायलॉग को चुनना बहुत मुश्किल है, खासकर जब मैं शाहरुख खान का इतना बड़ा फैन हूं. मेरा पसंदीदा एसआरके का डायलॉग है, जो मुझे यकीन है कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में हम में से कई लोगों कहते हैं. ‘बड़े-बड़े देशों में ऐसी-ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं.’
जैस्मीन भसीन
मुझे फिल्म बहुत पसंद आई और मैं इसे हमेशा टीवी पर देखती हूं. हालांकि फिल्म में कुछ अद्भुत थे, मेरी पसंदीदा डायलॉग है 'जा सिमरन जा, जी ले अपना जिंदगी' है. मैं इसे अपने जीवन का मंत्र भी मानती हूं, बस ऊंची उड़ान भरने और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए.
निशांत सिंह मलखानी
विश्वास नहीं कर सकता कि इसे 25 साल पूरे हो गए हैं, और मुझे लगता है कि यह एक ऐसी फिल्म है कि अगली पीढ़ी भी इसे उसी रुचि के साथ देखेगी. मेरा पसंदीदा काफी फिल्मी है, लेकिन यह उसी समय बहुत वास्तविक है जब यह भारतीय महिलाओं और उनके सम्मान के बारे में बात करता है. मैं एक हिंदुस्तानी हूं और मैं जानता हूं कि एक हिंदुस्तानी लड़की की इज्जत क्या होती है.
सवी ठाकुर
फिल्म में मेरा पसंदीदा डायलॉग है 'सपने देखो, जरूर देखो ... बस उनके पूरे होने की शर्त मत रखो.. मुझे लगता है कि इसका मतलब है कि आप सपने देख सकते हैं और आप उन सपनों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर सकते हैं, लेकिन आप उन सभी के सच होने की उम्मीद नहीं कर सकते. मुझे लगता है कि यह बहुत उपयुक्त है और सभी के लिए सच है.
केतन सिंह
25 साल और अभी भी दर्शकों के दिल पर राज करना एक बड़ी बात है. डीडीएलजे में मेरा पसंदीदा डायलॉग है 'मोहब्बत का नाम आज भी मोहब्बत है ... ये ना कभी बदली है और ना कभी बदलेगी.' इस फिल्म में अनुपम खेर ने कहा था, इसका इतना गहरा अर्थ है और मुझे यह बहुत पसंद है.
अक्षत सुखीजा
मुझे लगता है कि कुछ बिंदु पर हम सभी ने अपने जीवन में 'पलट' का उपयोग किया है. तो मेरा पसंदीदा है 'आगर ये तुझ प्यारे करती है तो ये पलट के देखेगी... पलट...पलट... पलट..’’ यह कभी भी पुराना नहीं हो सकता है, यहां तक कि जब फिल्म 50 या 75 साल पूरे करती है, तब भी यह वैसा ही रहेगा.
सूरज कक्कड़
डीडीएलजे में मेरा पसंदीदा डायलॉग है, जो काफी मजेदार है क्योंकि यह परिणामों से संबंधित है, जिसे हर कोई अपने माता-पिता को दिखाने से डरता है. तो मेरे लिए यह 'फेल हो जाना और पढ़ाई ना करना, ये हमारे खानदान की परम्परा है.' काफी फनी है, लेकिन यह कभी भी पुराना नहीं होगा, 100 साल बाद भी आप इसे कह सकते हैं.