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लिरिक्स चोरी विवाद: रैपर बादशाह ने गेंदा फूल के असली राइटर को दिए लाखों रुपए

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By Sangya Singh
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लिरिक्स चोरी विवाद: रैपर बादशाह ने गेंदा फूल के असली राइटर को दिए लाखों रुपए

हाल ही में रिलीज हुआ है बादशाह का गाना गेंदा फूल

मशहूर सिंगर-रैपर बादशाह का कुछ दिनों पहले ही रिलीज हुआ गाना गेंदा फूल लिरिक्स चोरी के आरोपों की वजह से विवादों में आ गया था। गाना ऑनलाइन तो खूब हिट हुआ, लेकिन बादशाह पर बांग्ला राइटर की लाइन चुराने और उसे क्रेडिट न देने का आरोप भी लग गया। इस बीच लिरिक्स चोरी विवाद में ये खबर है कि आरोप लगने के बाद बादशाह ने असली राइटर को पांच लाख रुपये दिए हैं। आपको बता दें, कि लिरिक्स चोरी विवाद के बाद बादशाह ने वादा किया था कि वे अपनी ओर से कुछ जरूर करेंगे।

बादशाह के गाने पर लगा लिरिक्स चोरी का आरोप

गेंदा फूल गाने में एक लाइन है- बड़ो लोकेर बेटी लो, लोंबा-लोंबा चूल, ये लाइन बांग्ला लोकगीत की है। इसी को मिलाकर बादशाह ने गेंदा फूल गाने की लाइनें लिखी हैं और पायल देव के साथ गाया है। गाना हिट हुआ तो विवाद हुआ कि ये गाना 1972 में बांग्ला गीतकार रतन कहार ने लिखा है। उन्हें इस गाने के लिए क्रेडिट नहीं मिला। बस फिर क्या था, लिरिक्स चोरी विवाद सुर्खियों में आ गया।

गाने के असली राइटर हैं रतन कहार

लिरिक्स चोरी विवाद होने के बाद बादशाह ने इस मामले पर सफाई दी। उन्होंने ये भी कहा कि अभी लॉकडाउन है, लेकिन वे रतन कहार की मदद करेंगे। खबरों के मुताबिक, बादशाह की टीम ने पांच लाख रुपये रतन कहार के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए हैं। बता दें कि रतन कहार बंगाल के एक गांव में रहते हैं और गरीबी में जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

रतन कहार ने बादशाह को दिया धन्यवाद

इस बीच जानकारी ये भी है कि पैसे ट्रांसफर होने के बाद बादशाह और रतन कहार की फोन पर बातचीत भी हुई है। रतन कहार ने रैपर को धन्यवाद भी दिया है। साथ ही उन्होंने बादशाह को लॉकडाउन खत्म होने के बाद अपने गांव भी बुलाया है।

1972 में लिखा गया था ये गाना

बता दें कि रतन कहार ने ये बांग्ला लोकगीत 1972 में लिखा था। एक समय ऐसा भी था जब रतन कलकत्ता आकाशवाणी में गाया करते थे। कहा जाता है कि वहीं ये गाना उनसे लिया गया था। इस गाने को बाद में स्वपना चक्रवर्ती की आवाज में रिलीज किया गया था। जानकारी के मुताबिक, उस दौरान भी रतन को नाम नहीं मिला था और गीत में सिर्फ बांग्ला लोकगीत लिखा हुआ था। बादशाह ने भी कहा था कि उन्हें किसी भी लेखक का नाम नहीं मिला था जिसके कारण वे क्रेडिट नहीं दे पाए। लेकिन उन्होंने मदद का वादा किया था।

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