मायापुरी की अपील के अनुसार जहाँ वोट वहाँ वैक्सीन कैम्पेन की तर्ज पर पोल-बूथ पर Vaccine लगेगी
कौन कहता है कि असमान में सुराख हो नहीं सकता
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों –
दुष्यंत कुमार जी की ये कविता भले ही अतिश्योक्ति लगती हो पर इसकी हर एक लाइन बिल्कुल सच है। कोरोना के बढ़ते कहर और वैक्सीनेशन की कमी की वजह से 15 दिन पहले तक भारतवासी एक-एक सांस गिन-गिनकर ले रहे थे। सुनने में आ रहा था कि Vaccine तो पर्याप्त मात्रा में है लेकिन पूरे भारत को वैक्सीनेट करने के लिए अभी 6 महीने का समय और लगेगा। तब मायापुरी के चीफ एडिटर श्री पीके बजाज जी के मशवरे पर मायापुरी मैगज़ीन के द्वारा हमने एक अपील की थी और सवाल उठाया था कि जब 2 महीने के अन्दर पूरे भारत में चुनाव हो सकते हैं तो Vaccine क्यों नहीं लग सकती? क्या चुनाव आयोग इस काम में मदद नहीं कर सकता?
जब 2 महीने से भी कम समय में 80 करोड़ से ज़्यादा लोग वोट दे सकते हैं तो करीब 100 करोड़ नागरिकों को (बच्चे छोड़कर) वैक्सीनेट करने में पूरा साल क्यों लग रहा है? (पढ़िए मायापुरी डिजिटल एडिशन 62 – पेज नंबर 105)
आज 7 जून 2021 की सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ये सूचना दी है कि अबसे हर पोलिंग बूथ पर वैक्सीनेशन भी की जायेगी। श्री केजरीवाल ने “जहाँ वोट वहाँ वैक्सीन' का नारा दिया है
अब देखना होगा कि केजरीवाल जी के इसी इनीशियेटिव को बाकी राज्यों में कबतक लागू किया जाता है और सारे देश की जनता को वैक्सीनेट करने में कितना समय लगता है क्योंकि देश में डेढ़ महीने से ऊपर के लॉकडाउन के बावजूद रोज़ एक लाख से अधिक केसेज़ देखने को मिल रहे हैं। हालाँकि अब लॉकडाउन में कुछ राहत दी गयी हैं, दिल्ली समेत बहुत से राज्यों में अब अनलॉक प्रक्रिया भी शुरु की गयी है लेकिन साथ साथ ये डर अभी भी बना हुआ है कि अगर इस अनलॉक के चलते कोरोना की तीसरी लहर आई, तो क्या राज्य और केंद्र सरकारें इस बार हालात काबू में कर पायेंगे या तीसरी बार वही लाइन दोहराते मिलेंगे कि “हम इसके लिए तैयार नहीं थे”।
बहरहाल, सरकारों सहित जनता की भी भलाई इसी में है कि वक़्त रहते वैक्सीनेशन करवा लें और देर से ही सही, फिर खुली हवा में सांस लेने के लिए आज़ाद हो सकें। अब इसके लिए पोलियो ड्रॉप्स की तरह गली-गली घर-घर जाकर भी Vaccine लगानी पड़े, तो भी सरकारों को संकोच नहीं करना चाहिए।