हाल ही में प्रख्यात क्रिकेटर कपिल देव और निर्भया की मां आशा देवी ने नई दिल्ली के द पार्क होटल में आयोजित एक कार्यक्रम में VAOO के सीईओ अभिनीत पाठक के साथ मिलकर VAOO नामक सुरक्षा फीचर से लैस SHOUT ऐप लॉन्च किया।
इस ऐप की खासियत यह है कि यह सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए बनाई गई है इमरजेंसी होने पर इस ऐप का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है। इसी के साथ अगर आप इस ऐप में वालंटियर करना चाहते हैं, तो वह भी संभव है। इस ऐप में रजिस्टर करके आप वालंटियर भी कर सकते हैं। रेजिस्ट्रेशन कर लेने के बाद पुलिस वेरिफिकेशन के लिए आपके पास आएगी। इसके अलावा आपको दिल्ली पुलिस के सेल्फ डिफेन्स प्रोग्राम में ट्रेनिंग भी दी जाएगी। अगर आप दिल्ली के किसी भी क्षेत्र में इमरजेंसी में पड़ते हैं, तो ऐप में मौजूद पैनिक बटन को दबाएं। इसके बाद आपके आस-पास मौजूद 5 वालंटियर को अलर्ट और आपकी लोकेशन की जानकारी चली जाएगी। पैनिक बटन को दबाने से आपकी जानकारी और अलर्ट दिल्ली पुलिस के पास भी जाएगा। इसके साथ ही यह अलर्ट सबसे पास के इमरजेंसी व्हीकल, मोटरसाइकिल पैट्रोल, बीट स्टाफ, क्विक रेस्पॉन्स टीम और पराक्रम वेंस को भी चला जाएगा। इस ऐप की मदद से पुलिस और आम आदमी, दोनों मिलकर किसी की मदद कर सकते हैं।
ऐप लॉन्च के मौके पर कपिल देव ने इस ऐप से जुड़े होने का कारण साझा करते हुए कहा, मैं एक लड़की का पिता भी हूं और मैं चाहता हूं कि वह सुरक्षित रहे हमें सबसे पहले उठाए जाने वाले कदम के तौर पर अपनी मानसिकता को बदलने का काम करना चाहिए, लेकिन मानवता को नहीं छोड़ना चाहिए। मैं VAOO ऐप को बधाई देता हूं कि वे एक SHOUT सेफ्टी फीचर लेकर आए हैं, जो हर मामले को रिपोर्ट करने में मदद करेगा। साथ ही हमें अपनी लड़कियों और महिलाओं को ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूत बनाना चाहिए।
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, मुझे बहुत खुशी है कि VAOO ने महिला सुरक्षा के लिए इस तरह की एक महान सुविधा शुरू की है। लेकिन मेरी अपील है कि सभी मातापिता अपनी बेटियों को सशक्त बनाएं कि वे ऐसे मामलों की रिपोर्ट करने के लिए पर्याप्त रूप से बहादुर हों। उन्होंने कहा, पुलिस और कानूनी अधिकारियों के पास कई खामियां हैं जिनके कारण न्याय में देरी होती है। कानूनी अधिकारियों,पुलिस को इस मुद्दे की संवेदनशीलता का एहसास करना चाहिए और पीड़ित को पूरी मदद करनी चाहिए। यह ऐप महिलाओं के लिए काफी मददगार साबित होगा, लेकिन मुख्य रूप से हमें बेटियों को बचाने के लिए एक कदम आगे बढ़ाना चाहिए।