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राजकीय सम्मान के साथ आज सुपुर्द-ए-ख़ाक किए जाएंगे ख़य्याम साहब

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By Sangya Singh
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राजकीय सम्मान के साथ आज सुपुर्द-ए-ख़ाक किए जाएंगे ख़य्याम साहब

भारतीय सिनेमा के दिग्गज संगीतकार ख़य्याम को आज (20 अगस्त) पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्दे-ख़ाक किया जाएगा। 19 अगस्त की रात मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। उधर, ख़य्याम साहब के रुख़सत होने से ग़मजदा पूरा बॉलीवुड उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहा है।

बता दें कि ख़य्याम साहब को भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण सम्मान मिला था। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार मुंबई के चार बंगला इलाक़े में स्थित कब्रिस्तान में शाम 4.30 बजे किया जाएगा। इससे पहले 4 बजे उनकी अंतिम यात्रा जुहू स्थित निवास स्थान से निकाली जाएगी। ख़य्याम साब 92 साल के थे और उम्र की वजह से कई बीमारियों की गिरफ़्त में थे।

पिछले 10 दिनों से वो मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था। सोमवार रात उनके निधन की सूचना आम होते ही फ़िल्म इंडस्ट्री में शोक छा गया। जावेद अख़्तर, सोनू निगम, तलत अज़ीज़ और फ़िल्ममेकर अशोक पंडित रात में ही अस्पताल पहुंच गये थे। उनके पार्थिव शरीर को फिर उनके निवास स्थान पर लाया गया, जहां इंडस्ट्री से जुड़े लोग उनके आख़िरी दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इधर, सोशल मीडिया में उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है।

आपको बता दें कि पंजाब के राहों गांव में पैदा होने वाले खय्याम ने संगीतकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत 1953 में की थी। उसी साल आई उनकी फिल्म 'फिर सुबह होगी' से उन्हें बतौर संगीतकार पहचान मिली। चार दशक के करियर में उनकी पहचान बेहद कम मगर उम्दा किस्म का संगीत देने वाले संगीतकार के रूप में बनी गई।

2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड तो, वहीं 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से नवाजा गया। 'फिर सुबह होगी' के अलावा जिन फिल्मों में उनके संगीत की काफी चर्चा हुई, उनमें कभी कभी,‌ उमराव जान, थोड़ी सी बेवफाई, बाजार, नूरी, दर्द, रजिया सुल्तान, पर्वत के उस पार, त्रिशूल जैसी‌ फिल्मों का शुमार है।

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