घुंघरू बांध अंधेरे में नाचते रहे Manoj Bajpayee

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By Sarita Sharma
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बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) दिल्ली के थिएटर से निकलकर हिंदी सिनेमा में लोगों को अपनी एक्टिंग का दिवाना बना दिया. बिहार के एक गांव से आने वाले मनोज बजपेयी ने बॉलीवड की के चमकिले आसमान में खुद को एक तेज चमकिले सितारें की तरह स्थापित किया. यही नही आज भी वह अपनी  जगह को बरकरार किए हुए हैं. एक्टर ने अपने स्ट्रगल के दिनों में कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन कभी हार नही मानी. यही वह कारण है जिसने मनोज बाजपेयी का स्टार बनाया. 

मनोज बाजपेयी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1994 में आई फिल्म ‘बैन्डिट क्वीन’ (Bandit Queen) से की. एक्टर को बॉलीवुड में पहचान राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) की फिल्म ‘सत्या’ (Satya) में भीखू म्हात्रे के किरदार ने दिलाई.   

एक्टर को आगे चलकर और भी फिल्में मिलने लगी जिनमें मनोज बाजपेयी ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिया. एक्टर के इस जज्बे को डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स ने पहचाना और उन्हें कई फिल्मों में काम करनें का मौका मिलता रहा. मनोज बाजपेयी ने अपने एक्टिंग करियर के दौरान शूल (Shool), रोड (Road), पिंजर (Pinjar), आरक्षण (Aarakshan) , चक्रव्यूह (Chakravyuh), गैंग्स ऑफ वासेपुर – भाग 1 (Gangs of Wasseypur), अलीगढ़ (Aligarh), अय्यारी (Aiyaary), सत्यमेव जयते (Satyameva Jayate) जैसी फिल्में रही.

हाल ही में अपनी फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है कि प्रोमोशन के लिए ‘द लल्लनटॉप’ (The Lallantop) में आए. शो में मनोज बाजपेयी ने अपने और अपने कुछ खास दोस्तो के बारे बात की और साथ ही यह भी बताया कि उन सभी दोस्तों के साथ उनका आज तक कैसा रिश्ता है. इसी के साथ एक्टर ने अपने स्ट्रगल कि दिनों को भी याद किया और उनसे जुड़े भी कुछ किस्से सुनाए. 

मनोज बाजपेयी अपने थिएटर के दिनों को याद करते हुए अपने एक फेमस नाटक के बारे में बताया जिसकों लोगों ने बहुत पंसद किया. वह बाताते हैं. कि “लगभग साल 1990 की बात है. जब मेने नेटुआ नाटका का मंचन किया था. कई लोगों ने तो इस नाटक को 15-20 बार भी देखा. यह मेरे जीवन का बहुत ही सफल नाटक और किरदार रहा. इससे ज्यादा सफल किरदार मेने आज तक नही निभाया. इसके लिए मैं 18 घंटे रिहर्सल किया करता था और इस रोल को निभाने के लिए कथक भी सिखता था. रिहर्सल में मैं घूंघरु बांध कर नाचता था जिससे मेरा पैर भी जख्मीं हो गया था.” 

आगे मनोज बाजपेयी बताते हैं कि “एक बार इस नाटक का मंचन हो रहा था श्री राम सेंटर में और लाइट चली गई. मेरा नांच लोगों ने रुकने नही दिया. अंधेरे में नाचता रहा मैं लोग चिल्लाते रहे कि हम लोग लाइट लेकर आ रहे हैं. आप नाचते रहिए. उसी बीच कोई जाकर अगरबत्ती लेकर आया और पूरे थिएटर में अगरबत्तियां थी और मैं नाच रहा था. ऐसा विहंग्म दृश्य मेने अपने जीवन में देखा हैं.”

मनोज बाजपेयी का आखिरी डिज्नी हॉटस्टार (Disney+ Hotstar) पर ‘गुलमोहर’ (Gulmohar) में देखा गया था. इसके बाद आगे वह एक कोर्ट रुम ड्रामा फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी हैं’ (Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai) लेकर आ रहे है. इसमें मनोज बाजपेयी के साथ प्रियंका सेठिया (Priyanka Setia), और निखिल पांडे (Nikhil Pandey) जैसे कलाकार शामिल है. 

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