MeToo कैंपेन के तहत राइटर और डायरेक्टर विनता नंदा द्वारा रेप का आरोप झेल रहे आलोक नाथ ने मुंबई की एक अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। यह याचिका अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस एस ओझा के समक्ष दायर की गई। कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई 20 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है क्योंकि विनता नंदा के वकील ने आलोक नाथ की जमानत याचिका के खिलाफ जवाब दायर करने के लिए अदालत से समय मांगा।
आपको बता दें, 21 नवंबर को पुलिस ने एक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इससे पहले ये भी खबर आई थी कि समन से संबंधित लेटर लेकर जब उनके घर पुलिसकर्मी पहुंचे तो वहां कोई नहीं मिला। गौरतलब है कि, MeToo मूवमेंट के जोर पकड़ने के बाद राइटर और डायरेक्टर विनता नंदा ने आलोक नाथ पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
विनता नंदा ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए लिखा कि 'एक बार मैं आलोक नाथ के घर पर हुई पार्टी में शामिल हुई। वहां से देर रात दो बजे के करीब घर जाने के लिए निकली। ड्रिंक में कुछ मिला दिया गया था।' विनता नंदा ने बताया था- आलोक नाथ ने मुझे घर छोड़ने की पेशकश की। मैं उस पर भरोसा करके गाड़ी में बैठ गई। इसके बाद मेरे मुंह में और ज्यादा शराब डाली गई और मेरे साथ काफी हिंसा की गई।
बाद में विनता ने यह भी कहा कि इस घटना के बारे में उन्होंने आलोक नाथ की पत्नी आशु को भी इस बारे में बताया था लेकिन उन्होंने उनकी कोई मदद नहीं की थी। बता दें कि, आलोक नाथ विनता नंदा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करते हुए खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों से साफ इनकार कर चुके हैं।