Rajesh Khanna Death Anniversary: हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार के बारें में जानिए कुछ खास बातें...
हिंदी सिनेमा के दिवगंत अभिनेता राजेश खन्ना एक कलाकार नहीं बल्कि सुपरस्टार थे। साल 2012 में आज ही के दिन इस सुपरस्टार ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज उनकी पुण्यतिथि (Rajesh Khanna death anniversary) है। राजेश खन्ना ने अपने बॉलीवुड करियर में 180 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। राजेश खन्ना की फिल्में ही काफी नहीं थी उनका स्टाइल उनके कॉलर वाली शर्ट पहनने का तरीका या फिर पलकों को हल्के से झुकाकर गर्दन टेढ़ी कर देखना...ये सब उन्हें सभी स्टार्स से अलग बनाता था। आज उनकी पुण्यतिथि पर जानिए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें...
राजेश खन्ना से जुड़ी कुछ बेहतरीन यादें...
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सुपरस्टार राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर (पंजाब) में हुआ था। राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था। उनके अंकल के के तलवार ने फिल्मों में आने से पहले उनका नाम जतिन से बदलकर राजेश कर दिया था। इंडस्ट्री में प्यार से लोग राजेश खन्ना को 'काका' के नाम से बुलाते थे।
परिवार के साथ मुंबई शिफ्ट होने के बाद राजेश खन्ना मुंबई के गिरगांव चौपाटी में रहते थे और वहीं स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई की। राजेश खन्ना के सहपाठी रवि कपूर (अभिनेता जीतेन्द्र) हुआ करते थे। स्कूल के दौरान ही राजेश खन्ना का झुकाव थिएटर की तरफ था और वो कई सारे नाटकों में हिसा लिया करते थे और कई बार इनाम भी जीते। 60 के दशक की शुरुआत में राजेश खन्ना पहले ऐसे स्ट्रगल करने वाले न्यूकमर थे जो अपनी एम जी स्पोर्ट्स कार में बैठकर ऑडिशन देने जाया करते थे।
फिल्म 'आराधना' ने दिलाया सुपरस्टार का दर्जा
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राजेश खन्ना ने 1966 में आई फिल्म 'आखिरी खत' से बॉलीवुड में कदम रखा था। जिसे चेतन आनंद ने डायरेक्ट किया था। बस इसी के बाद से उनका सुपरस्टार बनने का सफर शुरू हो गया। इस फिल्म को 40वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में भारत की तरफ से फॉरेन फिल्म की श्रेणी में भेजा गया था।
इसके बाद फिल्म 'आराधना' के बाद राजेश खन्ना को पहला सुपरस्टार घोषित कर दिया गया था।इस फिल्म में राजेश खन्ना ने शर्मीला टैगोर और फरीदा जलाल के साथ बेहतरीन काम किया था। इसी फिल्म से किशोर कुमार भी राजेश खन्ना की ऑफिशियल आवाज कहे जाने लगे।
राजेश खन्ना ने अपने फिल्मी करियर में 'आराधना', 'दो रास्ते', 'खामोशी', 'सच्चा झूठा', 'गुड्डी', 'कटी पतंग', 'सफर', 'दाग', 'अमर प्रेम', 'प्रेम नगर', 'नमक हराम', 'रोटी', 'सौतन', 'अवतार' जैसी एक से बढ़कर एक फिल्में की।
राजेश खन्ना एक ऐसे स्टार थे जिनकी दुनिया दीवानी थी। लड़कियां जिसकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहती थीं। राजेश खन्ना का सुपरस्टारडम भले ही ज्यादा लंबा नहीं चला लेकिन जिस कदर उस छोटे से दौर में लोगों ने उन्हें चाहा, उन्हें लेकर जो दीवानगी थी, वैसी शायद हिंदी फिल्मों के किसी अभिनेता को नसीब नहीं हुई। कहा जाता है कि कई लड़कियां उनकी फैन थीं और खून से लेटर लिखकर वो अपने प्यार का इजहार करती थीं। इतना ही नहीं उसी खून से लड़कियां राजेश खन्ना के नाम का सिंदूर तक लगाती थी।
मरने से पहले राजेश खन्ना के आखिरी शब्द थे...
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राजेश खन्ना ने मशहूर अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया से विवाह किया और उनकी दो बेटियां ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना हुई। फिल्मों के अलावा उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा और कांग्रेस पार्टी के नेता भी बने। राजेश खन्ना साल 2012 में कुछ समय से बीमार चल रहे थे और 18 जुलाई 2012 को उनका खुद के 'आशीर्वाद' बंगले में देहांत हो गया। विकिपीडिया के अनुसार अमिताभ बच्चन ने बताया की राजेश खन्ना के आखिरी शब्द थे 'Time is up', 'Pack up'।
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