राजीव गांधी हत्याकांड का दोषी पेरारिवलन काट रहा है उम्रकैद की सज़ा
अभिनेता संजय दत्त की तय समय से पहले रिहाई क्यों और कैसे हुई और समय पूर्व रिहाई से पहले केंद्र और राज्य सरकार की राय ली गई थी या नहीं। इन सवालों के जवाब मांगने के लिए राजीव गांधी हत्याकांड का दोषी बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गया है। खास बात ये है कि कोर्ट ने याचिका स्वीकार भी कर ली है और अगले हफ्ते इस मामले में सुनवाई भी हो सकती है।
265 दिन पहले रिहा हुआ थे संजय दत्त
साल 2006-2007 में स्पेशल कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत संजय दत्त को दोषी ठहराया था। और उन्हें 6 साल की सजा सुनाई गई थी। बाद में हाईकोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा लेकिन सज़ा की अवधि 6 की जगह 5 साल कर दी गई। मई 2013 में संजय दत्त ने सरेंडर किया। और जेल में रहने के दौरान वो कई बार पैरोल पर बाहर भी आए। वहीं 25 फरवरी, 2016 को उन्हें 256 दिन पहले ही संजय दत्त को जेल से रिहा कर दिया गया था। इसी पर अब राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ने सवाल उठाए हैं।
पहले आरटीआई दाखिल कर मांगा था जवाब
आपको बता दें कि दोषी पेरारिवलन ने पहले मार्च 2016 में आरटीआई दाखिल कर अपने इन सवालों के जवाब मांगे थे। लेकिन जवाब नहीं मिले। जिसके बाद वो अपीलीय प्राधिकरण के पास पहुंचा। लेकिन वहां से भी उसे सूचना नहीं मिली। फिर उसने राज्य सूचना आयोग का दरवाज़ा खटखटाया जिसने पर्याप्त और स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया। वहीं अब अंत में उसने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है।
कौन है राजीव हत्याकांड का दोषी पेरारिवलन?
इस हत्याकांड में पेरारिवलन ही वो कड़ी हैं। जिन्होंने दो बैटरियां उपलब्ध कराई थीं। इन्हीं बैटरियों का इस्तेमाल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मारने के लिए बनाए गए बम में किया गया था। इस हत्याकांड में पेरारिवलन को 19 साल की उम्र में ही उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी। फिलहाल वो 29 साल से जेल में हैं।
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