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Death Anniversary: रामायण के रचयिता Ramanand Sagar का संघर्षपूर्ण जीवन

दूरदर्शन के मशहूर सीरियल 'रामायण' (Ramayan) के लिए हमेशा बने रहे रामानंद सागर (Ramanand Sagar) भले ही आज हमारे बीच नहीं बल्कि उनके चर्चे आज भी होते हैं...

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Ramanand Sagar Death Anniversary: रामायण सीरियल के रचयिता रामानंद सागर का जीवन रहा था काफी संघर्षपूर्ण

Ramanand Sagar Death Anniversary: दूरदर्शन के मशहूर सीरियल 'रामायण' (Ramayan) के लिए हमेशा बने रहे रामानंद सागर (Ramanand Sagar) भले ही आज हमारे बीच नहीं बल्कि उनके चर्चे आज भी होते हैं. वहीं आज 12 दिसंबर 2023 को रामानंद सागर की 18वीं डेथ एनिवर्सरी (Ramanand Sagar Death Anniversary) हैं. रामानंद सागर की डेथ एनिवर्सरी पर जानिए उनसे जुड़ी कई बातें.

रामानंद नहीं था असली नाम

रामानंद सागर का जन्म 29 दिसंबर 1917 को लाहौर, पाकिस्तान में हुआ था. उनका असली नाम चंद्रमौली चोपड़ा था. रामानंद नाम उन्हें उनकी नानी ने दिया था. उन्हें अपने माता पिता का प्यार नहीं मिला, क्योंकि उन्हें उनकी नानी ने गोद ले लिया था

ट्रक ड्राइवर और चपरासी बनकर रामानंद ने किया था गुजारा 

बता दें बंटवारे के बाद रामानंद सागर का परिवार भारत आ गया. हालांकि, उनके परिवार की आर्थिक स्थिति उस समय के हिसाब से अच्छी नहीं थी. रामानंद ने परिवार की मदद के लिए कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था. कहा जाता है कि रामानंद सागर ट्रक क्लीनर और चपरासी का काम करके परिवार का गुजारा करते थे.

मुंबई ने बदली रामानंद सागर की किस्मत

कुछ समय में रामानंद सागर मुंबई आ गए और यहां आकर उन्होंने लेखक के तौर पर अपना करियर शुरू किया. वह कहानियां और स्क्रिप्ट लिखते थे. जल्द ही रामानंद सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगी वहीं साल1950 में उन्होंने सागर आर्ट कॉर्पोरेशन प्रोडक्शन कंपनी शुरू की.

रामायण के समय सड़के हो जाती थी सुनसान

इस प्रोडक्शन कंपनी के बैनर तले रामायण शो की शुरुआत 25 जनवरी 1987 को हुई थी. यह सीरियल जुलाई 1988 तक चला था. उस वक्त इस शो को दूरदर्शन पर 45 मिनट के लिए टेलीकास्ट किया जाता था, जबकि अन्य सीरियलों को 30 मिनट का स्लॉट मिलता था. ऐसा कहा जाता है कि जब रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण हुआ था तो सड़कों पर कर्फ्यू जैसा माहौल था. आज के समय में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. राम और सीता के किरदार में अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को आज भी याद किया जाता है. रामानंद सागर की रामायण का नाम सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पौराणिक धारावाहिक के तौर पर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल है.

विधु विनोद चोपड़ा और रामानंद सागर के बीच रिश्ता?

वैसे तो रामानंद सागर रामायण के लिए काफी मशहूर रहे हैं, लेकिन उनके बारे में एक और बात जो दर्शकों का ध्यान खींचती है वह है निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा के साथ उनका रिश्ता. आपको बता दें कि विधु विनोद चोपड़ा और रामानंद सागर के बीच गहरा रिश्ता है. दोनों सौतेले भाई हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि दोनों की उम्र में करीब 35 साल का अंतर है.

 रामानन्द सागर को पद्मश्री पुरस्कार से किया गया था सम्मानित 

2001 में रामानन्द सागर को उनकी इन्हीं सेवाओं के कारण पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्हें फ़िल्म ‘आंखें’ के निर्देशन के लिए फ़िल्मफेयर पुरस्कार और ‘पैग़ाम’ के लिए लेखक का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला.

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