शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन भी हो चुके हैं बॉलीवुड की खेमेबाज़ी के शिकार
सुशांत की मौत को भले ही 15 दिन बीत चुके हैं लेकिन उनकी मौत के बाद छिड़ी इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म की जंग है कि थमने का नाम नहीं ले रही है। बॉलीवुड में पैस पसार चुकी इसी गुटबाज़ी और खेमेबाज़ी को लेकर अब अभिनेता शेखर सुमन ने कई खुलासे किए हैं। उन्होने बताया कि इंडस्ट्री के इसी रवैये ने उनके बेटे अध्ययन सुमन के करियर को किस तरह बर्बाद करने की कोशिश की।
इंडस्ट्री ने उनका बदला उनके बेटे से लिया - शेखर सुमन
किसी मीडिया हाऊस को दिए एक इंटरव्यू में शेखर सुमन ने ये तमाम बातें कही हैं। उन्होने बताया कि मैंने टेलीविज़न पर कुछ शो चलाए थे। जिसमें 'पोल खोल'और 'मूवर्स एंड शेखर्स' जैसे शोज़ शामिल थे। इस शो में इंडस्ट्री के कई बड़े लोगों के बारे में बात होती थी। जिसके चलते कई बड़े लोगों का ईगो हर्ट हुआ। और इस बात का बदला उन्होंने उनके बेटे से लिया। इंटरव्यू मे उन्होने इस बात का ज़िक्र किया कि मुंबई में नाज बिल्डिंग में रहने वाले डिस्ट्रीब्यूटर और ट्रेड पंडितों ने उन्हें बताया कि इंडस्ट्री को शायद उनके बेटे से कोई परेशानी है। तभी तो अध्ययन को साइन करने के बाद ही उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता था।
14 फिल्मों से किया गया बाहर
हैरानी की बात ये है कि अध्ययन सुमन को 1 या 2 नहीं बल्कि 14 फिल्मों से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। शेखर सुमन के मुताबिक उनके बेटे को रिजेक्ट करते समय अजीब से बहाने दिए जाते। और हर बार रिजेक्शन के चलते अध्ययन डिप्रेशन में चले गए। इंटरव्यू में शेखर सुमन ने बेटे के डिप्रेशन के फेज़ को भी बयां किया है। उन्होने बताया कि सुशांत की तरह मेरा बेटा भी डिप्रेशन से गुजर चुका है। फिल्म इंडस्ट्री ने उसके लिए कई मुश्किलें खड़ी की। एक बार उसने मुझसे कहा कि उसके दिमाग में आत्महत्या करने का विचार आ रहा है। तो वह हैरान रह गए। उन्हें डर भी लगने लगा था। वो कई बार सुबह 4 बजे उठकर अध्ययन के कमरे में जाकर उन्हें देखते थे। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अधयन के साथ मजबूती से खड़े रहे।
सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग
वहीं सुशांत की मौत पर उनके फैंस के साथ साथ शेखर सुमन भी अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। उन्होने कहा कि वो इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करेंगे ताकि सुशांत को न्याय मिल सके।