1961 में बना ये अंग्रेज़ी गाना आज तक हर शादी बारात में बजना अनिवार्य है By Siddharth Arora 'Sahar' 31 Aug 2021 | एडिट 31 Aug 2021 22:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर यूं तो आप बेहतर जानते हैं कि भारत में होने वाली हर शादी में एक नागिन डांस और एक ‘नज़रें मिलीं, दिल धड़का मेरी धड़कन ने कहा, लव यू राजा’ ज़रूर बजता है। सन 1995 में आई फिल्म ‘राजा’ का ये गाना खासा लोकप्रिय भी है और नदीम-श्रवण की कॉम्पोज़िशन में बने गानों और माधुरी दीक्षित की बेजोड़ एक्टिंग की बदौलत ही ये फिल्म ब्लॉकबस्टर हिट हुई थी। लेकिन आइए अब हम आपको 1961 में रिलीज़ हुई हॉलिवुड फिल्म ‘कम सप्टेंबर’ का सबसे पॉपुलर गाना सुनाते हैं। जी हाँ, आपने बिल्कुल ठीक समझा, नदीम श्रवण की जोड़ी ने ये धुन इसी फिल्म के गाने से ली थी। इस गाने को बॉबी डेरीन ने कॉम्पोज़ किया था और इसे कम सप्टेंबर की थीम बनाकर प्रस्तुत किया था। ये पहला मौका नहीं है, ऐसी बहुत सी धुने हैं जिन्हें हम रेगुलर सुनते रहते हैं पर हम नहीं जानते कि ये भारतीय संगीतकारों की मूल धुन नहीं बल्कि वेस्टर्न से या अफ्रीकन संगीत से ली गई है। ऐसे ही एक और नगमा है, मुलाहजा फरमाइए – 1990 में रिलीज़ हुई सनी देओल की बहुचर्चित फिल्म घायल की पॉपुलरिटी से भला कौन वाकिफ नहीं है। उन दिनों म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज करने वाले बप्पी लहरी का ये गाना सुपरहिट हुआ था। - “सोचना क्या जो भी होगा देखा जायेगा” अब 1988 में रिलीज हुई ये ब्राज़िली अल्बम लंबादा का गाना सुनिए – आप खुद इन दोनों में कितनी समानता है, ये सुन और समझ सकते हैं। लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल की धुनों से सजी अमिताभ बच्चन की फिल्म हम (1991) का गाना ‘जुम्मा चुम्मा दे दे’ भला किसे पसंद नहीं होगा। अब ज़रा फ्रेंच मॉरी कान्ते का 1988 में रिलीज हुआ ये गाना भी सुन लीजिए इस एक धुन पर सिर्फ जुम्मा-चुम्मा दे दे ही नहीं, तमा-तमा लोगे’ भी बन चुका है जिसका रेपराइज़ वर्ज़न भी बहुत बड़ा हिट साबित हुआ है। 1998 में अनु मलिक की धुनों से सजी ‘सोल्जर’ फिल्म भी बहुत बड़ी हिट हुई थी। इस फिल्म का टाइटल सॉन्ग, जो खासा पसंद किया गया था – 1985 की अल्बम – लेट्स टॉक अबाउट लव के गीत ‘शेरी-शेरी लेडी’ से इन्स्पाइर्ड था। अब बात आमिर खान की फिल्म ‘मन’ की भी करते हैं। 1999 में रिलीज़ हुई मन में संजीव दर्शन जी का संगीत था और इस फिल्म का गाना ‘नशा ये प्यार का नशा है’ फिल्म का बेस्ट सॉन्ग था। अब ज़रा टोटो कुटुगनों द्वारा 1983 में रिलीज अल्बम ला-इतालियानों का ये गाना भी सुनिए अगर हम आप ढूँढने पर आयें तो ऐसे एक नहीं, दस नहीं दस हज़ार गाने निकल सकते हैं जिन्हें सुनकर साफ पता लगेगा कि ये धुन मूल रूप से कहीं और से आई है। पर यहाँ सवाल ये उठता है कि सात सुरों या 12 फ्रेट्स में सीमित म्यूजिक इन्स्ट्रूमेंट्स से आखिर कबतक, कहाँ तक कोई अनोखी धुन बनाता रहेगा? फिर जवाब ये भी सूझता है कि लीजेंड्स में गिने जाने वाले नौशाद साहब, ओपी नैयर, मदन मोहन और सचिन देव बर्मन भी तो आखिर मूल धुनें ही बनाते थे। सचिन दा की 1000 धुनों में से कोई दो धुनें आपस में मिलती पाई जाएं तो समझिए भूस के ढेर में सुई पा गई है। बहरहाल, यहाँ की धुनों को भी ज़रूर हॉलिवुड और अन्य पश्चिमी म्यूजिक इंडस्ट्रीज़ उठाती होंगी, बस हमें पता नहीं लगता होगा। साथ ही संगीत प्रेमियों के लिए ये इशारा भी है कि सिर्फ अपना ही नहीं, पूरे विश्व का म्यूजिक सुना करें, पूरे विश्व में भाषाएं भले ही हज़ारों में हों और हमें अलग करती हों पर संगीत की धरोहर सबके पास निराली है, इसको समझने के लिए किसी अनुवादक की ज़रूरत भी नहीं पड़ती। - सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’ #sunny deol #Bobby Deol #Anu Malik #Amir khan #Bappi Lehri हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article