बॉलीवुड में मी टू की आंधी ने अच्छे अच्छों को हिला कर रख दिया। लिहाजा इसके बाद सिने एंड टीवी कलाकारों की एसोसिएशन ने कदम उठाते हुये यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर एक अलग कमेटी बनाने की घोषणा करते हुये उस कमेटी में स्वरा भास्कर तथा रवीना टंडन जैसी अभिनेत्रीयों को मेबंर बनाया है। सिंटा के महासचिव सुशांत सिंह ने कहा कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिये और भी कई लोगों से बातचीत चल रही है। जल्द ही कमेटी को गठन भी हो सकता है। इन लोगों के अलावा कमेटी में रेणुका शहाणे, अमोल गुप्ते, जर्नलिस्ट भारती दूबे तथा कुछ वकील तथा साईकॉजलिस्ट भी शामिल होगें।
बकौल स्वरा भास्कर कि वे इस कमेटी की मेंबर होगीं, वे काफी वक्त से ऐसे मामलों से निपटने के लिये अपने तरीकों से काम कर ही हैं। जब सिन्टा ने मुझसे बात की तो पता चला कि हम दोनों एक काम दो तरीकों से कर रहे हैं। हम एक ऐसी कमेटी बनाने जा रहे हैं जो यौन हिंसा को लेकर लोगों को जागरूक करे। इस कमेटी में वकील वृंदा ग्रोवर भी होगीं। चवे से जुड़े लोग मिलकर लोगों की कांउसलिंग कर सकेगें। लोगों का जागरूक करने के लिये वर्कशॉप भी हांगी। स्वरा का आगे कहना है कि हम एक ऐसी कमेटी तैयार करना चाहते हैं जो लोगों में ये भय पैदा कर सके कि महिलाओं से दुर्व्यावहार करने पर कड़ी सजा मिल सकती है। जिन आरोपियों के मामले सिद्ध हो चुके हैं उनके साथ कोई भी काम न करे। उनकी ये सजा होगी क्योंकि उन्होंने जो किया है उसके लिये उन्हें सजा मिलना जरूरी है। एक ट्रेड यूनियन के तहत हमारा फर्ज बनता है कि हम ऐसे लोगों को इन्डस्ट्री में न रहने दें।
आगे कमेटी के पास इतनी ताकत होगी कि वो ऐसे आरोपियों को काम मिलने से रोक सके जिन पर यौन शोषण के आरोप सिद्ध हो चुके हों।