हाल ही में तापसी पन्नू की आने वाली फिल्म ‘रश्मि रॉकेट का ट्रेलर रिलीज़ हुआ है. इस ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे एक रश्मि नाम की मैडल विनर टॉप की एथलीट की ज़िन्दगी एक जेंडर टेस्ट से कैसे बदल गयी. उसे कितना अपमान, कितनी मुश्किलें सहनी पड़ीं.
दरअसल एक्टर, राइटर डायरेक्टर आकर्ष खुराना की ये फिल्म द्युति चंद नाम की एक एथलीट की सच्ची कहानी पर आधारित है. द्युति चंद भारत की वो पहली महिला एथलीट थीं जिन्होंने ग्लोबल प्रतिस्पर्धा में 100 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता था. एशियाई जूनियर एथलीटस चैंपियनशिप में दो गोल्ड मैडल जीत चुकी थीं और वो कॉमन वेल्थ 2014 गेम्स की तैयारी कर ही रही थीं कि उनको जेंडर टेस्ट के लिए बिना बताये बुलाया गया और उन्हें अगली ख़बर यह मिली कि वो कॉमन वेल्थ से बैन हो गयी हैं.
क्या होता है जेंडर टेस्ट?
जैसा कि आप सब जानते ही हैं, एक लड़की और एक लड़के की शरीर की बनावट में बहुत फ़र्क होता है. शरीर को ऊर्जा और स्फूर्ति देने वाले एड्रोजन और टेस्टोस्टेरोन एक महिला के मुकाबले आदमी में कहीं अधिक होते हैं. इसकी अधिक मात्रा ही शरीर की बनावट में भी फ़र्क लाती है. जब द्युति को टेस्ट के लिए बुलाया गया था तब उन्हें लगा था कि ये डोप टेस्ट के लिए ब्लड लिया जा रहा है, लेकिन फिर उन्हें एएफआई और आईएएएफ (इंडियन और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन) ने कई टेस्ट के लिए बुलाया और वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि द्युति की बनावट में अत्यधिक हिस्सा मर्दों सा है. उनका टेस्टोस्टेरोन लेवल एक आम महिला के मुकाबले कई गुना ज़्यादा है.
हैरानी की बात ये थी कि द्युति ने तबतक ये जाना ही नहीं था कि टेस्टोस्टेरोन होती क्या बला है और इंटरसेक्स किसे कहते हैं. उनपर जब कई आरोप लगे और उन्हें पता चला कि ये शिकायत उन्हीं के कुछ साथी एथलीट्स ने की है, तब उन्होंने कोर्ट में जाने का फैसला लिया.
फिल्म में भी यही दिखाया गया है कि तापसी पन्नू अभिषेक बनर्जी की मदद से कोर्ट में केस करती हैं और आगे की लम्बी लड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं.
असल ज़िन्दगी में द्युति को 2016 में कोर्ट से केस क्लोज़ न होने तक फिर से खलेने की छूट मिल गयी थी.
अब फिल्म में असल ज़िन्दगी की द्युति को रॉकेट रश्मि में उतारने में तपसी कितनी सफल हुई हैं, यह तो फिल्म देखकर ही पता चलेगा.