संभवतः ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी किताब के रिलीज़ होने से पहले ही किताब पर फ़िल्म बनाने के अधिकार बिक गये और यह कहानी The Hundred Bucks के साथ प्रतीत हुई। दुष्यंत प्रताप सिंह द्वारा निर्मित और निर्देशित The Hundred Bucks डबल धमाल के लिये बिल्कुल तैयार है। 21 फरवरी को न केवल फिल्म रिलीज हो रही है, बल्कि फिल्म रिलीज के सिर्फ एक हफ्ते पहले इसी नाम से एक पुस्तक भी रिलीज होगीं। निर्माता निर्देशक का कहना है कि मेरी बेटी, विष्णुप्रिया सिंह, जो एक बेहतरीन लेखिका भी है, मुझे आश्चर्य था कि इतनी कम उम्र में वह एक ऐसे विषय पर लिख सकती है जो दिल छूने वाली, यथार्थवादी और शानदार हो। जब मैंने पहली बार कहानी सुनी तो मुझे यकीन था कि यह एक फिल्म में आने लायक है और जैसा कि कहावत है, बाकी सब इतिहास है।
The Hundred Bucks की कहानी मुम्बई में एक रात की स्टोरी है जो मोहिनी नाम की एक वेश्या और उसके आटोड्राइवर के इर्द-गिर्द घूमती है। वे पैसे के लिये ग्राहकों को खोजने में पूरी रात संघर्ष करते हैं, पुलिस, राजनेताओं आदि के साथ केवल कुछ रुपये के लिये सौदा करते हैं, यह फिल्म इस बारे में है। यह उन महिलाओं के जीवन और दुखों की एक गंभीर कहानी है जो पैसे कमाने के लिये ऐसे साधनों का चयन करती हैं लेकिन उनके संघर्ष का कोई अंत नहीं है।
फिल्म ने कई फिल्म समारोहों के दौरों को अंजाम दिया है और उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। विशेष रूप से मॉडल से अभिनेत्री बनी कविता त्रिपाठी की काफी तारीफ हुई जिन्होंने फिल्म में मोहिनी का शक्तिशाली चित्रण किया। 21 फ़रवरी को रिलीज़ होने वाली इस फ़िल्म का सह-निर्माण संदीप पुरी, विभव तोमर, प्रतिमा तोतला और रीतू सिंह ने किया है।
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