‘माइंड ना करियो होली है’, के साथ फिल्मों में छेड़छाड़ को बढ़ावा क्यों? By Sulena Majumdar Arora 08 Mar 2020 | एडिट 08 Mar 2020 23:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर आज ‘मी टू’ के जमाने में फिल्मों में भी उस तरह की छेड़छाड़ नहीं दिखाई जानी चाहिए जैसे होली के दृश्य में पहले दिखाई जाती थी। यह गौर करने वाली बात है कि प्यार के नाम पर अक्सर होली त्यौहार में हीरो द्वारा हीरोइन की बुरी तरह छेड़छाड़, स्टॉकिंग, हैरेसिंग दिखाया जाता रहा है, गानों में देख लीजिए, ‘अरे जा रे हट नटखट, ना छू रे मेरा घूंघट’, ‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे, किन्ने मारी पिचकारी तोरी भीगी अंगिया’, ‘आज ना छोड़ेंगे बस हमजोली, खेलेंगे हम होली, चाहे भीगे तेरी अँगिया चाहे भीगे रे चोली’, ‘लहू मुँह लग गया’, ‘बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी, तो सीधी सादी छोरी शराबी हो गयी, ‘डू मी अ फेवर’, ‘माइंड ना करियो होली है’, ‘मोहे छेड़ो ना’, ‘अंग से अंग लगाना’, ‘नीला पीला हरा गुलाबी कच्चा पक्का रंग, रंग डाला रे मेरा अंग अंग’, ‘जोगी जी धीरे धीरे’, ‘ऐई गोरी’, वगैरा वगैरा इन सब होली गीतों में मर्द द्वारा जबरदस्ती औरत को रंग लगाने के बहाने छेड़े जाने को बढ़ावा देने वाले बोल हैं। और पढ़े: बेहतर अभिनेता होने के साथ साथ बेहतरीन गायक भी हैं ये बॉलीवुड स्टार्स #bollywood #Ali Fazal #Holi #Mind na Kariyo Holi Hai हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article