Bollywood के दिखावे से दूर OTT गाने क्यों पसंद कर रही है ऑडियंस

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By Preeti Shukla
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Bollywood के दिखावे से दूर OTT गाने क्यों पसंद कर रही है ऑडियंस

Ott Songs : ऑडियंस की अगर पसंद देखा जाये तो ऑडियंस अब बॉलीवुड से रुख बदलते  हुए अब OTT की ओर जा रही है. OTT की ओर जाना सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि ऑडियंस को OTT पर कंटेंट बॉलीवुड से ज्यादा बेहतर देखने को मिल रहा है. बात अब सिर्फ कंटेंट की भी नहीं है धीरे धीरे ऑडियंस OTT के गानों को भी काफी पसंद करती नजर आ रही है. अगर देखा जाये तो पिछले साल 'मिसमैच्ड' (mismatched)से 'ऐसे क्यों' गाना ऑडियंस को काफी पसंद आया था,इसके अलावा दीपिका पादुकोण (deepika padukone) का 'डूबे' (doobey) सोंग भी ऑडियंस के बीच काफी पॉपुलर हुआ था. 

नील अधकारी OTT सोंग्स को लेकर कहते हैं कि 

“ओटीटी ज़ोन बहुत ही रोमांचक है। . . मैं वेब सीरीज में काम करने वाले पहले संगीतकारों में से एक था। पिछले कुछ वर्षों में, मैंने देखा है कि ओटीटी मूल के लिए गाने, संगीत थीम और बैकग्राउंड स्कोर कितने महत्वपूर्ण हो गए हैं। अब, हमारे पास ओटीटी मूल के लिए संगीत पर्यवेक्षक हैं, और उनका काम किसी स्थिति के लिए सही गीत या स्कोर खोजना है। ”

आलोकानंद दासगुप्ता कहते हैं कि OTT एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां प्रयोग किए जा सकते हैं पर ऐसे प्रयोग हम बॉलीवुड में नहीं कर सकते हैं. आगे आलोक कहते हैं 

“ओटीटी संगीतकारों को मेरे जैसे एक खेल का मैदान रखने का अवसर देता है जहां हम प्रयोग कर सकते हैं और विभिन्न आख्यानों का अनुसरण कर सकते हैं। मुझे सेक्रेड गेम्स, ब्रीद, लीला, अजीब दास्तान और अब जुबली में ऐसा करने का सौभाग्य मिला।

आगे लिरिक्स रायटर राज शेखर कहते हैं जिस तरह उन्होंने OTT पर पहली बार कोशिश किया और यह इतना सक्सेसफुल होगा ये किसी ने नहीं सोचा था  “मिसमैच्ड से ऐसे क्यों के लिए हमें इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। अगर ये फिल्म (थिएटर रिलीज) होती तो शायद ये सवाल होता कि ये चलेगी या नहीं। गुणवत्ता नियंत्रण वाली नज़र से थोड़ा दूर हो जाते हैं हम लोग फ़िल्मों में। लेकिन यहां ओटीटी के लिए हमने इसे बनाया है क्योंकि हमें यह पसंद आया। यह ज्यादातर कलाकारों पर लागू होता है जो ओटीटी स्पेस में काम कर रहे हैं।

एंडेमोल शाईन इंडिया की मृणालिनी खन्ना बोलती हैं, लोगों में आजकल बहुत टेलेंट हैं जिसका यूज़ आजकल OTT पर काफी अच्छे धन्ग्स से हो रहा और जिस तरह ऑडियंस उसे पसंद कर रही है शायद आगे आने वाले समय में लोगों को और भी वैरायटी देखने को मिले.आगे मृणालिनी बोलती हैं, 

“गीतकारों, संगीतकारों, गायकों और तकनीशियनों के साथ-साथ हमारे देश द्वारा प्रदान की जाने वाली ध्वनि की अभूतपूर्व विविधता के साथ-साथ संगीत समुदाय के भीतर उपलब्ध प्रतिभा की अविश्वसनीय संपत्ति का प्रदर्शन करने का यह एक अद्भुत समय है। संगीत हमारे अनुभव का इतना महत्वपूर्ण हिस्सा है कि अब समय आ गया है कि हम इसे कहानी कहने के एक अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार करें बनाम उत्पादन के बाद की प्रक्रिया के एक पहलू के रूप में"

राज शेखर का आगे कहना है कि लोगो को पहले अंदाज़ा नहीं था कि म्यूजिक का यूज़ करके कहानी को प्रेजेंट किया जा सकता है लेकिन जैसे-जैसे गानों का रिस्पांस मिला डायरेक्टर्स का कॉन्फिडेंस बढ़ता जा रहा है, आगे शेखर कहते हैं 

"हम लंबे समय से ओटीटी के लिए गाने कर रहे हैं लेकिन उन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया।' सोमेन मिश्रा (निर्माता) ने ट्वीट किया कि पिछले वर्ष में उनके सभी पसंदीदा गाने ओटीटी शो या फिल्मों से हैं, जो कई लोगों के लिए सच है। ओटीटी को अपने संगीत को थोड़ा सा गंभीरता से लेना चाहिए। काई ऐसे खूबसूरत गाने हैं सीरीज के जो कभी रिलीज नहीं हुए। ओटीटी पर बहुत सारा म्यूजिक कंटेंट है जो दर्शकों तक कभी नहीं पहुंचा, लेकिन अब यह बदल रहा है। गहराइयां, कला, मिसमैच्ड और जुबली जैसे हिट एल्बमों के साथ अब ओटीटी ओरिजिनल्स के म्यूजिक एल्बम्स की सुर्खियों में है"

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