एक महान केमिकल इंजीनियर डॉक्टर त्रिनेत्र बाजपेई एक बार फिर से लाए हैं दिलीप कुमार का गोल्डन एरा By Mayapuri Desk 06 Dec 2019 | एडिट 06 Dec 2019 23:00 IST in फोटो फोटोज़ New Update Follow Us शेयर अली पीटर जॉन मैं त्रिनेत्र बाजपेयी को लगभग 10 सालों से जानता हूं पर अभी भी इस इंसान के बारे में बहुत कुछ जानना है। कैसे एक लड़का है जिसका जन्म लखनऊ में हुआ फिर उसने केमिकल इंजीनियरिंग की। और फिर दुनिया के बड़े-बड़े देशों में उसने अपने प्रोजेक्ट स्थापित की? कैसे कोई इंसान इतना कुछ करता है और साथ ही साथ सिनेमा में भी इसकी बहुत रुचि है, ना सिर्फ भारतीय सिनेमा बल्कि पूरे दुनिया के सिनेमा की जानकारी है। और कैसे एक इंसान के पास 3-3 किताबें लिखने का समय है। जिनमें से दो किताब हैं देव आनंद कॉर्ड, देव एटरनल आनंद और अब तीसरी किताब है 'दिलीप कुमार पीयरलेस आइकन फॉर जेनरेशंस'। यह किताब को त्रिनेत्र और उनकी बेटी और कवयित्री अंशुला बाजपेई ने साथ में लिखा है। अंशुला इंग्लैंड में रहती हैं और तीनों किताबों में वो अपने पिता की सह लेखिका रही हैं। डॉ. बाजपेई को यह सोचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा कि वो अपने किताब का अनावरण किससे कराएं और यह इंसान थे इंसान थे धर्मेंद्र। धर्मेंद्र ने दिलीप कुमार की फिल्म 'शहीद' देखकर ही अभिनेता बनने का निर्णय लिया था। धर्मेंद्र जब मुंबई आए थे तब एक्टर बनने से ज्यादा उन्हें दिलीप कुमार की एक झलक देखने की चाह थी। धर्मेंद्र 60 सालों से से दिलीप कुमार को एक भगवान की तरह पूजते हैं। धर्मेंद्र जो आजकल अपने खंडाला के फार्म हाउस पर किसानी करते हैं और बहुत अच्छी कविताएं लिखते हैं उर्दू में, उनको धर्मेंद्र बनाने में मैंने भी थोड़ी भूमिका निभायी है। धर्मेंद्र बुक लॉन्च के मौके पर बहुत ही ज्यादा उत्साहित थे क्योंकि यह किताब उस इंसान के बारे में थे जिनको धर्मेंद्र पूजते हैं। मैंने इस इंसान को पागलों की तरह काम करते देखा है। इस किताब को लिखने के लिए वो घंटों अपने सेक्रेटरी को सारी कहानियां बताते ( डिक्टेट) थे। उन्होंने बहुत सतर्कता भी बरती है ताकि सब कुछ सही और सच दिखा लिख सकें इस किताब में। साथ ही साथ बहुत से ऐसे फोटोग्राफ्स भी इकट्ठा किये हैं जो किसी ने कभी नहीं देखी होगी। उन्हें कुछ समय लगा इस किताब को खत्म कर ने में और जब उन्होंने उस किताब को लिख लिया तो उन्हें अभी भी लगता है कि कुछ और वो इस किताब में जोड़ सकते हैं। उन्होंने ब्लूम्सबरी को इस किताब के लिए पब्लिशर चुना। इस किताब के अनावरण की तारीख तय की गई 1 दिसंबर, स्थान था टाइटल वेव्स बुक शॉप। यह वो जगह जो चर्चित किताबों को लांच करने का जगह बन चुका है। इसके हेड हैं फ्रांसिस्को और त्रुशांत तामगांवकर जो हर चीज संभव कर देते और कभी- कभी असंभव चीजें भी संभव कर देते हैं। जैसा अनुमान लगाया गया था 'टाइटल वेव्स' में दिलीप कुमार के चाहने वालों की भीड़ लगी हुई थी जिसमें एक धर्मेंद्र भी थे। डॉक्टर बाजपेई ने कुर्सियों की ज्यादा व्यवस्थाएं कराई थी उस छोटे से ऑडिटोरियम में, पर फिर भी बहुत से ऐसे लोग थे जो कुर्सी की कमी की वजह से खड़े थे पर किसी ने कोई शिकायत नहीं की। इस शाम की हाईलाइट थी दिलीप कुमार के ऊपर बनी एक घंटे की फिल्म। यह फिल्म इतनी बेहतरीन थी कि मैं सभी को एक चुनौती देता हूं कि कोई इससे बेहतर किताब और इससे बेहतर फिल्म दिलीप कुमार के ऊपर नहीं बना सकता। इस समारोह में सायरा बानो भी अपने बिमार पति से थोड़ा वक्त लेकर आई थी। पर जब दिलीप कुमार के ऊपर बनी फिल्म दिखाई गई तो वह खुद को रोक नहीं पाई और भावुक हो कर चली गई। समारोह में दिलीप कुमार की बहन फरीदा भी थी जो पत्रकार रह चुकी हैं। उन्होंने ही धर्मेंद्र को अपने भाई से मिलवाया था। वो शाम जो धर्मेंद्र कभी नहीं भूल सकते हैं। धर्मेंद्र फरीदा के बगल में बैठे थे और काफी भावुक थे। वो बीते दिनों की यादों में चले गए थे, उस शाम की यादों में चले गए थे जब वो पहली बार दिलीप कुमार से मिले थे और उन्हें ऐसा लगा था लगा था ऐसा लगा था लगा था कि वो अपने बड़े भाई से मिले हैं और दो 'रूह' मिल गई हो। इस शाम को खास बनाया कुछ अतिथियों ने जैसे रहमान और राजू (नौशाद के बेटे),राजेंद्र कृष्ण, राजेश दुग्गल, जावेद बदायूनी (शकील बदायूनी के बेटे), मजरूह सुल्तानपुरी की बेटी, यासमीन अपने पति के साथ (मोहम्मद रफी की बेटी) परवेज और कवि हसन कमाल। अतिथियों की लिस्ट में कुछ और नाम जो शामिल थे- प्रेम चोपड़ा, रंजीत, कंवलजीत सिंह, फैशन डिज़ाइनर सूफी फोटोग्राफर और कवि फिरोज मोहम्मद शाकिर। यह समारोह इतना बढ़िया नहीं होता अगर डॉक्टर बाजपेई और उनकी पत्नी कनिका ने सभी अतिथियों का इतना बढ़िया ख्याल नहीं रखा होता। जिन लोगों ने भी यह समारोह अटेंड किया वो बहुत ही सौभाग्यशाली हैं क्योंकि ऐसा समारोह दोबारा नहीं हो सकता। कुछ किलोमीटर दूर ही, 34 पाली हिल में ही अभिनय के महान शासक अपने बिस्तर पर पड़े हुए थे और अपनी ही दुनिया में खोए हुए थे। यह वो दुनिया है जिसके बारे में में किसी को नहीं पता, यहां तक कि कि 24 घंटे देखभाल करने वाले उनकी पत्नी सायरा को भी नहीं। मैं भगवान का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे जिंदा रखा और मैंने यह समारोह अटेंड किया। मैं इस समारोह के लिए भगवान का जितना शुक्रिया अदा करूं वो कम है। और साथ ही साथ इस धरती के उन अच्छे लोगों का भी आभारी हूं (डॉ बाजपेई और कनिका मास्टर) जिन्होंने मुझे ये अवसर प्रदान किया। मायापुरी की लेटेस्ट ख़बरों को इंग्लिश में पढ़ने के लिए www.bollyy.com पर क्लिक करें. अगर आप विडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Mayapuri Cut पर जा सकते हैं. आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'> '>Facebook, Twitter और Instagram पर जा सकते हैं. embed/captioned' allowtransparency='true' allowfullscreen='true' frameborder='0' height='879' width='400' data-instgrm-payload-id='instagram-media-payload-3' scrolling='no'> Thanks for Reading this Post. #bollywood news #bollywood #Bollywood updates #television #Telly News #Dilip Kumar Alive #Dr. Trinetra Bajpai हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article