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18 दिसंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई, यूक्रेन सहित भारत के कई हिस्सों में फिल्मायी गयी एक्षन प्रधान फिल्म ‘सयोनी’ के निर्देशक नितिन कुमार गुप्ता काफी उत्साहित है। वैसे वह राहुल राॅय को लेकर एक लघु फिल्म ‘वाॅक’ के अलावा फीचर फिल्म ‘एलएसी’ भी निर्देशित कर चुके हैं, फिल्म ‘एलएसी’ की लद्दाख की शूटिंग के ही दौरान राहुल राॅय ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हुए।
शान्तिस्वरुप त्रिपाठी
प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के अंश
‘सयोनी’ किस तरह की फिल्म हैं?
यह आम भारतीय फिल्म नहीं है, इस फिल्म के माध्यम से मेरा प्रयास बाॅलीवुड में हॉलीवुड एक्शन थ्रिलर की संवेदनाएं लाना है। मुझे अब तक कई रूसी फिल्मों का अनुभव हो चुका है।
हमारी फिल्म ‘सयोनी’ की कहानी का आधार फिल्म के नायक का एक विदेशी व अनजान दुनिया में फंसना है, जिसे बड़े पैमाने पर मौजूद बाधाओं से लड़कर बाहर निकलना असंभव लग रहा है।
इसी वजह से हमारी फिल्म का नायक रूस मे फँस जाता है, जहां उसकी मदद के लिए भारतीय-रूसी भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर अरसान (राहुल रॉय) मौजूद हैं।
फिल्म की कहानी को लेकर क्या कहेंगे?
यह गाँव के एक डरपोक लड़के की कहानी है, जो अपने प्यार के लिए एक विदेशी स्थान पर दुर्गम बाधाओं के खिलाफ जाने को मजबूर है।
इस कहानी में रूसी ब्राथवा, जुड़वां स्ट्रिपर्स, जिप्सी, हत्यारे, भ्रष्ट पुलिस है, जो कि इस लड़के के पीछे पड़ जाते है।फिर इंटरवल में एक ऐसा ट्विस्ट आता है, जिससे फिल्म की कहानी को एक नई रोशनी मिलती है।
नायक नायिका के तौर पर तन्मय सिंह और मुस्कान क्यों?
इसके लिए हमने कलाकारों के ऑडीशन लिए. क्योंकि फिल्म के नायक के किरदार के लिए हमें ऐसे अभिनेता की तलाक थी, जिसमें आमिर खान की चॉकलेट ब्वॉय की आकर्षक छवि के साथ टाइगर श्रॉफ के एक्शन वाले व्यक्तित्व का मिश्रण हो।
इसकी मूल वजह यह है कि फिल्म में दो अलग-अलग अवतार हैं। एक साधारण गाँव का बच्चा, जो रूस में एक प्रतिशोधी हत्यारे के रूप में परिवर्तित होता है।
ग्रीन स्क्रीन और बॉडी डबल्स के बिना एक्शन सीक्वेंस कठिन और बहुत वास्तविक हैं। नायक को 7 फीट रूसी के साथ पानी के नीचे से लड़ना था, रेसिंग ट्रकों के नीचे से लटका, जीवित विस्फोटों के माध्यम से चलना, हत्यारों से गले को चीरना जबकि उल्टा और हथकड़ी लगाकर चलना आदि।
ऑडीशन के परिणामस्वरूप हमने नायक के तौर पर तन्मय सिंह का चयन किया मेरी राय में कोई भी स्थापित अभिनेता इस तरह के स्टंट नहीं कर सकता था।
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भारतीय रूसी भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर के किरदार में राहुल राॅय ही क्यों?
मैं राहुल राॅय को 8 वर्षों से जानता हूं। उन्होंने मुझसे ‘एलान’ नामक एक फिल्म के लिए संगीत तैयार करने के लिए कहा था।
जब मुझे 8 साल बाद अपने प्रोडक्शन में उन्हें जोड़ने का अवसर मिला, तो मैं बेहद खुश हुआ। वास्तव में जब हमने एक इंडो-रशियन भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर की कल्पना की, तो उसमें हमें राहुल राॅय ही फिट नजर आए।
माना कि राहुल रायॅ की ईमेज चॉकलेटी रोमांटिक युवक की हैं, परिणामतः उन्हें घातक खलनायक के किरदार में ढालना हम सभी के लिए एक चुनौती जरुर थी। इसलिए हमने उनके बालों को नब्बे के दशक की हेयर स्टाइल दी।
मैंने राहुल राॅय के लिए गोरा ड्रेडलॉक लुक तय किया और जब हमने पहली बार कोशिश की, तो हर कोई उसे उस लुक में देखकर चैंक गया। हमें अहसास हुआ कि हमारे सामने एक सफल खलनायक है।
यूक्रेन में फिल्म की शूटिंग के अनुभव?
रूस में मेरा एनीमेशन स्टूडियो है, जहां पोस्ट-प्रोडक्शन और वीएफएक्स का काम बड़े पैमाने पर किया जाता है। ऐसे में इस फिल्म को वहीं पर फिल्माना मेरे काम के विस्तार का ही हिस्सा रहा।
रूस दो तरफा देश है। सतही तौर पर रूस में सुंदर लोकेशन हैं, तो वहीं रूस की सड़को पर सुंदर पुरूष और औरतें भी नजर आती है।
दूसरी तरफ एक अंडरबेली है, जो आपको मार सकती है,यदि आप नहीं जानते कि ऐसे परिदृश्य में कैसे व्यवहार किया जाए। इस तरह यह हम सभी के लिए एक रोमांचकारी सवारी थी!
रूस में तो लोग बाॅलीवुड फिल्मों के प्रेमी हैं?
जी हाॅ! हम जहां पर भी अपनी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, वहां पर स्थानीय लोग हमारे पास आकर राज कपूर और बॉलीवुड का जिक्र करते थे। रेडियो चैनल तो अभी भी हर दिन जिमी जिमी खेलते हैं।
अंतिम संस्कार के दृश्य को फिल्माते समय बैंड ने हमारे लिए कई हिंदी गानों की धुनें बजाईं। वहां के लोग बॉलीवुड और भारतीयों से प्यार करते हैं।
पूरे फिल्मांकन के दौरान एक मजबूत आध्यात्मिक जुड़ाव था, जिसने हमें हमेशा गौरवान्वित किया और हमारा आत्मविश्वास व हौसला बढ़ाए रखा।
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आप मूलतः डाक्टर हैं,फिर फिल्म निर्देशन की तरफ मुड़ना कैसे हुआ?
बचपन से मेरी रूचि कला,संगीत और फोटोग्राफी में थी। परिवार की इच्छा के चलते मुंबई के केईएम अस्पताल से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की।
पर पोस्ट ग्रेज्युषन के बाद डाॅक्टरों के व्यवसायीकरण से मेरा मोहभंग हो गया। मेरी राय में डाक्टरी पेशे में प्राथमिकता मानवता की होनी चाहिए। इसलिए मैंने डाॅक्टरी पेषे से दूरी बना ली।
लेकिन चिकित्सा ज्ञान और मेरे चिकित्सक मित्र हमेशा उपयोग में आते हैं। हाल ही में जब राहुल राॅय को दौरा पड़ा, तो मेरे ऐसे ही मित्रों ने मदद की।
आपकी फिल्म ‘एल ए सी’ की शूटिंग की ही दौरान राहुल राॅय ब्रेन स्ट्रोक के षिकार हुए थे?
राहुल राॅय बहुत बेहतरीन अभिनेता हैं। जब वह ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हुए, तो यह मेरे लिए बहुत बडा झटका था। मैंने राहुल के साथ फिल्म ‘सयोनी’ की।
फिर अगस्त 2020 में हमने माइग्रेंट वर्करों की स्थिति पर ‘द वॉक’ नामक लघु फिल्म की, जिसका निर्माण राहुल राॅय ने ही किया है और इसमें उन्होंने एक प्रवासी मजदूर की भूमिका निभायी है।
इसके बाद हमने नवंबर 2020 में फिल्म ‘एलएसी’ की शूटिंग शुर्रू की, जिसमें उन्होने सेना के कर्नल की भूमिका निभायी हैं। राहुल राॅय की यह सभी तीन भूमिकाएं बहुत ही अलग हैं,फिर चाहे लुक का मसला हो या चरित्र चित्रण का।
उन्होंने हर किरदार में अपने लहजे, बॉडी लैंग्वेज और लुक को बदला है। यही वजह है कि हम अविश्वसनीय रूप से एक दूसरे के काफी करीब हो गए हैं। मैं उन्हें परिवार के रूप में समझता हूं।
हम जब ‘एलएसी’ की षूटिंग कर रहे थे, तभी उन्हें ब्रेन स्ट्रोक का झटका लगा। लेकिन एक डॉक्टर के रूप में, मुझे पता है कि बीमारी जीवन का एक हिस्सा है और हमें पहले से अधिक मजबूत होना चाहिए।
वह जल्द बहुत अच्छी तरह से ठीक हो जाएंगे, यही मैं गारंटी दे सकता हूं।
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आप स्वयं संगीतकार हैं,फिर भी फिल्म ‘सयोनी में संगीत देने के लिए आपने किसी अन्य को चुना?
मुझे मल्टीटास्कर होना बहुत पसंद हैं।लेकिन मैं इस बात की समझ रखता हॅूं कि संगीतकार के रूप में, रचनात्मक होने के अलावा तकनीक की गहराई की भी जानकारी चाहिए।
मैं ‘सयोनी’ का लेखन व निर्देशन कर रहा था, ऐसे में संगीत देने के लिए आवश्यक समय नहीं निकाल पा रहा था।
अतः हमने अनम्ता अमान, सतीष चक्रबर्ती, रंगून व जोय अंजान की सेवाएं ली। हालांकि मैंने संगीत के सभी पहलुओं के दौरान कड़ी निगरानी बनाए रखी!
कोरोना महामारी का अंत नहीं हुआ है और आप अपनी फिल्म को सिनेमाघरों में प्रदर्शित कर रहे हैं। ऐसे में दर्शकों से क्या कहना चाहेंगे?
मैं खुद दर्शक होने के साथ डाक्टर और फिल्म निर्देशक हॅूं। डाॅक्टर की हैसियत से कोरोना महामारी के संकट की समझ रखता हूँ।
इसलिए मैं दर्शकों से कहना चाहूंगा कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर सावधान जरुर रहे। मैं यह नहीं कहूँगा कि दर्शकों फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर नहीं जाना चाहिए। मगर वह सुरक्षा के उपाय जरुर अपनाएं।
सामाजिक दूरी बनाए रखें मास्क लगाकर रखें। जो दर्शक इसे सिनेमाघर में जाकर नहीं देख पाएंगे, उनके लिए हम जल्द इसे ओटीटी प्लेटफार्म पर भी लेकर आएंगे।
मगर इस फिल्म में जिस तरह की लोकेशन है, जिस तरह का एक्शन है, जिस तरह के डाॅंस नंबर हैं, उन्हें देखने का मजा तो बड़ी स्क्रीन पर आएगा।
सिनेमा में आ रहे बदलाव को आप किस तरह से देखते हैं?
सिनेमा के डिजिटल हो जाने की वजह से अब रील वाले सिनेमा के वक्त की समय की बंदिष खत्म हो गयी। अब ओटीटी प्लेटफाॅर्म ने अच्छे कंटेंट के अलावा दर्शकों की संवेदनाओं को, उनके विचारों के लिए राह खोल दिया है।
स्टार पावर की तुलना में अब कंटेंट अधिक मूल्यवान है। स्ट्रीमिंग कंटेंट के साथ दर्शकों का दिमाग नए और रोमांचक विचारों के लिए खुल गया है, जहां पहले वह केवल एक पैकेज में सभी तरह का मसाला देखने आते थे, अब ऐसा नहीं रहा।
हमने फिल्म ‘एल ए सी’ को भारतीय फिल्म उद्योग की पहली एकल-शॉट फिल्म के रूप में कुछ घंटों में फिल्माया है, जो कुछ साल पहले अकल्पनीय बात थी।
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