रीजनल सिनेमा की गिरती क्वालिटी और बदतर कंटेंट के बीच, पंजाबी सिनेमा कम से कम सिनेमा क्वालिटी को तो बरक़रार रखे हुए है। होंसला रख कॉमेडी फिल्म होने के साथ-साथ बड़े प्यार से सोशल मेसेज देने में भी कामयाब होती है।
फिल्म की कहानी ट्रेलर से बिल्कुल विपरीत, येंकी (दिलजीत दोसांझ) के नाचने गाने और कैनाडा में अपना रेस्टोरेंट (हैप्पी सिंह) चलाने से होती है। येंकी का एक सात साल का बेटा है, जिसका नाम ही उसने होंसला (शिंदा ग्रेवाल) रख दिया है।
फिल्म की कहानी ट्रेलर जैसी ही है कि येंकी की पत्नी जैस्मिन (शहनाज़ गिल) प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती और बच्चे की कस्टडी बाप को देकर, ख़ुद अपने सपने पूरे करने चली जाती है और अब येंकी अपने हौंसले को ख़ुद पालता है।
कहानी भले ही सिम्पल लगती हो पर राकेश धवन का स्क्रीनप्ले बहुत ज़बरदस्त है। तकरीबन ढाई घंटे की इस फिल्म में, गाने छोड़ दें तो कोई ऐसा मौका नहीं मिलता है कि जब हँसी रुके या स्क्रीन से ध्यान हटाया जा सके। अमरजीत सिंह के डायरेक्शन की तो तारीफ है ही, साथ ही दिलजीत दोसांझ की अलग से तारीफ बनती है कि बहुत सी जगह वो बेहतरीन तरीके से इम्प्रोवाइज़ करते नज़र आए हैं। योग क्लास में उनका इमेजिनेशन वाला सीन पूरी फिल्म पर भारी पड़ा है, वो एक ऐसा सीन है जिसे आप बार बार देख सकते हैं।
गिप्पी ग्रेवाल के बेटे शिंदा ग्रेवाल की कॉमिक टाइमिंग बहुत अच्छी है। दिलजीत और उनकी जोड़ी जमती है।
शहनाज़ गिल का छोटा सा रोल है और वो अपने रोल में जमती हैं। वहीं फिल्म कि लीड एक्ट्रेस सोनम बाजवा बहुत खूबसूरत और दिलफरेब लगी हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग भी अच्छी है।
म्यूजिक पाँच गानों में चार संगीतकारों ने कम्पोज़ किया है। लेकिन मिक्ससिंह का टाइटल रख होंसला ज़ुबान पर चढ़ने में कामयाब होता है।
एडिटिंग के मामले में बहुत अच्छे से काम हुआ है। फिल्म पॉइंट टू पॉइंट है और वन लाइनर्स, पंचेस, सिचुएशनल कॉमेडी सीन्स बहुत अच्छे बने हैं।
कुलमिलाकर छोटे-मोटे टिपिकल पंजाबी एरोर्स छोड़ दें तो फिल्म बहुत एंटरटेनिंग है, पूरी फैमिली के साथ देखने योग्य है।
रेटिंग – 8/10*
सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’