सातवें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल का हुआ आयोजन, भारत में हर दस किलोमीटर में बोली बदलती है-संदीप मारवाह By Mayapuri Desk 13 Sep 2021 | एडिट 13 Sep 2021 22:00 IST in फोटो फोटोज़ New Update Follow Us शेयर शब्दों की प्रेरणा शक्ति है हिंदी भाषा भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर दस किलोमीटर में बोली बदलती जाती है और हर प्रदेश की भाषा बदलती जाती है किंतु हम भारत की मातृ भाषा हिंदी को लेते है जैसे की माँ अपने सारे बच्चों को एक जैसा प्यार करती है और उसके अंदर हर चीज़ को अपनाने की क्षमता होती है ठीक उसी प्रकार हिंदी ने भी कई भाषा के शब्दों को इस तरह अपनाया है कि वो शब्द हिंदी के ही लगते है आज हिंदी दिवस पर मैं पूरे देशवासियों को मुबारकबाद देना चाहूंगा और साथ ही कहना चाहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा का प्रयोग करे, यह कहना था एएएफटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह का जो सातवें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल नोएडा का वर्चुअल आयोजन कर रहे है । इस अवसर पर देश विदेश की जानी मानी हस्तियां कंबोडिया के राजदूत सिन युंग, भारत के आयरलैंड में राजदूत अखिलेश मिश्रा, शोभित यूनिवर्सिटी के चांसलर कुंवर शेखर विजेंद्र, लेखक अशोक अरोड़ा और अशोक कुमार शर्मा ने भाग लिया सिन युंग ने कहा कि कोविड ने हम सबको बदल कर रख दिया है आज हम डिजिटल ज़िंदगी जी रहे है और दूरी बनाकर भी एक साथ है जहां तक भाषा का सवाल है हम सब अपनी भाषा से अपने देश से प्रेम करते है और मैं कहना चाहूंगा कि न सिर्फ अपनी भाषा का सम्मान करें बल्कि अन्य भाषाओं को सीखे भी। अखिलेश मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय संस्कृति में चिंतन, दर्शन, परंपरा में वाणी, भाषा, शब्द व अक्षर केवल संवाद और विचारों के सम्प्रेक्षण मात्र नही है बल्कि, यह विचारों की संवाहिनी भी है और प्राणशक्ति भी है। कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा कि हमें अपनी भाषा को जीवित रखना है तो उसे मात्र हिंदी दिवस के रूप में न मनाकर उसे अपनाना ज़रूरी है, आज मैं युवाओं को देखता हूँ तो लगता है की उन्होंने हिंदी की जगह इंग्लिश को पूर्णतः अपना लिया है जोकि गलत है अपनी भाषा का सम्मान उतना ही ज़रूरी है जितना आपके गुरुजन का सम्मान। लेखक अशोक अरोड़ा ने कहा कि एस तरह के फेस्टिवल होते रहने चाहिए जिससे लोगों को पता चले की हमारी भाषा हिंदी इतनी विशाल है की जिसमें एक वाक्य को हज़ारों तरीके से बोला जा सकता है और समझने वाला हज़ारों तरीक़े से समझ सकता है, हिंदी दिवस पर मैं उन लेखकों को याद करना चाहता हूं जिन्होंने असंख्य शब्द हिंदी को दिए। #Dr.Sandeep Marwah #Sandeep Marwah #about Sandeep Marwah #Dr. Pastor Ock Soo and Sandeep Marwah #Global Cultural Minister Sandeep Marwah #Minister Sandeep Marwah #Sandeep Marwah says #Seventh Global Literary Festival organized हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article