फोटो कलम हमेशा चलती रहती है- संदीप मारवाह 10 वें ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म की शुरुआत, आज की मीडिया अपनी कलम और कैमरे से विश्व में ऐसी सशक्त भूमिका निभा रही है जिसको देखकर लगता है कि आने वाला समय जर्नलिज्म की दुनिया का ही है, समय के साथ साथ मीडिया की भूमिका भी बदलती जा रही है खासतौर से सोशल By Mayapuri Desk 12 Feb 2022 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
फोटो संदीप मारवाह ने छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा को बढ़ावा दिया किसी भी देश का बेहतर नागरिक बनने के लिए व्यक्ति के चरित्र को आकार देने की कुंजी शिक्षा है। “हम उस दिन की तलाश में हैं जब छत्तीसगढ़ के छात्र हर विषय में अंतरराष्ट्रीय मंच पर राज्य का एक अद्भुत नाम बनाने जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के निजी By Mayapuri 03 Nov 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
फोटो संदीप मारवाह ने छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा को बढ़ावा दिया किसी भी देश का बेहतर नागरिक बनने के लिए व्यक्ति के चरित्र को आकार देने की कुंजी शिक्षा है। “हम उस दिन की तलाश में हैं जब छत्तीसगढ़ के छात्र हर विषय में अंतरराष्ट्रीय मंच पर राज्य का एक अद्भुत नाम बनाने जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के निजी By Mayapuri Desk 02 Nov 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
फोटो आज का युवा प्रतिस्पर्धी और यथार्थवादी है, कल्पनाशीलता से परे है नॉन फिक्शन राइटिंग तीसरे दिन सातवें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल नोएडा में 'द चेंजिंग फेस ऑफ़ नॉन फिक्शन राइटिंग' पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें साहित्य अकादमी के डिप्टी सेक्रेटरी कुमार अनुपम, लेखिका संध्या सूरी, लेखक डॉ. विवेक गौतम, लेखक डॉ. प्रेम जंमेजय और मारवाह स्टूडियो By Mayapuri Desk 16 Sep 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
फोटो फोटोग्राफी अवलोकन की कला है:संदीप मारवाह प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है जिसकी हम कीमत नहीं समझते, लेकिन पिछले दो साल में पेंडेमिक ने हमे प्रकृति की कीमत सिखा दी है, यदि हम उसको नहीं संभाल पाएंगे तो वो हमारा नाश करने में भी पीछे नहीं हटेगी, इसलिए हमे पेड़ पौधे और स्वच्छ वातावरण हमारे लिए वैसे ही By Mayapuri Desk 16 Sep 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
फोटो सातवें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल का हुआ आयोजन, भारत में हर दस किलोमीटर में बोली बदलती है-संदीप मारवाह शब्दों की प्रेरणा शक्ति है हिंदी भाषा भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर दस किलोमीटर में बोली बदलती जाती है और हर प्रदेश की भाषा बदलती जाती है किंतु हम भारत की मातृ भाषा हिंदी को लेते है जैसे की माँ अपने सारे बच्चों को एक जैसा प्यार करती है और उसके अंदर हर चीज़ By Mayapuri Desk 13 Sep 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn