अमेरिका से चली मुहिम #MeToo ने जाने कब पैर इतने पसार लिए कि दुनिया भर की तकरीबन हर दूसरी लड़की / महिला ने यही कहा कि उनके साथ भी कभी न कभी ऐसा मौका ज़रूर आया जब उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। हाल ही में राज कुन्द्रा केस में शर्लिन चोपड़ा ने खुलासा किया था कि राज कुन्द्रा ने सेक्शुअल मिसकन्डक्ट कर उनके साथ गलत किया। वहीं वीर दास की बहन और नैशनल अवॉर्ड विनर Trisha Das ने भी बताया कि सालों पहले वर्कप्लेस पर उनके साथ कई बार यौन शोषण हुआ है और उस वक़्त इसकी सुनाई या शिकायत की कहीं कोई जगह मौजूद नहीं थी।
Trisha ने बताया कि “अमूमन वर्क प्लेस पर आदमी, खासकर सीनियर बिना किसी डर के जो मन आए वो कहते और करते हैं लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता। हाँ, ऑफिस में महिला स्टाफ एक दूसरे का सपोर्ट और सेफ़्टी के लिए सपोर्ट तलाशती रहती थीं।
तब कोई सोशल मीडिया नहीं था जहाँ हम कम से कम अपने दिल की बात ही लिख सकते, आज सोशल मीडिया पर #MeToo के आने से काफी फ़र्क पड़ा है। लोग अब पहले से ज़्यादा सचेत और काबू में रहते हैं। महिलायें भी अब पहले की तरह खुद में घुटकर रहने की बजाए खुलकर अपनी बात शेयर करने लगी हैं। हाँ, इस चीज़ का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
अमूमन लड़कियाँ या महिलायें ये सोचती हैं कि उनके साथ अगर किसी रिश्तेदार या जानकार ने गलत हरकत की है तो ज़रूर ये उन्हीं के साथ हुआ होगा और कोई उनकी बात पर भरोसा नहीं करेगा। इसलिए वह अपने साथ हुआ गलत व्यहवार व्यक्त भी नहीं कर पाती हैं। पर अब देश बदल रहा है, दुनियाभर में बदलाव की लहर और अब पीड़ित कम से कम अपनी आवाज़ उठाने के लिए तो आगे आने लगे हैं।
बदलाव हमेशा अच्छे परिणाम ही लाते हैं, बस सोशल मीडिया नामक शक्ति का गलत उपयोग हमें फिर पीछे धकेल देता है। इसलिए बहुत ज़रूरी है कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल न हो