अक्सर अपने जीवन में हम बहुत सी कल्पनाओं से घिरे रहते हैं. एक क्षण में ही अपने मन में कहानियां भी बुनते रहते हैं. साथ ही हमारे आस-पास की गतिविधियां भी अक्सर हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ती हैं. ऐसी ही कुछ कल्पानाओं की और व्यक्ति की गहरी सोच को दर्शाती हैं फिल्म ‘छिपकली’ (Chhipkali).
वैसे तो लोगो को इस फिल्म का नाम सुनकर कुछ अजीब लग सकता हैं. फिल्म बहुत ही कम बजट में बनी ये क्यो दर्शकों के दिलों दिमाग कर अपनी छाप बनाने में कितनी कामयाब होती हैं. ये जानने के लिए पढे़ ये रिव्यू.
कहानी एक नॉवेल राइटर अलोक चतुर्वेदी की है जो कलकत्ता में रहता हैं. अलोक चतुर्वेदी को अपने बेटे और पत्नी के मर्डर केस से रिहाई मिल चुकी हैं.अलोक की पत्नी के भाई को अब भी अलोक पर विश्वास नही हैं और वह अब भी उसे दोषी ही मानता है. वह जासूस रुद्राक्ष रॉय को अलोक के घर भेजता हैं. इसके बाद पूरी कहानी दोनों की बातचीत में ही चलती है. उस दौरान जासूस को कुछ ऐसी बातों का पता चलता है, जिससे जासूस को पूरा यकीन हो जाता है कि लेखक ही असली दोषी हैं. लेकिन इसके बाद फिल्म में एक जबरदस्त ट्विस्ट आता हैं जिसके चलते कहानी का रुख ही बदल जाता है. अब तक का कहानी से तो यही पता चलता है कि फिल्म की कहानी इसके विषय को काफी हद तक सार्थक बनाती है. क्या राइटर ही असली दोषी है या नही. अखिर जासूस पूरी तरह से सच का पता लगा पता है. ये जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी.
फिल्म में एक्टिंग की बात कर तो यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma)ने बखूबी अपने काम को निभाया हैं. एक एक्टर हमेशा डिफरेंट रोल की तलाश में रहते हैं जो इस फिल्म के जरिए यशपाल शर्मा को पूरी तरह निभाने का मौका मिला हैं. यशपाल शर्मा पूरी फिल्म की जान बने रहे हैं. वहीं जासूस रुद्राक्ष के रोल में योगेश भारद्वाज ने एक नए एक्टर होने के बाद भी बेहतरीन काम किया है. यशपाल शर्मा जैसे दिग्गज कलाकार के साथ काम करने का जज़्बा काबिले तारीफ हैं. साथ ही एक्ट्रेस तनिष्ठा विश्वास (Tannishtha Biswas) कुछ ही सीन्स में नज़र आई हैं कम स्क्रिनस्पेस मिलने की वजह से उनकी एक्टिंग का अंदाज़ा लगाना मुश्किल सा लगता है.
डायरेक्टर कौशिक (Koushik Kar) कर ने फिल्म 'छिपकली' के लिए काफी कम समय और कम बजट के साथ एक नया एक्सपेरिमेंट किया हैं. फिल्म में थोड़े-थोड़े समय में आने वाले ट्विस्ट फैंस को चौकाते है. दोनों ही एक्टर के डायलॉग फिल्म को बंधकर रखते हैं. स्क्रीनप्ले के मामले में फिल्म थोड़ी सी कमज़ोर नज़र आती हैं लेकिन डायरेक्टर कौशिक कर ने इस फिल्म से सिनेमा जगत में नए डायरेक्टर्स और कुछ नए एक्सपेरिमेंट के लिए राह भी खोल दी हैं.