एक हादसे ने छीन ली थी रामायण की 'मंथरा' की खूबसूरती, तभी से करने लगी थीं फिल्मों में वैम्प का किरदार

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By Chhaya Sharma
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एक हादसे ने छीन ली थी रामायण की 'मंथरा' की खूबसूरती, तभी से करने लगी थीं फिल्मों में वैम्प का किरदार

रामायण में 'मंथरा' का नेगेटिव किरदार निभाने वालीं ललिता पवार की एक हादसे ने छीन ली थी चेहरे की खूबसूरती

लॉकडाउन के चलते रामानंद सागर के 'रामायण' का प्रसारण टीवी पर फिर से शुरू हो गया है। ऐसे में घर बैठे लोग इसका भरपूर आनंद ले रहे हैं। 'रामायण' को 33 साल हो चुके हैं , लेकिन इसके कलाकार आज भी याद किए जाते हैं। यूं तो 'रामायण' के सभी किरदार जरूरी हैं, लेकिन इसमें एक ऐसा किरदार है अगर वो न होता तो राम कभी 14 साल के लिए वनवास जाते ही नहीं। आप समझ गए होंगे हम किसकी बात कर रहे हैं। जी हां ! हम बात कर रहे हैं एक्ट्रेस ललिता पवार की जिन्होंने रामायण में 'मंथरा' का किरदार निभाया था। आज हम आपको ललिता पवार के बारे में कई दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं।

ललिता पवार को ऐसे मिला फिल्मों में काम

एक हादसे ने छीन ली थी रामायण की

Source - Jagran

कई टीवी सीरियल और फिल्मों में काम करने वाली एक्ट्रेस ललिता पवार का जन्म 18 अप्रैल 1916 को नासिक में हुआ था। उनके पिता लक्ष्मण राव शगुन एक अमीर बिजनेसमैन थे जो सिल्क और कॉटन का बिजनेस करते थे। कहा जाता है ललिता पवार का जन्म तब हुआ जब उनकी मां अनुसुइया एक मंदिर गई हुई थी। अंबा देवी के मंदिर में जन्म होने की वजह से ललिता का नाम पहले अंबिका रखा गया था।

ललिता पवार का फिल्मों में आना भी महज संयोग ही था। नौ साल की उम्र में ललिता पवार ने फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' से डेब्यू किया था। एक बार वो अपने पिता के साथ फिल्म की शूटिंग देखने पहुंची थीं, तभी निर्देशक नाना साहेब की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने ललिता पवार को बाल कलाकार का रोल ऑफर किया।

सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस

एक हादसे ने छीन ली थी रामायण की

Source - India tv

ललिता की पहली बोलती फिल्म 'हिम्मत-ए-मर्दा' (1935) थी। फिल्म में उन्होंने बिकनी सीन देकर सनसनी मचा दी थी। उस दौर के हिसाब से ये काफी बोल्ड कदम था। उनकी कामयाबी का सफर चल रहा था। वह अपने जमाने में सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस थीं। लेकिन एक दिन शूटिंग के दौरान एक हादसा हो गया जिसने उनके चेहरे को पूरी तरह बिगाड़ दिया।

इस हादसे ने बिगाड़ दी थी चेहरे की खूबसूरती

एक हादसे ने छीन ली थी रामायण की

Source - Hindustantimes

साल 1942 में आई फिल्म 'जंग-ए-आजादी' के सेट पर एक सीन की शूटिंग के दौरान हादसे में उनकी आंख में चोट लग गई थी। इससे उनका हीरोइन बनने का सपना हमेशा के लिए टूट गया।

दरअसल, 80 के दशक के फेमस एक्टर भगवान दादा को इस सीन में ललिता पवार को एक थप्पड़ मारना था। लेकिन उन्होंने ललिता को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि वह जमीन पर गिर गईं। वहीं उनके कान से खून बहने लगा था। इसके बाद इलाज के दौरान गलत दवा के चलते उनके शरीर के दाहिने भाग को लकवा मार गया। वहीं उनकी दाहिनी आंख सिकुड़ गई और उनकी सूरत हमेशा के लिए बिगड़ गई। इसके बाद ही वह फिल्मों में नेगेटिव किरदार करने लगी थीं।

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