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Nimisha Vakharia Interview
सोनी सब (Sony SAB) का लोकप्रिय शो तेनाली रामा (Tenali Rama) अपनी दिलचस्प कहानियों और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण दर्शकों का चहेता बना हुआ है. कृष्णा भारद्वाज (Krishna Bharadwaj) द्वारा निभाया गया तेनाली रामा (Tenali Rama) का किरदार, अपनी बुद्धिमत्ता और रणनीति के कारण हमेशा चर्चा में रहा है. अब शो के नए अध्याय में तेनाली रामा (Tenali Rama) को अपने सम्मान को पुनः प्राप्त करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उसे राज्य से निष्कासित कर दिया गया है.
निमिषा वखारिया (Nimisha Vakharia), जो तेनाली रामा (Tenali Rama) की मां लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) के रूप में वापस लौटी हैं, ने पहले अपने पुत्र को प्रसिद्धि की ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद की थी, लेकिन अब वह उसके पतन का दर्द भी झेल रही हैं. हालांकि, लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) संवाद नहीं बोलतीं, लेकिन उनकी भावनाएं और हावभाव ही उनके समर्थन और दृढ़ संकल्प को व्यक्त करने के लिए काफी हैं. इस बार उनका किरदार केवल तेनाली का भविष्य संवारने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह उसके सम्मान की लड़ाई में उसके साथ चट्टान की तरह खड़ी हैं. एक खास बातचीत में, निमिषा वखारिया (Nimisha Vakharia) ने अपने किरदार, तेनाली रामा (Tenali Rama) की लोकप्रियता और अपने अनुभवों को साझा किया.
तेनाली रामा (Tenali Rama) में लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) के किरदार में क्या बदलाव आया है?
जब मैंने यह भूमिका स्वीकार की थी, तब मैं बस यह जानती थी कि मैं एक नायक की मां का किरदार निभाने जा रही हूँ. मुझे नहीं पता था कि लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) को दर्शकों से इतना प्यार मिलेगा. क्योंकि वह बोलती नहीं हैं, इसलिए मुझे अपने हाव-भाव और इशारों पर पूरी तरह निर्भर रहना पड़ा, जबकि शारदा (प्रियंवदा कांत) उनकी बातों को दर्शकों तक पहुंचाती थीं. शुरू में हमें संदेह था कि क्या दर्शक इस तरह के संवादहीन किरदार से जुड़ पाएंगे, लेकिन वे इसे दिल से अपनाने लगे. इस सीज़न में, लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) तेनाली के खोए हुए सम्मान को वापस दिलाने के लिए संघर्ष कर रही हैं और उसे अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं.
इस सीजन में लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma), तेनाली के जीवन और उसके विकास में कैसी भूमिका निभा रही हैं?
एक समय था जब तेनाली, विजयनगर की शान था. लेकिन निष्कासन के बाद, लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) का एकमात्र उद्देश्य यही है कि वह अपने बेटे को उसका सम्मान वापस दिलाए. वह उसे कभी-कभी डांटती भी हैं, लेकिन उनका प्यार और विश्वास कभी कम नहीं होता. इस सीजन में उनके रिश्ते की भावनात्मक गहराई पहले से कहीं ज्यादा मजबूत दिखेगी. भले ही वह अपने बेटे को घर में अनुशासन में रखती हैं, लेकिन किसी और को उसके अपमान की इजाजत नहीं देतीं. यहां तक कि वह तथाचार्य (पंकज बेरी) जैसे शक्तिशाली व्यक्तियों का भी सामना करने से पीछे नहीं हटतीं. इस सीजन में तमाम कठिनाइयों के बावजूद, वह सुनिश्चित करती हैं कि उनका बेटा हार न माने और लड़ता रहे.
इस नए अध्याय में लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) के व्यक्तित्व में कौन-से नए पहलू देखने को मिलेंगे?
इस बार, लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वह अपने बेटे को फिर से उठने में मदद करें. तेनाली भले ही अपनी तकलीफों को शब्दों में ना बयां करे, लेकिन एक मां की नजर सब समझ जाती है. उनकी मां-बेटे की बॉन्डिंग बहुत खास है. लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) के किरदार की सबसे बड़ी खूबी है उनकी अडिग ताकत. चाहे वह कितनी भी पीड़ा सहें, वह तेनाली के सामने कभी नहीं रोतीं. उन्हें पता है कि अगर वह कमजोर पड़ गईं, तो तेनाली भी टूट जाएगा. उनकी हिम्मत ही तेनाली की सबसे बड़ी ताकत है.
इस किरदार को निभाने में आपको क्या कठिनाइयाँ आईं और आपने उन्हें कैसे पार किया?
मैंने इस किरदार को एक चुनौती के रूप में लिया. इससे पहले के शो में जहाँ मैंने पुरस्कार जीते थे, लोग मेरी संवाद अदायगी की बहुत सराहना करते थे. लेकिन यहाँ मेरे पास संवाद ही नहीं हैं—सिर्फ हावभाव हैं. मैं खुद को यह साबित करना चाहती थी कि मैं बिना बोले भी अभिनय कर सकती हूँ. आमतौर पर कलाकार संवाद याद करके परफॉर्म करते हैं, लेकिन मेरे लिए यह चुनौती बिल्कुल अलग थी. मुझे स्क्रिप्ट याद रखनी होती थी, हर शब्द के लिए सही एक्सप्रेशन ढूंढना पड़ता था, और यह ध्यान रखना होता था कि मेरा मुंह ना हिले, जबकि मेरा दिमाग संवादों को प्रोसेस कर रहा होता था. यह बहुत ध्यान और मेहनत मांगता है, लेकिन मुझे इस सफर का हर पल आनंद आ रहा है.
तेनाली और लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) के बीच में क्या कोई ऐसा भावनात्मक दृश्य है जो आपके अनुसार दर्शकों को सबसे ज्यादा पसंद आएगा? साथी कलाकारों के साथ आपके संबंधों पर भी कुछ रोशनी डालिए.
एक बेहद भावनात्मक दृश्य है—तेनाली हारकर घर लौटता है, वह इस काबिल नहीं है कि अपनी मां और परिवार के लिए भोजन जुटा सके. वह देखता है कि घर में खाने को कुछ भी नहीं है, लेकिन लक्ष्मी अम्मा (Lakshmi Amma) उसके सामने थाली परोस देती हैं. जब वह ज़िद करता है कि पहले मां खाएंगी, तो वह झूठ बोल देती हैं कि वह बाद में खा लेंगी. लेकिन तभी तेनाली को एहसास होता है कि उसकी मां कई दिनों से भूखी है, सिर्फ इसलिए कि वह खुद खाना खा सके. इस सीन के दौरान मेरी आंखें नम हो गई थीं, लेकिन मुझे अपने किरदार की मजबूती बनाए रखनी थी. जैसे ही डायरेक्टर ने ‘कट’ कहा, मैं अपने आँसुओं को रोक नहीं पाई. यही हमारे ऑनस्क्रीन और ऑफस्क्रीन रिश्ते की गहराई को दर्शाता है. तेनाली, शारदा और मेरे बीच की बॉन्डिंग बेहद खास है, और यह सेट पर भी साफ दिखती है.
तेनाली रामा (Tenali Rama) में काम करने का अनुभव आपके बाकी प्रोजेक्ट्स से कैसे अलग रहा?
यह अनुभव पूरी तरह से अनूठा रहा है. आमतौर पर, कलाकार संवाद याद करके अभिनय करते हैं, लेकिन यहाँ हर शब्द को भाव-भंगिमाओं में बदलना पड़ता है. मुझे हर डायलॉग के पीछे की भावना को समझना और उसे शरीर की भाषा में व्यक्त करना पड़ता है. यह ऐसा कुछ था, जो मैंने पहले कभी नहीं किया था, और इसके लिए मुझे बहुत मानसिक एकाग्रता और मेहनत करनी पड़ी. मैं हमेशा यह मानती हूँ कि किरदारों को सिर्फ निभाना नहीं, बल्कि जीना चाहिए. चाहे भूमिका सकारात्मक हो या नकारात्मक, मैं पूरी तरह उसमें डूब जाती हूँ. एक प्रोजेक्ट से दूसरे में इतना अलग बदलाव लाना चुनौतीपूर्ण तो होता है, लेकिन संतोषजनक भी.
देखिए तेनाली रामा (Tenali Rama), हर सोमवार से शनिवार रात 8 बजे, सिर्फ सोनी सब (Sony SAB) पर!