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महाकवि गोपालदास 'नीरज' को काव्यांजलि : एक युगपुरुष को श्रद्धा, स्मृति और शब्दों से नमन!

हिंदी काव्य और फिल्मी गीतों की दुनिया में अमिट छाप छोड़ने वाले प्रख्यात कवि गोपालदास (Gopal Das) ‘नीरज’ जी की 7वीं पुण्यतिथि के अवसर पर ‘महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट’ के संरक्षक उपेन्द्र राय...

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हिंदी काव्य और फिल्मी गीतों की दुनिया में अमिट छाप छोड़ने वाले प्रख्यात कवि गोपालदास (Gopal Das) ‘नीरज’ जी की 7वीं पुण्यतिथि के अवसर पर ‘महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट’ के संरक्षक उपेन्द्र राय के नेतृत्व में नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (Press Club of India) में ‘निरंतर नीरज सम्मान समारोह’ आयोजित किया गया. इस गरिमामयी आयोजन में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) के साथ-साथ देश के कई प्रतिष्ठित साहित्यकारों, कलाकारों, गीतकारों एवं सांस्कृतिक हस्तियों की उपस्थिति रही.

Poetic Tribute to Mahakavi Gopaldas Neeraj (1)

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Gopaldas Neeraj Movies

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसे भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के चेयरमैन और महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट के संरक्षक उपेन्द्र राय और उनकी पत्नी डॉ. रचना राय ने मिलकर की. इस पहल के पीछे एक उद्देश्य स्पष्ट था — नीरज जी की विचारशीलता, कोमलता और संवेदनाओं से भरी साहित्यिक धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुँचाना. 

'भावना की मूर्त अभिव्यक्ति'

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उपेन्द्र राय ने अपने भाषण में नीरज जी को न सिर्फ एक कवि, बल्कि एक 'भावना की मूर्त अभिव्यक्ति' भी बताया. उन्होंने कहा, “नीरज की लेखनी आज भी उतनी ही जीवंत है, जितनी उनके जीवनकाल में थी. उनकी रचनाएँ पाठकों के मन में प्रश्न भी जगाती हैं और साथ ही उनका समाधान भी देती हैं.”

‘निरंतर नीरज सम्मान समारोह’ में कई नामचीन हस्तियाँ मौजूद रहीं — कवि एवं गीतकार प्रसून जोशी (Prasoon Joshi), समीर अनजान (Sameer Anjaan), बोनी कपूर (Boney Kapoor) विनीत कुमार सिंह (Vineet Kumar Singh) और मुरली मनोहर जोशी _Murli Manohar Joshi) सहित अन्य विशिष्ट अतिथि. इन सभी ने नीरज जी के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए, उनकी कविताओं को याद किया, और यह माना कि नीरज केवल शब्दों के शिल्पी नहीं, बल्कि आत्मा के प्रवक्ता थे.

गीतों और कविताओं का दौर

Poetic Tribute to Mahakavi Gopaldas Neeraj (2)

गीतों और कविताओं की प्रस्तुतियाँ इस शाम का विशेष आकर्षण रहीं. विनीत सिंह ने नीरज के लोकप्रिय गीतों को स्वर देकर माहौल को भावुक बना दिया, वहीं कवि अफजल की कविता "आज है रात नीरज की..." ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया. इस अवसर पर हिंदी अकादमी दिल्ली के सचिव संजय गर्ग और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी बात रखी. वहीं नीरज जी के सुपुत्र शशांक प्रभाकर (Shashank Prabhakar) ने भी अपने पिता की कुछ विशेष रचनाओं का पाठ कर कार्यक्रम को यादगार बना दिया.

Poetic Tribute to Mahakavi Gopaldas Neeraj (1)

इस पूरे आयोजन की विशेष बात यह रही कि यह केवल एक श्रद्धांजलि सभा नहीं थी, बल्कि यह साहित्यिक चेतना को पुनर्जीवित करने की एक सशक्त कोशिश थी. आयोजकों ने यह भी घोषणा की कि ‘निरंतर नीरज सम्मान समारोह’ अब हर वर्ष आयोजित किया जाएगा, ताकि कवि नीरज का साहित्यिक प्रभाव निरंतर बना रहे और नई पीढ़ी उससे प्रेरणा लेती रहे. समारोह का सोशल मीडिया पर सीधा प्रसारण भी हुआ, इस पहल से यह स्पष्ट हो गया कि नीरज जी का साहित्य केवल मंचों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि डिजिटल युग में भी उतना ही प्रभावशाली है.

गोपाल दास 'नीरज': एक परिचय

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गोपाल दास ‘नीरज’ जैसे रचनाकार विरले ही जन्म लेते हैं. उनका जन्म 4 जनवरी 1925 को इटावा के पुरावली गांव में हुआ था. वे शब्दों के रचनाकार थे, पर भावनाओं के उद्घोषक भी. ‘लिखे जो खत तुझे’ (प्रेम पुजारी), ‘ए भाई, जरा देख के चलो’ (मेरा नाम जोकर), 'काल का पहिया घूमे रे भइया' (चंदा और बिजली), ‘कारवां गुजर गया’, ‘फूलों के रंग से’, ‘ओ सजना...’ और ‘बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ’ जैसे गीत केवल लोकप्रिय धुनें नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक चेतना का हिस्सा बन चुके हैं. ऐसे साहित्य पुरुष को याद करने का यह आयोजन, हिंदी जगत के लिए प्रेरणा और आस्था का स्रोत सिद्ध हुआ.

गोपालदास नीरज के ढेरों काव्य-संग्रह प्रकाशित हुए जिनमें 'दर्द दिया', 'प्राण गीत', 'आसावरी', 'बादर बरस गयो', 'दो गीत', 'नदी किनारे', 'नीरज की गीतिकाएं', 'संघर्ष', 'विभावरी', 'नीरज की पाती' प्रमुख हैं. उन्हें 1991 में पद्मश्री, 2007 में पद्मभूषण, और 1994 में यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया. नीरज का निधन 19 जुलाई 2018 को हुआ था.

हिंदी कविता और सिने-संगीत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने वाले शब्दों के जादूगर, भावनाओं के शिल्पी महाकवि गोपालदास 'नीरज' जी की पुण्यतिथि पर ‘ मायापुरी’ परिवार उन्हें शत-शत नमन करता है.

गोपाल दास ‘नीरज’ की कुछ चुनिंदा पंक्तियां-

1. आँसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा
    जहाँ प्रेम का चर्चा होगा, मेरा नाम लिया जाएगा.

2. आज की रात तुझे आखिरी खत और लिख दूं
    कौन जाने यह दिया सुबह तक जले न जले?
    बम-बारुद के इस दौर में मालूम नहीं 
    ऐसी रंगीन हवा फिर कभी चले न चले।

3. जीवन कटना था, कट गया
    अच्छा कटा, बुरा कटा
    यह तुम जानो
    मैं तो यह समझता हूं
    कपड़ा पुराना एक फटना था, फट गया
    जीवन कटना था कट गया

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