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Aamir Khan's 60th Birthday
Aamir Khan's 60th Birthday: भारतीय सिनेमा में श्रेष्ठता का पर्याय बन चुके आमिर खान इस साल 14 मार्च, 2025 को होली के शुभ दिन में 60 वर्ष के हो जाएंगे. अपनी अतुलनीय फिल्मों के साथ, बॉलीवुड की नई परिभाषा गढ़ने वाले सफर में, आमिर खान अब सीनियर सिटिज़न की परिपक्वता वाले पायदान में अपना पहला कदम रख रहें हैं जो संभावित रूप से उनकी आने वाली जिंदगी तथा उनकी आगामी फिल्मों के लिए निश्चित रूप से एक मील का पत्थर साबित होगा.
हालांकि आमिर खान का जन्म एक प्रतिष्ठित फिल्मी परिवार में हुआ था (उनके पिता ताहिर हुसैन एक मशहूर फ़िल्म निर्माता थे और उनके चाचा नासिर हुसैन एक सुप्रसिद्ध निर्देशक थे) लेकिन फिर भी उनका स्टारडम तक पहुंचना उतना ही कठिन था जितना बॉलीवुड के किसी आउट साइडर को होता है.
एक समय बचपन में फाइनेंशियल अस्थिरता से जूझने से लेकर "मिस्टर परफेक्शनिस्ट" बनने तक, उनकी कहानी धीरज , संतुलन और सार्थक कथाएं कहने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की कहानी है. सिनेमा जगत में अपने कई समकालीनों से अलग, आमिर ने सदैव क्वांटिटी से ज़्यादा क्वालिटी को तरजीह दी. उनकी कालातीत फिल्में, क़यामत से क़यामत तक, लगान, दिल, रंगीला, राजा हिन्दुस्तानी, सरफरोश, तारे ज़मीन पर, गज़नी, 3 ईडियट्स, दंगल, धूम 3, पीके तथा कई और मूवीज़, हिंदी सिनेमा के इतिहास में उन बेहतरीन फिल्मों के लिस्ट में शामिल हैं जिन्हे भारतीय सिनेमा का गौरव माना जाता है. अपने लगभग तीस साल के करियर में उनकी प्रत्येक फ़िल्म ने किसी न किसी रूप में दर्शकों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी. यहां तक कि जो चंद एक फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नर्म रही (इसी का नाम जिंदगी, राख, मेला, बाज़ी) वो भी समाज के किसी ना किसी मुद्दे को समर्पित थी. नो वंडर, आमिर खान को चार नैशनल अवॉर्ड्स, नौ फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड्स, पद्म भूषण अवार्ड, दो आइफा अवॉर्ड्स, छह स्क्रीन अवॉर्ड्स, दो व्ही. शांताराम अवॉर्ड्स और ना जाने कितने अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया.
आमिर का प्रभाव सिनेमा की दुनिया से परे भी है. सत्यमेव जयते जैसी सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने की पहल के ज़रिए आमिर ने अपने मंच का इस खूबी के साथ इस्तेमाल किया,कि जिससे साबित होता है कि उनका नज़रिया मनोरंजन तक सीमित नहीं है. खुद को फिर से तलाशने की उनकी क्षमता, चाहे वह रूपांतरण के लिए हो भूमिकाओं के माध्यम से हो या कहानी कहने के नए तरीकों की तलाश के माध्यम से हो, उन्हें आज भी सबसे आगे रखती है.
अपनी उम्र के 60वें दशक में कदम रखते हुए, आमिर सिनेमा की दुनिया में एक पथप्रदर्शक बने हुए हैं जो अपनी कलात्मकता और सामाजिक चेतना से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. उनका सिनेमाई सफ़र, एक अजब जुनून, कड़ी मेहनत तथा अपने मूल्यों के प्रति सच्चे रहने की शक्ति का प्रमाण है. उनके मन मष्तिष्क में बताने के लिए अभी भी बहुत सारी कहानियाँ बाकी हैं. आमिर खान केवल एक फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता, फिल्म निर्देशक ही नहीं बल्कि भारतीय सिनेमा और समाज को आकार देने वाले एक उत्सव हैं तभी तो उन्हे मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है.
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