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'Aamir Khan: Cinema Ka Jadugar' Trailer Launch
'Aamir Khan: Cinema Ka Jadugar' Trailer Launch: रविवार, 9 मार्च को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस इवेंट में मिस्टर प्रोफेशनलिस्ट और सुपरस्टार आमिर खान (Aamir Khan) गीतकार-पटकथा लेखक जावेद साहब अख्तर (Javed Akhtar) और PVR के फाउंडर अजय बिजली मौजूद रहे. इस दौरान तीनों दिग्गजों ने मिलकर "आमिर खान: सिनेमा का जादूगर" नामक एक विशेष फिल्म-महोत्सव की घोषणा की,जिसमें पीवीआर-आईएनओएक्स के सहयोग से आमिर की कुछ आइकॉनिक फिल्मों को एक बार फिर से बड़े पर्दे पर दिखाया जाएगा. इस इवेंट में क्या कुछ ख़ास हुआ. आइये जानते हैं.
इस इवेंट में आमिर खान सफ़ेद टी-शर्ट और ब्लू जींस में नज़र आए. वहीँ जावेद साहब अख्तर हमेशा की तरह अपने आरामदायक लिबास कुर्त- पायजामे में देखे गए. इस इवेंट की शुरुआत में आमिर ने इस कार्यक्रम के लिए सभी का धन्यवाद कहा.
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इस दौरान जावेद साहब अख्तर जी ने कहा की इस कार्यक्रम में मुझे ही बुलाना चाहिए था, क्योंकि आमिर और मेरा एक अजीब किस्म का रिश्ता है. आमिर का जन्म 1965 में हुआ और मैंने भी 1965 में बॉलीवुड में काम शुरू किया था. आमिर ने अपनी पहली फिल्म 1973 में की थी, जब वे 18 साल के थे. इन्होंने सबसे पहली बार हमारी फिल्म 'यादों की बारात में काम किया था. उसके बाद मैं एक स्क्रिप्ट पर काम कर रहा था. मैं पंचगनी में नासिर हुसैन के लिए 'फर्याज' फिल्म लिख रहा था. तभी मैंने आमिर को देखा और तुरंत नासिर से कहा कि यह लड़का एक स्टार है और इसकी शुरुआत एक रोमांटिक फिल्म से होनी चाहिए.' उन्होंने आगे बताया कि आमिर की पहली प्रोड्यू की हुई फिल्म 'लगान' के गाने मैंने लिखे थे. इसके बाद इन्होंने मेरे बेटे फरहान अख्तर ने जो पहली फिल्म डायरेक्ट की उसमें भी आमिर ही थे. कमाल की बात यह है ये दोनों ही फ़िल्में 2001 में आई थी.
इस दौरान आमिर खान ने जावेद अख्तर से मजाकिया अंदाज में कहा कि जब उन्होंने फरहान को स्क्रिप्ट सुनने से मना कर दिया था, तो वह जावेद साहब के फोन का इंतजार कर रहे थे. लेकिन जब काफी समय तक फोन नहीं आया, तो उन्हें एहसास हुआ कि फरहान ने शायद अपने पिता से इस बारे में बात ही नहीं की होगी. इसका मतलब था कि फरहान को आमिर पर पूरा भरोसा था और वह सच में उन्हें अपनी फिल्म में चाहते थे.
आमिर रिस्क लेते हैं
इस प्रेस इवेंट में जावेद अख्तर ने कहा कि सिर्फ आमिर ही ऐसे किरदारों और कहानियों पर यकीन कर सकते थे. उन्होंने आशुतोष गोवारिकर के साथ फिल्म की, जबकि उनके साथ पहले एक फिल्म फ्लॉप हो चुकी थी. एक नए डायरेक्टर फरहान आपके पास आया, जिसके पास तीन हीरोज़ वाली कहानी थी, और आपने हां कर दी. कोई होश में रहकर `दंगल` करता? एक बूढ़े आदमी का रोल, जो अपनी ही बेटी से कुश्ती में हार जाता है! हर एक्टर उन्हीं डायरेक्टर्स के साथ काम करता है, जिनकी फिल्में हिट रही हों, लेकिन आप वो रिस्क लेते हैं जो कोई और नहीं ले सकता.
आमिर खान ने कहा
इस दौरान अपने करियर के स्ट्रगल के बारे में बात करते हुए आमिर ने बताया कि वह शुरू में फिल्मों को लेकर अपनी चॉइस से नाखुश थे. उन्होंने यह भी बताया कि पहली फिल्म 'कयामत से कयामत तक' (1988) के ब्लॉकबस्टर होने के बाद उन्हें लगभग 300 से 400 फिल्मों के ऑफर मिल थे, जिससे वह यह समझ नहीं पा रहे थे कि वे किसे चुनें.
आमिर ने आगे बताया कि मैंने तब तक केवल मंसूर खान और नासिर हुसैन के साथ असिस्टेंट के रूप में काम किया था. लेकिन जब मेरी पहली फिल्म सफल हुई, तो मुझे बहुत सारे ऑफर मिलने लगे. सच कहूं तो मैं नया था, मुझे यह एहसास नहीं था कि एक फिल्म साइन करना भी एक बड़ी जिम्मेदारी होती है. मुझे इसका कोई अंदाजा नहीं था.
जब भट्ट की फिल्म को न कहा
इस दौरान उन्होंने महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) से जुड़ा एक किस्सा भी शेयर किया. जहाँ उन्होंने बताया कि एक बार उन्होंने भट्ट की फिल्म को न कहा था. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि मुझे जीवन के सबसे बुरे दौर में महेश भट्ट की एक फिल्म मिली थी. लेकिन मुझे वह फिल्म पसंद नहीं आई. मैंने हिम्मत करके महेश भट्ट को यह बात बताई और इस तरह मैंने वह फिल्म नहीं की.
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि मैंने अपने करियर के सबसे बुरे समय में भी, 'नहीं' कहने की हिम्मत रखी. इसलिए मैं अब तक इस तरह बिहेव करता हूं. अगर मैंने उस समय में कॉम्प्रोमाइज कर लिया होता, तो मेरा पूरा करियर कॉम्प्रोमाइज पर ही टिका रह जाता.
उन्होंने आगे यह भी बताया कि वो दौर ऐसा था, जब हीरो एक साथ 30 से 50 फिल्में कर रहे थे. दिलचस्प बात यह है कि अनिल कपूर के पास उस समय सबसे कम 33 फिल्में थीं. यह देखकर मैंने एक साथ 9-10 फिल्में कर ली थी. हालांकि, जिन डायरेक्टर्स के साथ काम करने का मैंने सपना देखा था, उन्होंने मुझे कोई रोल नहीं दिया. मैं दिन में तीन शिफ्ट में काम कर रहा था. ज्यादातर प्रोड्यूसर्स-डायरेक्टर्स नए थे, लेकिन जब शूटिंग शुरु हुई, तब मुझे अहसास हुआ कि मैंने क्या गलती कर दी. मैं खुश नहीं था. मैं घर जाकर हर दिन रोता था.
ये 3 चीजें है आमिर के लिए जरूरी
एक फिल्म को चुनने के लिए आपके लिए क्या मायने रखता है? जावेद साहब के इस सवाल पर आमिर ने कहा कि मेरे लिए तीन चीजें बहुत जरूरी है. डायरेक्टर, स्क्रिप्ट और प्रोड्यूसर. अगर आपका प्रोड्यूसर कमजोर है, तो आपकी फिल्म को रिलीज ठीक नहीं मिलेगी. आपको अच्छे रिसोर्सेस नहीं मिलेंगे, तो यह सब मैंने उस दौरान सीखा, जिन्हें मैं आज भी फॉलो करता हूं.
इन सुपरहिट फिल्मों को कहा है न
Aamir Khan was originally offered Lage Raho Munnabhai when Munnabhai MBBS wasn't even made. Aamir narrates a very interesting story of what exactly was supposed to be the first Munnabhai film. pic.twitter.com/iDEDH5LPyb
— Faridoon Shahryar (@iFaridoon) March 9, 2025
इस प्रेस इवेंट में आमिर ने एक चौकाने वाली बात भी बताई कि उनके पास सलमान खान की फिल्म ' बजरंगी भाईजान' आई थी, लेकिन उन्होंने इसकी स्क्रिप्ट सलमान को भेजने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें 'डर', 'बजरंगी भाईजान' और 'लगे रहो मुन्ना भाई' जैसी फिल्में छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है.
आपको बता दें कि यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'डर' (1993) में अंतत: शाहरुख खान ने मुख्य भूमिका निभाई, जबकि कबीर खान की 'बजरंगी भाईजान' में सलमान खान मुख्य भूमिका में थे. राजकुमार हिरानी की 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' और 'लगे रहो मुन्ना भाई' में संजय दत्त ने मुख्य भूमिका निभाई है.
पर्सनल लाइफ
आमिर ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बताते हुए कहा कि उन्हें कहानियां सुनने का बहुत शौक था. उन्होंने कहा कि मुझे बचपन से ही कहानियां सुनना बहुत पसंद था. जब मैं 5 साल का था, जब भी कोई मेरे पिता को कहानियां, कॉन्सेप्ट या पूरी स्क्रिप्ट सुनाने आता था, तो मैं पर्दों के पीछे छिप जाता था और कहानियां सुनता था. मेरे पिता को भी एहसास हो गया था कि मैं पीछे छिप जाता हूं. कुछ समय बाद वो मुझे सामने बैठाने लगे. मुझसे मेरा ख्याल भी पूछा जाने लगा. मेरी मां मुझसे पूछा करती थी कि क्या मैं उस दिन फिल्म की कहानी सुनने के लिए फ्री हूं या नहीं. मैंने कभी फिल्मों को एक्टर के तौर पर नहीं सोचा. मैं फिल्मों को इस तरह सुनता था कि वे फिल्म के तौर पर कैसी होंगी.
Some films leave an impact. Some redefine storytelling. And some? They deserve the big screen again!
— P V R C i n e m a s (@_PVRCinemas) March 9, 2025
PVR INOX brings you the Aamir Khan Film Festival from March 14 to 27—an exclusive chance to relive the magic of his most iconic films the way they were meant to be watched.
💥✨… pic.twitter.com/Ha8VGpPkaB
इस प्रेस इवेंट के आखिर में PVR के फाउंडर अजय बिजली ने आमिर खान को गोल्डन टिकट से सम्मानित किया. इसके बाद सभी ने तस्वीरें खिचवाई.
आपको बता दें कि 'आमिर खान: सिनेमा का जादूगर' के तहत इन फिल्मों को दोबारा दिखाया जाएगा- 'दंगल', '3 इडियट्स', 'लगान', 'हम हैं राही प्यार के', 'राजा हिंदुस्तानी', 'गजनी', 'अकेले हम अकेले तुम', 'अंदाज अपना अपना', 'पीके', 'धूम 3', 'रंग दे बसंती', 'गुलाम', 'कयामत से कयामत तक, सीक्रेट सुपरस्टार', 'लाल सिंह चड्ढा', 'तारे जमीन पर', 'सरफरोश', 'जो जीता वही सिकंदर', 'तलाश', 'फना', 'दिल चाहता है' और 'दिल'! ये खास फिल्म फेस्टिवल 14 मार्च, यानी आमिर खान के बर्थडे से शुरू होकर 27 मार्च तक चलेगा.
by PRIYANKA YADAV
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