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Aamir Khan Holi Celebration
Aamir Khan Holi Celebration: आमिर खान का होली से हमेशा से ही एक खास रिश्ता रहा है. यह एक ऐसा बंधन रहा जो आम उत्सवों से कहीं अधिक उनके दिल के करीब है. 14 मार्च, 1965 को रंगों के इस त्योहार के दिन यानी होली पर जन्मे आमिर का जीवन अलग अलग रंगों और उत्सवों का एक मेला है. पहली बार जब नवजात शिशु के रूप में आमिर खान ने अस्पताल के एक बेड पर, इस धरती में पहली साँस ली तो वो दिन फागुन का ही दिन था. अस्पताल के बेड पर माँ और बगल के छोटे से झूले पर आमिर सोया हुआ था. बाहर होली की हुडगंग, भागम भाग, रेल पेल चीख पुकार मची हुई थी. अस्पताल के कुछ नॉट ऑन ड्यूटी कर्मचारियों ने भी आंगन में होली खेलना शुरू कर दिया था. अचानक किसी परी की तरह उड़ती फिरती एक नर्स कमरे में आई, वो एक चंचल लड़की नर्स थी. आते ही उसने अपनी चुटकी में दबा कर रखी गुलाबी गुलाल आमिर के नर्म नन्हे गालों पर लगाया और माँ की ओर देखते हुए बोली, "बुरा ना मानो होली है. यह घटना आमिर को उनकी माँ ने ही सुनाया था जब वो कुछ बड़ा हो गया. उस दिन नर्स के हाथों आमिर पर जो गुलाल के रंग लगे वो आज तक उतर नहीं पाया. वो रंग होली के साथ उनके आजीवन जुड़ाव की शुरुआत थी . होली त्योहार के इस अनोखी शुरुआत ने उनके लिए होली पर्व को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है, और शायद इसी जुड़ाव के लिए वह हर साल इसे बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं.
बड़े होते हुए, आमिर ने होली के त्योहार को परिवार और दोस्तों के साथ खूब जम कर मनाना शुरू किया. वैसे उनके घर पर शुरू से ही सभी त्योहारों को मनाने का चलन था. और आमिर ने बचपन से अब तक हर होली को समय के अनुरूप ही एंजॉय किया और संजोया. बचपन से आज तक उनके होली खेलने का तरीका सेम है. पहले पहल, सुबह सुबह उठ कर आमिर अपने पड़ोसियों के साथ दोल उत्सव में शामिल होते थे, और बाद में और अधिक मौज-मस्ती के लिए अपने चाचा नासिर हुसैन के घर जाते थे और वहां अपने कज़न के साथ खूब हो हल्ला करते थे. जम कर रंगों के साथ खेल कूद मस्ती, हंसी-मजाक, संगीत और गुजिया, पकौड़े, जैसे स्वादिष्ट फेस्टिव गुडीज़ के साथ वो दिन और वो पल अविस्मरणीय बन जाते थे. रात को डिनर के बाद ही पूरा परिवार वापस घर लौटता था.
आज भी आमिर इस परंपरा को जारी रखते हैं.
लेकिन अब आमिर खान वक्त के साथ, सुरक्षित और आनंदमय उत्सव मनाने के लिए हार्ड रसायनों की तुलना में ऑरगैनिक रंगों को प्राथमिकता देते हैं. उनके लिए, होली सिर्फ़ रंग बिखेरने का त्योहार नहीं है. यह अपने परिवार, दोस्तों, नाते रिश्तेदार के साथ जुड़ने और जीवन का जश्न मनाने का त्योहार है.
होली के साथ आमिर के शुरू से जुड़ाव को लेकर एक मजे की बात यह है कि आमिर की पहली रियल एक्टिंग भूमिका फिल्म 'होली' (1984) के साथ ही थी, जो होली त्योहार के साथ उनके जुड़ाव को और मजबूत करता है. केतन मेहता द्वारा निर्देशित, फिल्म 'होली' एक कमिंग ऑफ एज आधारित फ़िल्म है. होली के कलाकार थे, आशुतोष गोवरिकर के साथ, आमिर खान, राहुल रानडे, संजीव गांधी. एक ठेठ भारतीय शहर में एक विशिष्ट कॉलेज की इस कहानी में आमिर खान ओम पुरी नसीरुद्दीन शाह आशुतोष गोवरिकर राज ज़ुतशी काम कर रहे थे. आमिर खान की पहली युवा उम्र की फिल्म 'होली' सामाजिक दबावों से जूझ रहे कॉलेज के छात्रों के जीवन को दर्शाता है. इस फिल्म में आमिर ने मदन शर्मा की भूमिका निभाई, जो एक उत्साही युवक है. मदन के दोस्तों का ग्रुप होली मनाने के दौरान चुनौतियों का सामना करता है. होली फ़िल्म ने कॉलेज के छात्रों के बीच विद्रोह और सौहार्द के विषयों को खंगाला. इस तरह से यह फ़िल्म आमिर के शुरुआती करियर में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बन गया है. इस फ़िल्म को फैनांस किया था डॉक्टर श्रीराम लागू ने.
हालाँकि आमिर की इस फिल्म 'होली' ने उस समय, कोई बड़ी व्यावसायिक सफलता हासिल नहीं की, लेकिन इस फ़िल्म की भूमिका ने, आमिर के अडल्ट उम्र की भूमिकाओं में बदलाव को जरूर चिह्नित किया. इसके बाद बॉलीवुड में उनके आसमान छूने वाली संभावनाओं को भी संकेतिक किया . इस फिल्म में युवाओं और उनके संघर्षों की लड़ाई ने उस समय के लोगों को बहुत प्रभावित किया. सच पूछो तो, देखा जाता है कि आमिर के सिनेमा में भविष्य के प्रयासों के लिए मंच तैयार किया., अपने पूरे करियर के दौरान, आमिर ने होली को खुशी और रचनात्मकता के साथ मनाना जारी रखा है.
वे अक्सर अपने उत्सव के रंगीन पलों को सोशल मीडिया पर साझा करते हैं, जिसमें उनका परिवार एक साथ त्योहार का आनंद लेता हुआ दिखाई देता है. उनके बेटे आज़ाद को इन उत्सवों के दौरान पानी की बंदूकों और रंगों के साथ खेलते हुए देखा गया है, जो आमिर की अपने परिवार में होली की भावना को जीवित रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इस साल अपने 60वें जन्मदिन के करीब पहुंचने पर, आमिर खान का होली से जुड़ाव मजबूत बना हुआ है. यह त्योहार, खुशी, एक रसता और नए उमंग और नए जीवन उल्लास का प्रतीक है.
यह एक ऐसा त्योहार है जो अपने व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों रूप से उनके साथ गहराई से जुड़ते हैं. प्रत्येक बीतते साल के साथ, आमिर न केवल होली को एक परंपरा के रूप में मनाते हैं, बल्कि सिनेमा में अपने काम के माध्यम से इसके सार को भी अपनाते हैं. आमिर खान का होली के साथ संबंध, उनके व्यक्तिगत यादों और प्रोफेशन के पत्थरों से बुनी गई एक खूबसूरत कैनवास है.
इस रंगीन और जीवन से भरपूर त्योहार पर पैदा होने से लेकर इसी नाम की फिल्म में अभिनय करने तक,आमिर ने होली को अपनी पहचान के अभिन्न अंग के रूप में अपनाया है. जैसा कि आमिर, जीवन और रचनात्मकता के एक और वर्ष का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं. दर्शक और उनके फैंस, यह देखने के लिए उत्सुक हो सकते हैं कि यह उल्लेखनीय अभिनेता, जीवन के रंगों के माध्यम से कैसे प्रेरित और जुड़ता रहता है.
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