1991 में अपनी शुरुआत करने के बाद से, अक्षय कुमार ने फिल्म उद्योग के उतार-चढ़ाव को देखा है. असफलताओं के बावजूद, अभिनेता अपने काम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है. भारत में कम लागत वाली विमानन सेवा के अग्रणी कैप्टन गोपीनाथ के जीवन पर आधारित सरफिरा एक गेम-चेंजर है.
हाल ही में एक साक्षात्कार में अक्षय ने अपने करियर पर बात की, काम के प्रति अपने जुनून और विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की अपनी दृढ़ता पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि कैसे सरफिरा की कहानी ने शुरू में उन्हें अपनी क्रांतिकारी दृष्टि और कैप्टन गोपीनाथ की अथक भावना से आकर्षित किया.
उन्होंने बताया कि सीमाओं पर विजय पाना उनके करियर में एक बड़ी चुनौती रही है. एक साधारण पृष्ठभूमि से आने के कारण, उन्होंने शुरू में बॉलीवुड को एक दूर का सपना माना. फिर भी, उनके दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और थोड़ी किस्मत ने उन्हें इंडस्ट्री में जगह बनाने में सक्षम बनाया. उनकी दृढ़ता और ध्यान उनकी यात्रा के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं.
अभिनेता फिल्म की असफलता के दर्द को स्वीकार करते हैं, लेकिन असफलताओं से सीखने के महत्व पर जोर देते हैं. उनका मानना है कि प्रत्येक असफलता सफलता के मूल्य को रेखांकित करती है और बेहतर करने के लिए उनकी प्रेरणा को बढ़ाती है. असफलता को खुद को परिभाषित करने देने के बजाय, अक्षय इसे एक प्रेरक के रूप में उपयोग करते हैं, अपनी ऊर्जा को नई ताकत के साथ अपने अगले प्रोजेक्ट में लगाते हैं.
अपनी अगली फिल्म खेल खेल में की तैयारी करते हुए अक्षय अपने दर्शकों को दिलचस्प कंटेंट देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनका दृष्टिकोण उनके काम के प्रति गहरे जुनून और बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ते रहने के अटूट संकल्प को दर्शाता है.
by shilpa patil
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