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आलिया भट्ट की दीपावाली, परंपराओं और आधुनिकता का सुंदर मिश्रण

आलिया भट्ट का जन्म उस वातावरण में हुआ है जहां सभी धर्म जाति के लोग एक साथ हर त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं, जहां कभी कोई भेदभाव नहीं होता है , और वातावरण है बॉलीवुड का वातावरण...

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Alia Bhatt Diwali is a beautiful blend of tradition and modernity
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आलिया भट्ट का जन्म उस वातावरण में हुआ है जहां सभी धर्म जाति के लोग एक साथ हर त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं, जहां कभी कोई भेदभाव नहीं होता है , और वातावरण है बॉलीवुड का वातावरण. बचपन से ही आलिया भी दिवाली को पूरे उल्लास, जोश और जीवंतता के साथ मनाती हैं. बचपन से ही उनके घर पर दिवाली के सारे आयोजन होते थे. खूबसूरत कपड़ों से लेकर साज सजावट और लजीज़ पकवानों तक.

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आज भी दिवाली त्योहार आलिया कुछ वैसा ही मनाती है जैसे बचपन में मनाती थी. इस साल, आलिया अपनी बचपन की परंपराओं को आधुनिक समारोहों के साथ मिश्रित करने की योजना बना रही है, जिसमें दिवाली के इस पावन और सुंदर त्योहार में पारिवारिक बंधन और प्यार बांटने पर जोर दिया जाएगा. फिर से एक बार, मनीष मल्होत्रा की  दिवाली पार्टी में आलिया की हालिया प्रेज़ेंस ने उनकी खूबसूरत पहनावे को पूरे लाइम लाइट में जगजाहिर करते हुए खूब सुर्खियां बटोरी , जिससे बॉलीवुड के दीपावाली उत्सव भावना के साथ आलिया के संबंध मजबूत होने की पुष्टि कर दी.

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इस बार आलिया भट्ट ने दिवाली 2024 के साथ उत्सव के इस मौसम में पुरानी पोशाकों को री-साइकिल करने के लिए फैशन टिप्स दिए जिसमें लहंगे से लेकर कुर्ते तक- आलिया भट्ट का जबर्दस्त फैशन लुक ने सबको चौंका दिया. आलिया, अपने इस वर्ष के दिवाली समारोह को अपने अद्वितीय पारंपरिक साज सामानों के साथ एक ऐसा सुंदर लुक देने के लिए तैयार नजर आई जो उनकी व्यक्तिगत स्टाइल और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं. दीपावली के त्योहार पर आलिया  अक्सर सोने और हीरे की चांद बाली चुनती हैं, जो उनके पहनावे में एक अनोखा शाही टच जोड़ता हैं. ये स्टेटमेंट ईयररिंग्स भारतीय त्योहारी पहनावे का एक प्रमुख हिस्सा रहा हैं, जो उनके एथनिक पहनावे को खूबसूरती से कॉम्प्लीमेंट करते हैं.

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आलिया अपने लुक में पारंपरिक शिल्प कौशल को जोड़ते हुए अपनी नाजुक कलाइयों में कड़ा (मोटी चूड़ियाँ) और अन्य अलंकृत चूड़ियाँ पहनती हैं. इन ज्वैलरीज में अक्सर बेहद जटिल नक्काशियां और कलाकृति डिज़ाइन होते हैं जो दीपावली उत्सव की भावना से मेल खाते हैं.  अपने पारंपरिक साज सज्जा को एक आधुनिक मोड़ देने के लिए  वे कढ़ाई वाले क्लच भी रखती हैं जो न केवल फंक्शनल एसेसरीज के रूप में काम करते हैं बल्कि पारंपरिक कलात्मकता का भी प्रदर्शन करते हैं, और यह लुक, दिवाली उत्सव के दौरान उनके संपूर्ण स्वरूप और सौंदर्य में चार चांद लगाते हैं. इन एक्सेसरीज़ के माध्यम से, आलिया भट्ट ने परंपरा को समकालीन फैशन के साथ बड़ी ही खूबसूरत और नजाकत के साथ जोड़ दिया है जिससे उनका यह दिवाली समारोह वास्तव में खास बन गया है. आलिया भट्ट अपने दिवाली समारोह में शुध्द पारंपरिक तत्वों को कैसे शामिल करती हैं? दरअसल, आलिया भट्ट, विभिन्न माध्यमों और तरीकों से अपने दिवाली समारोह में पारंपरिक एलिमेंट्स को शामिल करती हैं जो उनकी सांस्कृतिक विरासत और व्यक्तिगत फैशन के प्रति उनके क्रिएटिव टेस्ट को रेखांकित करती हैं. 

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हाल के प्री दिवाली (जैसे मनीष मल्होत्रा की प्री दिवाली पार्टी) समारोह में आलिया ने गहरे सांस्कृतिक महत्व वाले परिधानों को दोबारा पहनकर परंपरा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जिस तरह से प्रदर्शित की है वो सबने देखा. मनीष मल्होत्रा की दिवाली पार्टी 2024 में अपना मेहंदी लहंगा दोहराकर आलिया भट्ट ने एक नया चलन शुरू कर दिया जिसे पहनकर आलिया भट्ट सबसे खूबसूरत लग रही थी. उदाहरण के लिए, उन्होंने मनीष मल्होत्रा द्वारा डिज़ाइन किया गया, उस बेबी पिंक यानी गुलाबी लहंगा पहना था, जो मूल रूप से उनके मेहंदी समारोह के लिए बनाया गया था, जिसमें भारी जटिल कश्मीरी और चिकनकारी कढ़ाई है, जो उनकी सुंदरता बनाए रखते हुए उनके एथनिक लुक को निखार रहे थे. उनका मेकअप न्यूनतम लेकिन चमकदार  था, जिससे उनकी प्राकृतिक सुंदरता निखर कर सामने आ रही थी. दिवाली मनाने का यह दृष्टिकोण और उत्सव की खुशी को एक अद्भुत फैशन के रूप में आलिया ने बड़ी खूबी से उजागर किया. यह उनके पारंपरिक रूट्‍स और यादों का प्रतीक है.

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दिवाली के मौके पर आलिया को घर सजाने का बहुत शौक है जिसमें पारंपरिक सजावट, जैसे दीये (तेल के लैंप) और रंगोली डिजाइन शामिल हैं. दीपावली के अवसर पर आलिया बहुत सारी पारिवारिक समारोहों, पारंपरिक मिठाइयों और दीप कंदीलों का शौक रखती है. आज की तारीख में वह अपने पति, बेटी अपनी मां, बहन और ससुराल वालों के साथ दिवाली मनाती है और आनंदमय यादें संजोने पर ध्यान केंद्रित करती है. बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक आलिया भट्ट पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक भावनाओं के मिश्रण के साथ दिवाली मनाती हैं. बचपन की यादों और पारिवारिक परंपराओं में निहित यह त्योहार उनके दिल में एक विशेष स्थान रखता है. इस साल के उत्सवों की तैयारी करते हुए, आलिया अपने पिछले दिवाली समारोहों को याद करती है और भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण साझा करती है, खासकर अब एक माँ के रूप में.एक नई माँ के रूप में, आलिया अपनी बेटी राहा को इन सुंदर परंपराओं से परिचित कराने के लिए उत्सुक है. वह दीपावली के उत्सव में अपनी बेबी को सजाने, दीये जलाने और पारिवारिक अनुष्ठानों में भाग लेने की योजना बना रही है, ताकि उसकी बेटी को अभी से इन परंपराओं का ज्ञान हो सके. आलिया भट्ट न केवल दिवाली मनाती हैं बल्कि अपने परिवार के भीतर कम्युनिटी और सांस्कृतिक विरासत की भावना को भी बढ़ावा देती हैं.

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फिल्मी परिवार में पली-बढ़ी आलिया की बचपन की दिवाली आनंद, हंसीखुशी और पारिवारिक समारोहों की गर्मजोशी से भरी थी. वह घर को दीयों (तेल के लैंप) और रंगोली (रंगीन फर्श डिजाइन) से सजाने के उत्साह को याद करती हैं,  घर पर बन रही पारंपरिक मिठाइयों की सुगंध, उत्सव के माहौल को और भी बढ़ा देती थी . आलिया के माता-पिता भी दिवाली के दौरान परिवार और करीबी दोस्तों के साथ उत्सव साझा करते थे, आज भी करते हैं. हाल के वर्षों में भी , आलिया ने भी अपने इन्ही परंपराओं को अपनाना जारी रखा है. आलिया दिवाली के दौरान परिवार के महत्व पर जोर देती है, एक परंपरा जिसे वह बचपन से संजोती रही है. वह अपने प्रियजनों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना, हंसी और प्यार से भरा एक गर्मजोश और उत्सवपूर्ण माहौल बनाना पसंद करती है. आलिया कहती हैं, दिवाली मेरे लिए सिर्फ एक त्योहार से कहीं बढ़कर है. यह एक नई शुरुआत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है. यह त्योहार लोगों को एक साथ जोड़ता है, परिवारों और समुदायों के बीच प्यार और एकता को बढ़ावा देता है. आलिया का मानना है कि दिवाली का सार अपने आस-पास के लोगों के साथ खुशी और प्यार साझा करने में निहित है.

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चूँकि आलिया अपने पति रणबीर कपूर और बेटी राहा के साथ दिवाली मनाने के लिए उत्सुक है, वह इस वर्ष की दीवाली को एक जादुई अनुभव बनाने की कल्पना कर रही है.  इस वर्ष, वह बेटी राहा को दीपावली उत्सव, पूजा में शामिल करने और उसे दिवाली से जुड़ी समृद्ध सांस्कृतिक प्रथाओं से परिचित कराने की योजना बना रही है. आलिया को उम्मीद है कि वह अपनी बेटी को त्योहार के महत्व के बारे में सिखाएंगी- दीये जलाना, रंगोली बनाना और परिवार के साथ मिलकर पारंपरिक मिठाइयों का आनंद लेना. आलिया की पसंदीदा मिठाई मिल्क केक है, जो लंदन के लोकप्रिय कैफे लेटो से प्रेरित है. यह नो-बेक केक सरल लेकिन स्वादिष्ट है, जो दूध, चीनी और थोड़े से वेनिला के साथ बनाया गया है. इसे जल्दी से तैयार किया जा सकता है और यह उत्सव समारोहों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. इसके अलावा आलिया को चिया पुडिंग भी पसंद है.

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आलिया इस शुभ समय के दौरान पारिवारिक एकता के महत्व पर जोर देते हुए अपने मायके और ससुराल वालों के साथ जश्न मनाने का  इरादा रखती है. साथ में, वे लक्ष्मी पूजा (धन की देवी की पूजा) जैसे अनुष्ठानों में भाग लेंगी और दीपावली डेलीकेसिज़ को लेकर भी उत्सुक हैं जिसमें स्वादिष्ट पारिवारिक व्यंजन शामिल होंगे.  आलिया भट्ट दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़तीं है. वह बड़े और खतरनाक, धमाकेदार पटाखों के उपयोग ना करने रुख के बारे में मुखर रही हैं, पर्यावरण संबंधी चिंताओं और मूक जीव जानवरों पर धमाकों के प्रभाव के कारण वे पटाखा मुक्त दिवाली की वकालत करती है.  अपने 'पूचओवर पटाखा' नामक एक अभियान में आलिया ने लोगों से पटाखे जलाने की परंपरा के बजाय सिर्फ पूजा पाठ , खूबसूरत रोशनी, सजावट, मेल मुलाकात और पकवानों, मिठाइयों के साथ दीपोत्सव मनाने की गुजारिश की है और साथ ही पालतू जानवरों की सुरक्षा और खुशी को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है. अधिक सुंदर और जिम्मेदार दिवाली मनाने के लिए आलिया की प्रतिबद्धता पटाखों से जुड़े पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में उनकी जागरूकता को दर्शाती है, जो पर्यावरण के अनुकूल उत्सवों को बढ़ावा देने के लिए मशहूर हस्तियों के बीच बढ़ती प्रवृत्ति के साथ संरेखित है.

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दीपावली के शुभ अवसर पर आलिया अपने घर में पॉज़िटिव एनर्जी और रोशनी लाने के लिए कच्ची मिट्टी के दीये (तेल के दीपक) जलाने के महत्व पर जोर देती है. यह पारंपरिक प्रथा अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है और दिवाली समारोह का एक अभिन्न अंग है.  बिजली की  लट्टूओं के बजाय पारम्परिक कंदीलों का उपयोग करके, वह अपने घर को सजाती है और सबको इसी परम्परा को बढ़ावा देने की बात कहती हैं. दुकानों से मिठाइयाँ खरीदने के बजाय, आलिया अपने परिवार के साथ घर पर बनी मिठाइयाँ  का आनंद लेती है. आलिया भट्ट कपूर पटाखे के बिना बच्चों के लिए दिवाली को मज़ेदार बनाने में विश्वास रखती है. वह रंगोली डिज़ाइन प्रतियोगिताएं आयोजित करने और दीप शिल्प में संलग्न होने जैसी रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करती है जो शोर या वायु प्रदूषण किए बिना उत्सव का भरपूर आनंद प्रदान करती है. आलिया भट्ट दिवाली या किसी भी त्योहार पर चैरिटी कार्यक्रमों में भाग लेकर पशु बचाव संगठनों को दान देकर सामुदायिक भावना को बढ़ावा देती है. आलिया प्राकृतिक सजावट का चुनाव करती हैं, जैसे ताजे फूल और ऑर्गेनिक चीज़े जो न केवल उनके घर को सुंदर बनाती हैं बल्कि पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करती हैं.

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