/mayapuri/media/media_files/2025/11/15/dharmendra-2025-11-15-11-34-24.jpg)
बॉलीवुड के "गरम धरम" माने जाने वाले, हमारे बॉलीवुड के असली ओरिजिनल ग्रीक गॉड, धर्मेंद्र जी का अस्पताल से परिवार के साथ घर लौटना, वाकई उन्हे वो पहलवान साबित करता है जिसके बारे में उन्होने कई बार कहानी सुनाई थी कि वे अपने करियर की शुरुआत में जहां भी ऑडिशन देने जाते थे वहीं लोग उन्हे हीरो गिरी छोड़ कर पहलवानी करने की सलाह देते थे। आज जब वे बॉलीवुड के इतिहास में, इस सदी के सबसे लोकप्रिय हैंडसम स्टार हीरो के रूप में अपना नाम दर्ज कर चुके हैं तो उनकी वही शारीरिक ताकत ने दिखा दिया कि हां वे पहलवान है। वैसे मौत तो सबको आती है, कोई अमर नहीं है,पहलवानों की भी आती है, मेरी भी आएगी, आपकी भी आएगी, आज भी आ सकती है, कल भी आ सकती है और दस साल बाद भी आ सकती है। लेकिन इस वक्त तो धर्मेंद्र के परिवार, उनके शुभचिंतकों, ब्रीचकैंडी अस्पताल के कुशल डॉक्टर्स, धरम जी के फैंस के दिलों में जो उम्मीदें और दुआएं थीं, वे पूरी हुई हैं। 89 साल के उम्र में धर्मेंद्र ने अपनी जिंदादिली और जज्बे से सभी को हैरान कर दिया है। अस्पताल से उनके बाहर आने की खबर ने उनके चाहने वालों को बहुत राहत और खुशी दी है। (Dharmendra hospital discharge news)
/mayapuri/media/post_attachments/images/images/2025/nov/dharmendradeathfact_d-406081.jpg)
ये धर्मेंद्र की हिम्मत ही है कि उन्होने जीवन की चुनौतियां और संघर्ष से कभी हार नहीं मानी। ना तब, जब वे युवा थे, ना अब जब वे 89 वर्ष के हैं।
संघर्ष और चुनौतियों का सामना तो धर्मेंद्र साहब का तब से है जब वे सिर्फ फिल्मफेयर के एक टैलेंट कॉन्टेस्ट के भरोसे एकदम अकेले, बिना किसी जान पहचान, बिना किसी ठौर ठिकाना, बिना ज्यादा पैसों के वे लुधियाना से मुंबई आ गए थे। लेकिन जिस फिल्म के लिए उन्होंने ये कॉन्टेस्ट जीता था वो तो बनी ही नहीं। ना जाने कितनी बार उन्हे इस तरह हार का सामना करना पड़ा। कई स्ट्रगलर लड़कों के साथ एक छोटे से कमरे में रहते थे, कईकई रात दो वक्त का खाना भी नहीं जुगाड़ हो पाता था, एक बार तो भूख के मारे इतना बुरा हाल था कि अपने रूममेट द्वारा रखी गई इसबगोल की भूसी का पूरा पैकेट खा गए और फिर भुगतना पड़ा । कपड़े भी ऐसे सही नहीं थे जिसे पहन कर वे ऑडिशन देने जाते। दो जोड़ी कपड़ों को घुमा फिरा कर पहनते थे। सर्दी में ना उनके पास स्वेटर होती थी ना कोट और फिल्मों की पार्टी या मुहूर्त में तो शिरकत करने लायक उनके पास कोई इंतजाम भी नहीं होता था। (Dharmendra 89 years recovery story)
/mayapuri/media/post_attachments/static-mcnews/2025/11/20251110194347_khyy-440153.jpg?impolicy=website&width=770&height=431)
/mayapuri/media/post_attachments/content/2013/Jul/dharmendra_15_1373026948_640x640-217320.jpg)
Rajkummar Rao बने पिता, पत्नी Patralekhaa ने बेटी को दिया जन्म
कपड़े बारिश में भीग जाते तो उसे सुखा कर फिर से पहन लेते थे।
शुरूआती संघर्ष के दिनों में वे एक और फिल्म के लिए चुने भी गए थे, लेकिन अंततः वो भी बन नहीं पाई, जिससे उन्हें काफी निराशा हुई। लेकिन धर्मेद्र ने हार नहीं मानी। उन्होंने मशहूर अभिनेता मनोज कुमार से प्रेरणा लेकर और मेहनत करके जल्दी ही अपने लिए रास्ता बनाया। उस समय उनकी जेब हमेशा खाली रहती थी।
/mayapuri/media/post_attachments/static-mcnews/2025/11/20251110182644_Dharmendra-3-586145.jpg)
/mayapuri/media/post_attachments/ibnlive/uploads/2022/12/untitled-design-2-21-167039000516x9-245682.png?impolicy=website&width=400&height=225)
मुंबई में उनकी हालत ऐसी थी कि उनके जेब में रहता तो कुछ नहीं था पर उम्मीद थी आसमान छूने की। मुंबई में टिके रहने के लिए उन्होंने एक गैराज में काम शुरू किया जहां उन्हें 200 रुपये महीने मिलते थे। किराए का कमरा लेना ना पड़े इसलिए गरैज में ही रात बिताते थे, भूख और ठंड सहते थे, मगर सपनों को छोड़ना नहीं चाहते थे।
/mayapuri/media/post_attachments/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3DW8Erv-evC8q_jK0Fr3xU8TdnlvYZKfM25xrI7sku980IUFDDRH_akPVbNMN8i-osWnGXKqENdS0tydejMp2mS0GAGMTrxBX1jUhX0zaAxixuMGy2UR4ReXNqKmnN6X01Tm4oavTj8nl-1Z0iROgRbD2138XlVyhjSgWC_1b1EE2hNoaI-Cxr_GIZeuk/s833/346956768_975718743434230_8509598308659166612_n-001-458926.jpg)
जले पर नमक की बात ये थी कि उनकी पहली फिल्म 'दिल भी तेरा, हम भी तेरे' के लिए उन्हें मात्र 51 रुपये और दिन में एक बार चाय और टोस्ट मिलती थी। (Garam Dharam Bollywood Greek God)
/mayapuri/media/post_attachments/wikipedia/en/5/54/Dil_Bhi_Tera_Hum_Bhi_Tere-792667.jpg)
/mayapuri/media/post_attachments/images/M/MV5BZWViOGExMzctMzU2My00ZGRiLTkzMTAtNTllYTE3MmVlZjlkXkEyXkFqcGc@._V1_-962695.jpg)
लेकिन धर्मेंद्र ने अपने संघर्षों और असफलताओं से घबराए बिना विश्वास बनाए रखा और अपने संघर्ष को जीत में बदला। बॉलीवुड इंडस्ट्री में वे सबसे ज्यादा मेहनती और लोगों के लिए दिल से काम करने वाले कलाकारों में से एक माने जाते हैं।
/mayapuri/media/post_attachments/outlookindia/2025-11-11/7au2gsx9/Dharmendra-347867.jpeg?w=1080&auto=format%2Ccompress&fit=max)
उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारी अकेले ही संभाली, खासकर जब एक समय, वे अपने पिता के निधन जैसे संकट से गुजरे।
शराब की आदत से भी उन्होंने खुद को बाहर निकाला, उन्होंने खुद माना था कि वे पहले बड़े बूज़र थे, लेकिन एक दिन उन्होंने फैसला किया कि अब 'बस काफी हुआ' और पूरी जिंदगी ने नया मोड़ ले लिया।
/mayapuri/media/post_attachments/img/article-l-2025113148522731947000-241065.webp)
/mayapuri/media/post_attachments/4481d55f25c52a369378357ae014d81ffcf2334412fc4a7c5b38012115798571.jpg)
/mayapuri/media/post_attachments/static-mcnews/2025/10/20251031142750_dhsd-525154.jpg?impolicy=website&width=770&height=431)
धर्मेंद्र ने अपनी ज़िंदगी में कई बार कठिन संघर्ष का सामना किया और उसके बारे में कई बार अपनी बात कही है।
धर्मेंद्र का बॉलीवुड में हीरो का ताज अपने आप में एक मिसाल है। वे अपनी ज़िंदगी में हर मुश्किल का सामना गर्व से करते हैं। उनके फैंस उनके लिए सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि परिवार की तरह हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि उनके जीवन की असली ताकत उनके फैंस का प्यार और उनका अपने परिवार के लिए अपनत्व ही है। चाहे स्वास्थ्य की समस्या हो या इस पेशे में आने वाली दिक्कतें, उन्होंने अपने जज्बे और मेहनत से हर बार जीत हासिल की है।
/mayapuri/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/11/bollywood-he-man-dharmendra-passed-away-at-89-untold-stories-and-facts-about-dharmendra-528381.jpg)
उनका अस्पताल से घर लौटने का जज्बा भी यही दर्शाता है कि उम्र चाहे कितनी भी हो, जब इंसान के अंदर जिंदादिली और उम्मीद जागती है, तब कोई मुश्किल बड़ी नहीं होती। धर्मेंद्र के इस नए चरण में उनके फैन्स को उनका प्यार और दुआएं बरसाने का मौका मिला है और वे उन्हीं दुआओं को उनके स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए देते रहेंगे। (Dharmendra family returns home update)
/mayapuri/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/11/Sunny-Deol-Team-Statement-on-Dharmendra-Treatment-973303.webp)
धर्मेंद्र जी ने कहा था, "जान क्यों जाती है, जाते हुए, 'दोस्तों सबकुछ पाकर भी हासिल-ए-जिंदगी कुछ भी नहीं, कमबख्त जान क्यों जाती है जाते हुए, पता नहीं कहां जाएंगे, कौन ले जाएगा, बहरहाल, आप सभी को प्यार।'
/mayapuri/media/post_attachments/ibnkhabar/uploads/2022/11/dharmendra-636080.jpg)
उनके अनुसार "ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं।" धर्मेंद्र कभी झूठ नहीं बोल पाते हैं, चाहे कितनी भी समस्या का सामना करना पड़े, वे सच बोलने में विश्वास रखते हैं । वे कहते हैं "सच कड़वा होता है, लेकिन सच ही सत्य है।" प्यार पर बात उठती तो कहते "प्यार एक आग का दरिया है और डूब के जाना है।"
क्या यह दैवीय संयोग है कि महान गायिका कामिनी कौशल का निधन बाल दिवस के दिन हुआ?
उनका मानना है कि किस्मत में जितना है बस सबको उतना ही मिलता है, उन्होने कहा "किस्मत कभी नहीं बदलती।"
/mayapuri/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/11/dharmendra-islam-383450.jpg)
उतार-चढ़ाव तो जीवन का हिस्सा हैं।"
धर्मेंद्र अपनी स्टारडम पर कभी नहीं इतराए, वे कहते हैं "मैं एक अच्छा इंसान बनने का हकदार हूँ, कलाकार बनने का तो बाद की बात है।"
जज्बाती धर्मेंद्र हमेशा कहते हैं, "मैं हमेशा लोगों के प्यार के लिए भूखा रहा। मुझे लगता है कि लोगों का प्यार और मेरा उन्हें वापस प्यार करना मेरी सेहत के लिए बहुत जरूरी है।"
/mayapuri/media/post_attachments/wp-content/uploads/2020/12/Dharmendra-Seniors-Today-1-348575.jpg)
उनके फैंस उनके लिए सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि परिवार की तरह हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि उनके जीवन की असली ताकत उनके फैंस का प्यार और उनका अपने परिवार के लिए अपनत्व ही है। चाहे स्वास्थ्य की समस्या हो या पेशे में आने वाली दिक्कतें, उन्होंने अपने जज्बे और मेहनत से हर बार जीत हासिल की है।
/mayapuri/media/post_attachments/photogallery/2022/dec/dharmendra616704819621670490521-953738.jpg)
उनकी जिंदगी सिर्फ संघर्ष से घिरी नहीं रही बल्कि वे उन पलों की भी मिसाल हैं, जब उन्होंने हार को जीत में बदला। कई बार जब फिल्में असफल हुईं या जब उनके पर्सनल संबंधों को लेकर मुश्किलें आईं, तब भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। शराब की आदत ने उन्हें घेर लिया था, मगर उन्होंने अपने अंदर की ताकत को आजमाते हुए उस बुरी आदत को छोड़ दिया। उन्होंने कहा, "मैंने फैसला किया कि मैं अपने जज्बे से हार नहीं मानूंगा। जो भी करता हूं, दिल से करता हूं।"
/mayapuri/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/11/RIP_DHARMENDRA-312321.jpg)
उनकी जिंदगी की असली कहानी वह दौर है, जब वे खुद को टूटता हुआ महसूस करते थे, पर हर बार उठ खड़े होते थे। उन्होंने कहा, "ज़िंदगी में हार होती ही है, लेकिन हार मान लेना असली हार है। जो दिल से लड़ता है, वही जीतता है।"
धर्मेंद्र जी द्वारा लिखे नज्म, उनका शे'र ओ शायरी से जुड़ाव, उनके जज्बे की गवाही देते हैं। वे शुरू से ही खुद बहुत कुछ लिखते रहे हैं, कोई उन्हे कुछ सुनाते या कहीं कोई शे'र या नज़्म दिल को छू जाते तो वे जैसे पल भर के लिए ठहर जाते हैं। दर्द और जीत, ये एहसास उनकी आंखे नम कर देती है।
धरम जी बेहद पॉजिटिव इंसान हैं। उनके लिए "दर्द के बादल जितना घने होंगे, जीत की धूप उतनी ही तेज चमकेगी।" (Dharmendra health update Breach Candy Hospital)

उनका मानना है कि राह चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, मंजिल उन्हीं को मिलती है जो चलते रहते हैं।"
Saher Bamba Naina: रहस्य सुलझा साहेर बाम्बा की "ख़ास" महिला एआई स्टार नैना निकली
"किस्मत बदलती है मेहनत करने वालों की और जब मेहनत उनको साथ दे, तो अंधेरे में भी रोशनी मिलती है।" ठीक यही हुआ धरम जी के साथ।
![]()
धर्मेंद्र को अपनी हर सफलता या कभी कभी लगने वाली असफलता के दौरान अपनी माता जी की बड़ी याद आती है। वे कहते हैं कि उनकी सफलता उनकी मां की दुआओं और दर्शको के प्यार का नतीजा है और उनके हर दर्द में उनकी माँ की कराह शामिल है, उन्होने कहा,"
खामोश चीख...तड़पते अरमानों की मेरे,
मेरी मां से सुन ली थी..
तलाशते अरमानों में..ख्वाब अनहोने,
हो जाए पूरे मेरे बेटे की!!
अर्जी-ए-मुकद्दर-ए-खास ये
यकीनन मेरी मां की दुआ थी!!!
/mayapuri/media/post_attachments/2021/05/Dharmendra--423415.png?w=374)
उन्हे अपने बहुत व्यस्त दिनों में, अपने पिता जी के पास ज्यादा वक्त ना बैठ पाने का भी शिद्दत से एहसास हुआ, उन्होने कहा, "इतिहास दोहराता है, तब मेरे पिता जी इंतज़ार करते थे कि कब मैं अपने व्यस्त शेड्यूल में से थोड़ा वक्त निकाल कर उनके पास बैठूं। आज मुझे भी वही एहसास होता है जब मेरे बच्चे बहुत व्यस्त रहते हैं।
/mayapuri/media/post_attachments/media/details/ANI-20240429140720-435443.jpg)
उनके जीवन में तब से अब तक जो सबसे बड़ी ताकत है वह यह मानने से है कि सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हक हर इंसान को है। चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, अपना रास्ता बनाना, उठ खड़े होना और चुनौतियों को गले लगाना जरूरी है। इसीलिए धर्मेंद्र गाँव के उस छोरे से एक बॉलीवुड के लीजेंड बने जिन्हे हर कोई आज “गरम धरम” कहकर प्यार करता है। उनकी जिंदगी एक फिल्म से कम नहीं, प्यार, दर्द, जज्बा, और विजय से भरी हुई।
/mayapuri/media/post_attachments/ibnlive/uploads/2025/10/Dharmendra-Underworld-2025-10-ba4186f29bfe9e2be93c2b8d7bc92623-198551.jpg)
धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के नसराली गांव में हुआ था। उनके पिता स्कूल हेडमास्टर थे, लेकिन परिवार खेती-किसानी से भी जुड़ा हुआ था।
/filters:format(webp)/mayapuri/media/media_files/2025/11/15/522649910_1202979544966325_8337634596838353123_n-2025-11-15-11-13-04.jpg)
संघर्ष के दौरान किसी मंदिर के पास घंटों बैठकर उन्होंने अपने सपनों को संजोया और वही उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी।
उनका मानना है, "जरूरी नहीं कि हर वक्त हम जीतें, लेकिन ये ज़रूरी है कि हम हार के सामने सिर झुकाएं नहीं।"
/mayapuri/media/post_attachments/sites/default/files/styles/full/public/2025/11/11/2729968-untitled-design-1-602325.jpg)
/mayapuri/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/11/12_10_16467276011_15_230124300dharmendra-farmhouse7_151-ll-ll-778365.jpg)
वे कहते हैं , "मैंने अपनी ज़िंदगी को दोबारा लिखा।"
खेतों की मिट्टी से मिली जड़ों ने उन्हें धरती से जोड़ा रखा। अपने फार्महाउस में गाएं, पेड़, और खेत उनके लिए सबसे बड़ा सहारा हैं ।
कभी उन्होने बातों बातों में कहा है "ज़िंदगी में हार होती है, लेकिन हार मानना भी क्या ज़िंदगी है?"
![]()
जहां भी कोई नज़्म या शेर पढ़ने को मिलता है वे ठहर जाते है। उन्हें हर जज्बात पसंद है चाहे खुद की लिखी हो या किसी और की। "दूसरों की उम्मीदों से आगे बढ़ो, क्योंकि अपनी मंजिल वही है जो दिल कहता है।"
"डर के आगे जीतें हैं, बस दिल हिम्मत न खोए।
"गर्मी नहीं पड़ती ज़िंदगी में, जिसमे आग जलती हो इरादों की।"
"किस्मत से लड़ो नहीं, अपनी मेहनत से उसे बदलो।"
"जब हर तरफ अंधेरा हो, तभी तो वह तारे चमकते हैं।"
"ज़िंदगी का असली मज़ा तब है, जब तूफानों से डोली हो।"
"मैं किसान का बेटा हूं, इसलिए मिट्टी से उसका रिश्ता कभी नहीं टूट सकता।"
जीत उसी की होती है जो चलना कभी नहीं छोड़ता।
/mayapuri/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/11/Dharmendra-Health-Live-Updates-922376.jpg)
उनके बेटे बॉबी देओल और पत्नी हेमा मालिनी ने बताया कि वे घर आकर धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। उनका हौसला, उनकी फैंस की दुआएं और उनका अडिग विश्वास ही उनकी असली ताकत है। 89 साल की उम्र में भी यह 'ही-मैन' हमें सिखा रहा है कि जिंदगी चाहे कितनी भी मुश्किलों से भरी हो, हार मानना मंजूर नहीं।"अस्पताल उनका घर नहीं, लड़ाई का मैदान था ।"
धर्मेंद्र के जीवन की सुपरहिट फिल्में और उनका असर:--
धर्मेंद्र ने लगभग 300 फिल्मों में काम किया जो उनकी प्रतिभा और संघर्ष को प्रतिध्वनित करती हैं। इनमें फिल्में जैसे बंदिनी , अनुपमा,'शोले', 'सत्यकाम', 'खामोशी', 'सीता और गीता', प्रतिज्ञा,'धर्मवीर' चुपके चुपके, हकीकत फूल और पत्थर, मेरा गांव मेरा देश, जीवन मृत्यु, नया ज़माना, गुलामी, आंखे, दोस्त, चरस, अनपढ़, आदि शामिल हैं। हर फिल्म में उनकी मेहनत और हिम्मत झलकती है।
/mayapuri/media/post_attachments/177df8ff-a50.png)
मुंबई के गैराज से चली उनकी यह यात्रा इस बात की गवाह है है कि मेहनत, हौंसला और उम्मीद से बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसान हो जाती है। उनकी हर जीत में वह किसान का बेटा छुपा है, जिसकी जड़ें मिट्टी से बनी हैं और जिसकी छांव में कदम आगे बढ़ना आसान होता है। जो धरम जी के साथ जुड़ते हैं, उनके दिलों को छू जाती हैं उनकी बातें, उनके शेर और उनकी जिंदगी इस कदर कि एक बार उन्होंने कहा था, दिल्ली में वो रास्तों पर चलता था, जहां से गुजरती थिएटर की गाड़ियां जाती थीं, मेरे सपनों की तरफ मैं चला जा रहा था।"
/mayapuri/media/post_attachments/wikipedia/commons/c/cc/The_President,_Smt._Pratibha_Devisingh_Patil_presenting_the_Padma_Bhushan_Award_to_Shri_Dharmendra_Deol,_at_an_Investiture_Ceremony-II,_at_Rashtrapati_Bhavan,_in_New_Delhi_on_April_04,_2012-375677.jpg)
भारत सरकार ने उनको पद्मश्री सम्मान से और फिल्मफेयर ने लाइफ टाइम सम्मान से नवाजा है।
FAQ
Q1: धर्मेंद्र को "गरम धरम" क्यों कहा जाता है?
A: धर्मेंद्र को उनकी दमदार पर्सनालिटी, एक्शन भूमिकाओं और हैंडसम लुक्स के कारण "गरम धरम" कहा जाता है।
Q2: धर्मेंद्र को असली ग्रीक गॉड क्यों कहा जाता है?
A: अपने करियर की शुरुआत से ही धर्मेंद्र अपनी आकर्षक पर्सनालिटी और हैंडसम लुक्स के लिए मशहूर रहे, इसलिए उन्हें बॉलीवुड का पहला "ग्रीक गॉड" कहा जाता है।
Q3: धर्मेंद्र का हाल ही में अस्पताल में भर्ती होना किस वजह से चर्चा में रहा?
A: उनकी उम्र 89 साल होने के बावजूद, अस्पताल से स्वस्थ होकर परिवार के साथ घर लौटने की खबर ने उनके फैंस और शुभचिंतकों में राहत और खुशी की लहर दौड़ा दी।
Q4: धर्मेंद्र ने कठिन स्वास्थ्य स्थिति से कैसे उबरकर सबको हैरान किया?
A: अपनी मजबूत इच्छाशक्ति, जज़्बे और शारीरिक मजबूती के कारण उन्होंने तेजी से रिकवरी की, जिससे डॉक्टर और फैंस सभी प्रभावित हुए।
Q5: क्या धर्मेंद्र अपनी उम्र में भी उतने ही सक्रिय हैं?
A: हाँ, धर्मेंद्र अपनी जिंदादिली, सकारात्मक सोच और ऊर्जा के कारण आज भी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।
about Dharmendra | Angry Sunny Deol snaps at paparazzi outside his home amid father Dharmendra's health scare | anupam kher dharmendra shooting seen | Apne 2 | Sunny Deol | Bobby Deol | Dharmendra | Karan Deol | Director Anil Sharma Confirms Apne 2 | birthday actor dharmendra | birthday dharmendra | bollywood actor dharmendra | bobby deol sunny deol dharmendra movie | Dharmendra 88th Birthday | Dharmendra 87 Birthday | 10 bollywood films not present in content
Follow Us
/mayapuri/media/media_files/2025/11/14/cover-2667-2025-11-14-19-08-39.png)