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Sanjay Leela Bhansali के साथ काम करना चाहती है Dabba Cartel की एक्ट्रेस Anjali Anand

फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) और रितेश सिधवानी (Ritesh Sidhwani) के एक्सेल एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी वेब सीरीज ‘डब्बा कार्टेल’ (Dabba Cartel) ने खूब वाहवाही लूटी है...

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Sanjay Leela Bhansali के साथ काम करना चाहती है Dabba Cartel की एक्ट्रेस Anjali Anand
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फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) और रितेश सिधवानी (Ritesh Sidhwani) के एक्सेल एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी वेब सीरीज ‘डब्बा कार्टेल’ (Dabba Cartel) ने खूब वाहवाही लूटी है. साथ ही वेब सीरीज की एक्ट्रेस अंजलि आनंद (Anjali Anand) ने अपने दमदार अभिनय से एक बार फिर अपनी प्रतिभा को सभी के सामने लाकर रख दिया है. अपनी इस सफलता से खुश अंजलि ने हाल ही में मीडिया को एक इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू में अंजलि ने सीरीज में अपनी पावरफुल परफोर्मेस के बारे में बात करते हुए अपने संघर्ष के अनुभव को भी साझा किया. क्या कुछ कहा, उन्होंने आइये जानते हैं.

आपने हाल ही में ‘डब्बा कार्टेल’ में धूम मचाई है. सीरीज की रिलीज के इतने दिनों बाद भी आपको अलग-अलग प्रतिक्रियाओं और टिप्पणियों से सराहा जा रहा है. ‘डब्बा कार्टेल’ में आपने जिस तरह से भूमिका निभाई, लोगों को वह बहुत पसंद आई. इसे देखते हुए प्रतिक्रियाएं आ रही हैं कि आपको भविष्य में इसी तरह की भूमिका निभानी चाहिए. इस बारे में आप क्या कहेंगी और साथ ही आपको कैसी प्रतिक्रियाएं मिलीं?

मुझे बहुत अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली हैं. बहुत सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आई हैं और हैरानी की बात यह है कि प्रतिक्रियाएं बहुत अलग-अलग रही हैं. हर उम्र के समूह ने इस शो को देखा है. सभी लोग अपने माता-पिता के साथ बैठकर इसे देख रहे हैं. इतना ही नहीं, पति-पत्नी भी इसे एक साथ देख रहे हैं. पूरा परिवार इसे एक साथ देख रहा है. तो मुझे लगता है कि यह शो की सबसे बड़ी जीत है. जहां भी मैं जा रही हूँ, जिनसे भी मिल रही हूँ, हर कोई ‘डब्बा कार्टेल’ के बारे में बात कर रहा है.

Dabba Cartel actress Anjali Anand wants to work with Sanjay Leela Bhansali

आपको जब इस शो की स्क्रिप्ट दी गयी तो आपके मन में सबसे पहले की बात आई? 

मुझे इस स्क्रिप्ट को सुनने का समय नहीं मिला था. जब मुझे यह शो मिला, तो वे पहले ही शूटिंग शुरू कर चुके थे, और आखिरी मिनट में मुझे इस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया, क्योंकि शिबानी ने ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ को देखा था और सोचा था कि मैं शाहिदा हूँ. तो मुझे स्क्रिप्ट पढ़ने का समय भी नहीं मिला. मुझे सीधे सेट पर जाना पड़ा. मैंने पाँचवे एपिसोड से स्क्रिप्ट पढ़नी शुरू की. लेकिन बाद, मैंने इसे अच्छे से पढ़ना शुरू किया. जैसे-जैसे मैं सेट पर पहुंची, मैंने बहुत कुछ पढ़ लिया था. लेकिन मुझे लगता है कि शाहिदा का किरदार सफर के दौरान ही बन गया.

‘डब्बा कार्टेल’ में ड्रग्स की तस्करी डब्बे के अन्दर की जा रही है. आपको ये कांसेप्ट कैसा लगा? क्योंकि ड्रग्स के बारे में जो जानकारी है और जिस तरीके से यह बेचा जा रहा है, वह भी कुछ अलग है.

मुझे लगता है कि डब्बा सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है जो भारत में कभी फेल नहीं हुआ. तो, मुझे लगता है कि गैरकानूनी चीज़ को डब्बे में बेचा जा सकता है, अगर आप इन्हें एक साथ लाते हैं, तो यह एक जीनियस आइडिया लगता है. तो, बहुत लोग मुझे कह रहे थे, क्या आप शो बना रही हो या फिर लोगों को आइडिया दे रही हो?

जब मैंने आपका डायलॉग सुना, जब दूसरे किरदार ने कहा कि “आठ पैकेट बांध लेते हैं,” आपने कहा, "नहीं, नहीं, दस करें." तो उन्होंने कहा, "नहीं." तो आपने कहा, "लो ये ले लो." क्या आप उस समय के कुछ पल बता सकती है?

आप शो में भी देखेंगे कि हम पांचों की केमिस्ट्री बहुत अच्छी थी. हम सब एक साथ काम करने में बहुत मज़ा कर रहे थे. मुझे लगता है कि वही लोग देख रहे हैं. हमें यह महसूस नहीं हुआ कि हम इतनी मेहनत कर रहे हैं क्योंकि कुछ समय बाद हम अपने-अपने किरदार बन गए थे. हम सभी अपने किरदारों की तरह व्यवहार कर रहे थे और हर दिन एक-दूसरे के साथ अपने किरदारों की तरह जी रहे थे.तो, हम सभी ने बहुत मजे किया.

 Breaking Bad

यह ड्रग्स का कांसेप्ट, जो कहानी कहने के रूप में था, Breaking Bad से मिलता-जुलता है, तो क्या आपने इसके बारे में सुना है?

लोग इसके समानताएं खींचते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ड्रग्स पर बनाई गई हर फिल्म एक जैसी होगी. ‘डब्बा कार्टेल’ पूरी तरह से अलग है, क्योंकि यहां जिस तरह से ड्रग्स बेचे जा रहे हैं और घटनाएं घट रही हैं, वह Breaking Bad से अलग है. Breaking Bad एक बेहतरीन शो है, लेकिन भारत में पांच महिलाएं इस ड्रग्स के साथ मशहूर हो रही हैं, और मैं इसके लिए खुश हूँ. 

आपको स्क्रीन टाइम से कितना फर्क पड़ता है?

बिल्कुल भी नहीं, अभी मेरे पास कुछ प्रोजेक्ट है जिसमें मेरे सिर्फ 2 सीन है तो बस आपको अपना काम पसंद आना चाहिए. अगर उस काम से आपका घर चल रहा है तो फिर कोई दिक्कत नहीं है.

हमने आपके एक इंटरव्यू में सुना था कि आपने कहा कि मैं कहानियां सुनती हैं, अगर कहानी पसंद आती है और पैसे कम होते है तो मैं कर लूँगी वहीँ अगर पैसे ज्यादा हो और कहानी इतनी अच्छी न भी हो तो भी मैं कर लूंगी. इस बारे में कुछ बताये.

हां, कभी-कभी अगर पैसे अच्छे नहीं होते, लेकिन कहानी इतनी अच्छी होती है तो मैं उसका हिस्सा बनना चाहूंगी. मुझे लगता है कि कल यह चीज़ दुनिया में बहुत महत्व पाएगी तो, भी मैं वह करूंगी.

abnh

आप अपनी स्क्रिप्ट को कैसे चुनती हैं?

मैं अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर भरोसा करती हूँ. जैसे ही मैं कोई स्क्रिप्ट सुनती हूँ, मुझे एक आंतरिक एहसास महसूस होता है. मैं उस आंतरिक एहसास पर बहुत विश्वास करती हूँ.

क्या आपको अपने मोटापे की वजह से किसी समस्या का सामना करना पड़ा?

नहीं, मुझे ऐसा कुछ झेलना नहीं पड़ा. जो सभी लोग कहते थे कि मैं यह नहीं कर सकती, मैंने सब कुछ किया है, मैंने रियलिटी, टीवी, वेब, मूवीज कीं. इसके अलावा मैंने कमर्शियल मूवीज भी की है तो, मैंने सब कुछ किया है.

आपने टीवी किया, रियलिटी शो किए, और फिल्मों में कदम रख रही हैं, तो आपको सबसे ज्यादा किस चीज़ का आनंद आता है?

मुझे सेट पर रहना बहुत पसंद है. मैं चाहती हूँ कि मेरा पूरा कैलेंडर भरा हो, और मुझे अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में काम करना अच्छा लगता है, चाहे वह अच्छे पैसे दें, कंटेंट दें या उसके ज़रिये अच्छे लोग मिलें.

Anjali Anand टीवी सीरियल ‘ढाई किलो प्रेम’

आपकी यात्रा टीवी सीरियल ‘ढाई किलो प्रेम’ से शुरू हुआ, इसके बारे में कुछ बताये?

इसकी कहानी बड़ी मजेदार है. मैं एक बार किसी रेस्तरां में बैठकर खाना खा रही थी. तभी मुझे ‘ढाई किलो प्रेम’ के मेकर्स ने देखा और अप्रोच किया. मैं मानती हूँ कि आपकी किस्मत में जो लिखा है वो आपको मिलेगा ही. ‘रॉकी और रानी के प्रेम कहानी’ में भी किसी ने मेरा नाम सुझाया था. 

अगर हम आपसे बात करें, तो आप किसे ज्यादा महत्व देती हैं, कर्म या धर्म?

कर्म! क्योंकि, मुझे लगता है कि किसी के प्रति दयालु होना, चाहे वह धार्मिक व्यक्ति हो या नहीं. अगर आप उनसे प्यार से बात करते हैं, तो, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. वह व्यक्ति आपको याद रखेगा. साथ ही मुझे लगता है कि धर्म में भी कर्म और प्रेम की बहुत जरूरत है.

आपके लिए आत्मा की शांति (spirituality) क्या है?

आत्मा की शांति मेरे लिए आपका सबसे जागरूक स्वरूप है. यह कुछ भी बाहर नहीं है, जो भी मैं अंदर है, वही मेरे लिए है. आत्मा की शांति एक बहुत व्यक्तिगत चीज़ है और हर किसी के लिए अलग होती है. मैं किसी एक चीज़ का अनुसरण नहीं करती, क्योंकि हर किसी का शांति से जीने का तरीका अलग होता है.

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अगर आप अगले किसी जोनर में काम करना चाहें तो वे क्या होगा?

मैं एक पूरा ड्रामा करना चाहूंगी, लेकिन अगला काम मैं एक कॉमेडी कर रही हूँ, जिसका मैं इंतजार कर रही हूँ. 

कोई विशेष निर्देशक या अभिनेता जिनके साथ आप काम करना चाहती हैं?

मैं सभी के साथ काम करना चाहती हूँ , जो अच्छी स्क्रिप्ट और अच्छा काम लाते हैं. मैं संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) के साथ भी काम करना चाहूंगी.

आप अपने प्यारे दर्शकों और फैंस के लिए कुछ कहना चाहेंगी?

8 साल के लंबे करियर के बाद आप लोग मुझे जान पाए है. लेकिन, मुझे खुशी है कि लोगों ने मुझे जाना. इस दौरान बहुत से नयी ऑडियंस मेरे साथ जुड़ी है. देखते रहिए, जुड़ते रहिए. हम दिल से काम कर रहे हैं. आप दिल से देखते रहिए. 

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